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मासूम से बलात्कार मामले में कोर्ट ने दोषी को सुनाई सजा, 8 साल कारावास सहित ₹50 हजार का जुर्माना

देहरादून में 2018 में हुए मासूम से रेप मामले में पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को 8 साल करावास की सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने जुर्माने की धनराशि से ₹40 हजार पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति प्रदान करने के आदेश दिए हैं.

Dehradun POCSO Court sentenced
कोर्ट ने दोषी को सुनाई सजा
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Published : Jun 30, 2022, 7:56 PM IST

देहरादून: 5 वर्षीय बच्ची से बलात्कार करने वाले आरोपी को देहरादून पॉक्सो कोर्ट ने दोषी करार दिया है. सुनवाई में कोर्ट ने दोषी को 8 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इतना ही नहीं विशेष पॉक्सो कोर्ट की अपर जिला न्यायाधीश मीना देउपा की अदालत ने दोषी सचिन पुत्र राजपूत पर 50 हजार का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है.

कोर्ट ने जुर्माने की धनराशि से ₹40 हजार पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति प्रदान करने के आदेश दिए हैं. जुर्माने की राशि अदा न करने पर अभियुक्त को 3 माह के कठोर कारावास की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. पॉक्सो कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता जया ठाकुर ने बताया कि आईपीसी की धारा 376 और पॉक्सो 4 अधिनियम के तहत दोषी सचिन पुत्र को 8 वर्ष की कठोर सजा और ₹50000 का जुर्माना लगाया गया है.

जया ठाकुर ने कहा बच्ची से दुष्कर्म का यह मामला, 16 जुलाई 2018 का है. डोईवाला क्षेत्र के अंतर्गत राजीव नगर में सचिन परचून की दुकान चलाता था. इसी दौरान पड़ोस में रहने वाली 5 साल की मासूम बच्ची को सचिन बहला-फुसलाकर अपने दुकान टॉफी खिलाने के बहाने लाता और उसके साथ दुष्कर्म प्रयास करता था. सचिन द्वारा दो बार उसके साथ गलत कार्य करने का प्रयास किया गया.

ये भी पढ़ें: धामी सरकार ने पूरा किया 100 दिनों का कार्यकाल, मुख्यमंत्री ने खूब गिनाईं उपलब्धियां

तीसरी बार जब उसने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. इस दौरान बच्चे की चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर बच्ची की बुआ दुकान में दौड़ती हुई आई. तब जाकर इस करतूत का पर्दाफाश हुआ. घटना के बाद बच्ची की हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल भर्ती कराया गया था. जहां मेडिकल जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी. इस मामले की शिकायत पुलिस तक ना पहुंचे, इसको लेकर अभियुक्त ने पीड़ित बच्ची के पिता पर मानसिक दबाव बनाते हुए समझौते का प्रयास किया. जिसके कारण कुछ दिन तक यह मामला पुलिस तक जाने से रुका रहा.

वहीं, बच्ची की हालत सुधरता ना देख पीड़ित परिजनों ने पुलिस को तहरीर दी. जिसके बाद प्रारंभिक जांच और मेडिकल पुष्टि के आधार पर सचिन के खिलाफ 376 पॉक्सो की धारा 4 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. इस मुकदमे में पीड़ित बच्ची की बुआ कोर्ट में गवाह बनी. बच्ची की बुआ ने कोर्ट में गवाही दी कि उसके सामने उसने बच्ची को दुष्कर्म की हालत में आरोपी को पाया. उधर, मेडिकल जांच रिपोर्ट में बच्ची के साथ तीन बार दुष्कर्म की पुष्टि हुई.

जया ठाकुर के मुताबिक, पुलिस ने इस मामले में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की और चश्मदीद गवाह और अन्य सबूतों और साक्ष्य के आधार पर कोर्ट ने सचिन को मासूम बच्ची के साथ दोषी करार देते हुए 8 साल की कठोर सजा और ₹50000 का जुर्माना लगाया है.

देहरादून: 5 वर्षीय बच्ची से बलात्कार करने वाले आरोपी को देहरादून पॉक्सो कोर्ट ने दोषी करार दिया है. सुनवाई में कोर्ट ने दोषी को 8 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इतना ही नहीं विशेष पॉक्सो कोर्ट की अपर जिला न्यायाधीश मीना देउपा की अदालत ने दोषी सचिन पुत्र राजपूत पर 50 हजार का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है.

कोर्ट ने जुर्माने की धनराशि से ₹40 हजार पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति प्रदान करने के आदेश दिए हैं. जुर्माने की राशि अदा न करने पर अभियुक्त को 3 माह के कठोर कारावास की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. पॉक्सो कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता जया ठाकुर ने बताया कि आईपीसी की धारा 376 और पॉक्सो 4 अधिनियम के तहत दोषी सचिन पुत्र को 8 वर्ष की कठोर सजा और ₹50000 का जुर्माना लगाया गया है.

जया ठाकुर ने कहा बच्ची से दुष्कर्म का यह मामला, 16 जुलाई 2018 का है. डोईवाला क्षेत्र के अंतर्गत राजीव नगर में सचिन परचून की दुकान चलाता था. इसी दौरान पड़ोस में रहने वाली 5 साल की मासूम बच्ची को सचिन बहला-फुसलाकर अपने दुकान टॉफी खिलाने के बहाने लाता और उसके साथ दुष्कर्म प्रयास करता था. सचिन द्वारा दो बार उसके साथ गलत कार्य करने का प्रयास किया गया.

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तीसरी बार जब उसने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. इस दौरान बच्चे की चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर बच्ची की बुआ दुकान में दौड़ती हुई आई. तब जाकर इस करतूत का पर्दाफाश हुआ. घटना के बाद बच्ची की हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल भर्ती कराया गया था. जहां मेडिकल जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी. इस मामले की शिकायत पुलिस तक ना पहुंचे, इसको लेकर अभियुक्त ने पीड़ित बच्ची के पिता पर मानसिक दबाव बनाते हुए समझौते का प्रयास किया. जिसके कारण कुछ दिन तक यह मामला पुलिस तक जाने से रुका रहा.

वहीं, बच्ची की हालत सुधरता ना देख पीड़ित परिजनों ने पुलिस को तहरीर दी. जिसके बाद प्रारंभिक जांच और मेडिकल पुष्टि के आधार पर सचिन के खिलाफ 376 पॉक्सो की धारा 4 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. इस मुकदमे में पीड़ित बच्ची की बुआ कोर्ट में गवाह बनी. बच्ची की बुआ ने कोर्ट में गवाही दी कि उसके सामने उसने बच्ची को दुष्कर्म की हालत में आरोपी को पाया. उधर, मेडिकल जांच रिपोर्ट में बच्ची के साथ तीन बार दुष्कर्म की पुष्टि हुई.

जया ठाकुर के मुताबिक, पुलिस ने इस मामले में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की और चश्मदीद गवाह और अन्य सबूतों और साक्ष्य के आधार पर कोर्ट ने सचिन को मासूम बच्ची के साथ दोषी करार देते हुए 8 साल की कठोर सजा और ₹50000 का जुर्माना लगाया है.

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