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बिना नंबर प्लेट सड़क पर 'मौत' बनकर दौड़ रहे निगम के वाहन, हादसा हुआ तो कौन होगा जिम्मेदार? - देहरादून समाचार

देहरादून नगर निगम की ज्यादातर गाड़ियां बिना नंबर प्लेट के ही शहर में दौड़ रही हैं. जिन पर कोई यातायात नियम लागू नहीं हो रहा है.

कूड़ा वाहन
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Published : Sep 10, 2019, 9:04 PM IST

देहरादूनः पूरे देश में बीते एक सितंबर से मोटर व्हीकल एक्ट 2019 लागू हो चुका है. इस एक्ट के लागू होने के बाद नियमों का उल्लंघन करने वाले लोग भारी भरकर चालान को लेकर डर में हैं, लेकिन नगर निगम के कूड़ा वाहनों के लिए कोई यातायात नियम लागू नजर नहीं आ रहा है. इतना ही नहीं कई कूड़ा वाहन बिना नंबर प्लेट के ही सड़कों पर मौत बन कर दौड़ रहे हैं.

देहरादून में बिना नंबर प्लेट की दौड़ रही नगर निगम की कूड़ा वाहनें.

ईटीवी भारत की टीम ने देहरादून नगर निगम के कूड़ा वाहनों का रियलिटी चेक किया. इस दौरान ज्यादातर वाहन बिना नंबर प्लेट के ही मिले. जिन पर यातायात व्यवस्था का कोई नियम भी लागू नहीं हो रहा था. कूड़ा वाहन चालकों का कहना है कि अभी तक उन्हें नंबर प्लेट मुहैया नहीं कराया गया है. ऐसे में निगम की सारी गाड़ियां बगैर नंबर प्लेट के सड़क पर दौड़ रही है.

ये भी पढे़ंः DAV कॉलेज में ABVP की हार पर उच्च शिक्षा मंत्री बोले- अंदरूनी प्रॉब्लम से हुई हार

कुछ ड्राइवरों का कहना है कि उनकी गाड़ी में ही नहीं बल्कि नगर निगम की किसी भी गाड़ी में नंबर नहीं लगा है, ऐसे में वो ही क्यों नंबर प्लेट लगाएं. इसके अलावा अन्य चालकों ने बताया कि अभी गाड़ी नई है और जिससे नंबर प्लेट नहीं आई है. नगर निगम के कूड़े की गाड़ियां सड़कों पर बिना रोक-टोक, बेलगाम तरीके से दौड़ रही है. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि कैसे उत्तराखंड में यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है.

इतना ही नहीं इन गाड़ियों से कई बार दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं. बीते कुछ महीने पहले भी ईसी रोड पर कूड़ा वाहन से हादसा हुआ था, लेकिन नंबर प्लेट ना होने से वाहन का पता ही नहीं चल सका. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि कोई हादसा हो जाए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? नगर निगम के वाहनों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है?

देहरादूनः पूरे देश में बीते एक सितंबर से मोटर व्हीकल एक्ट 2019 लागू हो चुका है. इस एक्ट के लागू होने के बाद नियमों का उल्लंघन करने वाले लोग भारी भरकर चालान को लेकर डर में हैं, लेकिन नगर निगम के कूड़ा वाहनों के लिए कोई यातायात नियम लागू नजर नहीं आ रहा है. इतना ही नहीं कई कूड़ा वाहन बिना नंबर प्लेट के ही सड़कों पर मौत बन कर दौड़ रहे हैं.

देहरादून में बिना नंबर प्लेट की दौड़ रही नगर निगम की कूड़ा वाहनें.

ईटीवी भारत की टीम ने देहरादून नगर निगम के कूड़ा वाहनों का रियलिटी चेक किया. इस दौरान ज्यादातर वाहन बिना नंबर प्लेट के ही मिले. जिन पर यातायात व्यवस्था का कोई नियम भी लागू नहीं हो रहा था. कूड़ा वाहन चालकों का कहना है कि अभी तक उन्हें नंबर प्लेट मुहैया नहीं कराया गया है. ऐसे में निगम की सारी गाड़ियां बगैर नंबर प्लेट के सड़क पर दौड़ रही है.

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कुछ ड्राइवरों का कहना है कि उनकी गाड़ी में ही नहीं बल्कि नगर निगम की किसी भी गाड़ी में नंबर नहीं लगा है, ऐसे में वो ही क्यों नंबर प्लेट लगाएं. इसके अलावा अन्य चालकों ने बताया कि अभी गाड़ी नई है और जिससे नंबर प्लेट नहीं आई है. नगर निगम के कूड़े की गाड़ियां सड़कों पर बिना रोक-टोक, बेलगाम तरीके से दौड़ रही है. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि कैसे उत्तराखंड में यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है.

इतना ही नहीं इन गाड़ियों से कई बार दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं. बीते कुछ महीने पहले भी ईसी रोड पर कूड़ा वाहन से हादसा हुआ था, लेकिन नंबर प्लेट ना होने से वाहन का पता ही नहीं चल सका. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि कोई हादसा हो जाए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? नगर निगम के वाहनों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है?

Intro:please Note this is special Story----

एंकर- देश में संशोधित मोटर वाहन एक्ट 2019 के लागू होने के बाद जहां एक तरफ पूरे देश में यातायात नियमों के उल्लंघन को लेकर लोगों में दहशत है तो वहीं उत्तराखंड में देहरादून नगर निगम के कूड़ा वाहनों के लिए यातायात नियमो के कोई मायने नही है। परिवहन वीभाग द्वारा निगम के इन वाहनों को लेकर नींद बताती है कि किस तरह से यंहा नियमो के पालन को लेकर केवल जनता को परेशान किया जाता है लेकिन खुश सरकारी संस्थाओं के लिए इन नियमो का कोई मतलब नही है। तो वही सड़को पर मौत के सौदागर बन कर दौड़ते इन वाहनों से होनी वाली दुर्घटनाओं के लोए कौन जिम्मेदार होगा ये भी सरकार को बताना होगा।


Body:वीओ- पूरे देश में संशोधित मोटर वाहन एक्ट 2019 एक सितंबर से लागू हो चुका है जिसका असर पूरे देश में आप अखबार मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से देख रहे होंगे। लेकिन यह जानकर आपको बहुत हैरानी होगी कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में यह सभी नियम फेल है। नए नियम जो छोड़िए यातायात व्यवस्था का जो मूल नियम है जिसके जरिए बाकी सारे नियमों का पालन होता है। यहां तो उसकी भी कोई मायने नहीं है।
वाहन में लगने वाले नंबर प्लेट से आपका वाहन पहचाना जाता है यदि आपका वाहन ट्रैफिक नियम तोड़ता है तो उन्हीं नंबर प्लेट के माध्यम से बाकी की सारी कार्यवाही भी होती है। लेकिन देहरादून नगर निगम के कूड़ा वाहनों को लेकर न जाने नगर निगम देहरादून को संविधान से ऐसी कौन सी विशेष शक्तियां मिली है की ना तो इन पर नम्बर प्लेट लगा है और ना ही इन पर यातायात व्यवस्था का कोई नियम लागू हो रहा है।

इसी को लेकर जब हमने बिना नंबर प्लेट कि इन कूड़ा वाहनों के चालकों से बात की तो सभी हमारे नंबर प्लेट के सवाल पर काफी खुश दिखे। यातायात व्यवस्था के इस भयानक दौर में जहां लोगों का रोजाना दसियों हजार का चालान हो रहा है उस दौर में बिना नंबर प्लेट की गाड़ी चलाने का सौभाग्य प्राप्त इन नगर निगम के कूड़ा वाहन चालकों की खुशी का अंदाजा भी आसानी से लगाया जा सकता है। बहरहाल हमारे सवाल पर कुछ ड्राइवरों का कहना है कि मेरी गाड़ी में ही नहीं बल्कि नगर निगम की किसी की गाड़ी में भी नंबर पर नहीं लगा है तो मैं क्यों लगाऊ ? इसके अलावा किसी ने कहा कि अभी गाड़ी नयी है और नंबर प्लेट आई नहीं है।

लेकिन हम और आप जब कोई वाहन खरीदने जाते हैं तो बिना नंबर प्लेट के वाहन सड़क पर उतर भी नहीं पाता है और यह नियम भी है। लेकिन धन्य हो नगर निगम की इस विशेष शक्ति को जो कि इन बिना नंबर प्लेट की गाड़ियों को सड़क दौड़ा रही है।

जिस तरह से नगर निगम के कूड़ा गाड़ियां देहरादून के सड़कों पर बिना रोक-टोक, बेधड़क, बेलगाम तरीके से दौड़ रही है उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि कैसे उत्तराखंड में यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इतना ही नहीं इन गाड़ियों से कई बार दुर्घटनाएं भी होती है। हाल ही के महीने में देहरादून के ईसी रोड पर नगर निगम का एक कूड़ा वाहन सड़क पर ऐसे सब को जानते हो चला गया जैसे कि कोई मौत हाथ में लेकर सड़क पर उतरा हो लेकिन जवाब में आता है कि कौन था जिसका पता ही नहीं चला।



Conclusion:
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