देहरादून: राजधानी के 100 वार्डों में कूड़ा उठान का काम रैमकी कंपनी कर रही (Ramky company is doing garbage collection) है. जिसके लिए कंपनी ने डोर टू डोर कूड़ा उठान (door to door garbage collection) के लिए 125 गाड़ियों लगा रखी हैं. इन गाड़ियों में कंपनी द्वारा 2019 में जीपीएस सिस्टम लगाए गए थे. ताकि गाड़ियों की सही लोकेशन पता चल सके, लेकिन यह जीपीएस सफल नहीं हुआ और वाहन चालक मनमानी करते हुए कूड़ा उठान नहीं कर रहे थे. जिसकी शिकायत मिलने पर अब देहरादून नगर निगम (Dehradun Municipal Corporation) इन गाड़ियों में अब लगे जीपीएस सिस्टम को अपग्रेड करने जा रहा है.
लंबे समय से देहरादून नगर निगम प्रशासन को शिकायत मिल रही थी कि शहर के कई वार्डों में नियमित रूप से कूड़ा उठाने के लिए गाड़ियां नहीं आ रही है. जिसको लेकर अब नगर निगम प्रशासन जीपीएस सिस्टम को अपग्रेड करने जा रहा है. जीपीएस सिस्टम अपग्रेड (GPS system upgrade) करने से गाड़ियों के रूट के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी. जिसके बाद गाड़ियों के ड्राइवरों की मनमानी नहीं चल पायेगी. नगर निगम प्रशासन यह व्यवस्था अगले एक महीने में शुरू कर देगी.
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अब कूड़ा उठाने वाले गाड़ियों के ड्राइवर किसी भी तरह का कोई बहाना नहीं बना पाएगा. जिससे ही सभी वार्डों में कूड़े की समस्या (garbage problem in wards) पर लगाम लग सकेगी. साथ ही इस कंट्रोल रूम में गाड़ियों का एक महीने तक का रिकॉर्ड रखा जाएगा. कंपनी ने वार्डों में 125 जीपीएस सिस्टम वाली गाड़ियां (cars with gps system) लगाई हैं. इन गाड़ियों को नगर निगम में बने कंट्रोल रूम से मॉनिटरिंग किया जाएगा. साथ ही इस कंट्रोल रूम से एक महीने तक की रिकॉर्डिंग देख सकते हैं.
देहरादून नगर आयुक्त मनुज गोयल (Dehradun Municipal Commissioner Manuj Goyal) ने कहा वर्तमान में जो गाड़ियों में जीपीएस लगे हुए हैं, वह सिर्फ लोकेशन बताते है, लेकिन अब पूरे सिस्टम को अपग्रेड करने की कोशिश कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि एक महीने के अंदर सभी काम पूरे हो जाएंगे. जब यह नया सिस्टम अपग्रेड हो जाएगा तो आसानी से पता लग जाएगा कि गाड़ी को जिस रूट पर जाना था, वह उस रूट पर पहुंची है या नहीं. साथ ही गाड़ी ने कितने प्रतिशत रूट कवर किया और घरों से कूड़ा डंप करने के बाद कहा गई.
उन्होंने कहा यह सभी जानकारी मिलनी जरूरी है. ताकि सभी गाड़ियों की मॉनिटरिंग की जा सके. वर्तमान व्यवस्था में निगम प्रशासन को सिर्फ वाहन की लोकेशन एक साथ एक स्क्रीन पर दिखाई देती है, लेकिन गाड़ियों ने कितना काम किया है. वह सब नहीं दिखाई देता.