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खतरनाक स्पोर्ट्स और एडवेंचर के लिए तैयार हो रही दून की ये जुड़वा बहनें

इस खतरनाक रेस में जहां उन्हें इस बार उन्हें ऊंचे पहाड़ों पर तो चढ़ना ही होगा, साथ ही पानी के खतरनाक लहरों घने जंगलो और पथरीले रास्तों से होकर गुजरना है. जुड़वा बहनें ताशी और नुंग्शी ने इस मिशन पर जाने से पहले ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की.

खतरनाक स्पोर्ट्स और एडवेंचर के लिए तैयार हो रही दून की ये जुड़वा बहनें.
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Published : Aug 18, 2019, 3:58 PM IST

Updated : Aug 18, 2019, 7:35 PM IST

देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड की ये दोनों जुड़वा बहनें किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं. इन दोनों बहनों ने पर्वतारोहण और रोमांच में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. एवरेस्ट फतह करने वाली जुड़वां बहनें ताशी और नुंग्शी उस मिशन के लिए तैयार हो रही है जो दुनिया के सबसे खतरनाक स्पोर्ट्स एडवेंचर के लिए जाना जाता है. सात समंदर पार फिजी में होने जा रही इस रेस के लिए ताशी और नुंग्शी को भारत से चुना गया है. जिसमें उनके साथ ऋषिकेश के परवीन भी रहेंगे. जिसके लिए वे काफी मेहनत कर रही हैं.

खतरनाक स्पोर्ट्स और एडवेंचर के लिए तैयार हो रही दून की ये जुड़वा बहनें.

गौर हो कि इस खतरनाक रेस में जहां उन्हें इस बार उन्हें ऊंचे पहाड़ों पर तो चढ़ना ही होगा, साथ ही पानी के खतरनाक लहरों घने जंगलों और पथरीले रास्तों से होकर गुजरना है. जुड़वा बहनें ताशी और नुंग्शी ने इस मिशन पर जाने से पहले ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. उत्तराखंड की जुड़वा बहने ताशी और नुंग्शी का कहना है कि वे इस टास्क के लिए बेहद उत्साहित हैं. जब उनको इस रेस का ऑफर आया तब से लेकर आज तक वे बस उस खास टास्क की तैयारी में लगे है.

पढ़ें-'अभिव्यक्ति, समानता और स्वतंत्रता को लेकर बहुत याद आ रहे गांधी'

नुंग्शी ने बताया की इस रेस में पूरी दुनिया से 30 टीमें भाग ले रही हैं और सभी बेहद डेंजर और खतरनाक खेलों में पारंगत हासिल करने वाले लोग होंगे. भारत से सिर्फ उन्हें और परवीन को चुना गया है और उनके लिए बेहद गर्व की बात है कि उन्हें भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा. ताशी कहती है कि ये इस रेस को ओलम्पिक ऑफ एडवेंचर कहा जाता है, लिहाजा इसकी तैयारी भी सुबह से लेकर शाम तक चल रही है.

वे बताती हैं कि अब एक ऐसा काम करने जा रहे है जो आज से पहले नहीं किया है, क्यूंकि अब तक सिर्फ पहाड़ चढ़े हैं. लेकिन अब पहाड़ों के साथ साथ वो सभी खतरनाक खेल इसमें हमें खलने होंगे पड़ेंगे. इस रेस के लिए हम आर्मी बल्कि नेवीशील कमांडो के साथ दो महीने से ट्रेनिंग कर रहे हैं. ये ट्रेनिंग बेहद खतरनाक और कई कई घंटे की होती है. क्यूंकि हम नहीं चाहते कि अपनी तरफ से कोई भी किसी तरह की कमी हो.

इसलिए अच्छी बात ये है कि हम रेस में तब तक प्रतिभाग नहीं कर पाएंगे, जब तक हमारे पास सभी ट्रेनिंग के सर्टिफिकेट न हो. फिलहाल हम सभी सर्टिफिकेट हासिल कर चुके हैं. इतना ही नहीं ये ट्रेनिंग इतनी मुश्किल है कि उनका वजन भी घट गया है. फिलहाल दोनों बहनों का साथ न केवल पूरा उत्तराखंड दे रहा है. बल्कि सबसे अधिक हर बार की तरह उनके पिता भी इस टास्क के लिए उन्हें तैयार कर रहे है.

दोनों बहनों का कहना है कि वे रेस के साथ-साथ बेयर ग्रिल्स से मिलने के लिए भी बेहद उत्साहित हैं. तीन साल पहले वे ग्रिल्स से मिल चुकी है और इस रेस में वो न केवल रेस में हिस्सा लेंगे बल्कि रेस और भी रोमांचकारी होने वाली है.

देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड की ये दोनों जुड़वा बहनें किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं. इन दोनों बहनों ने पर्वतारोहण और रोमांच में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. एवरेस्ट फतह करने वाली जुड़वां बहनें ताशी और नुंग्शी उस मिशन के लिए तैयार हो रही है जो दुनिया के सबसे खतरनाक स्पोर्ट्स एडवेंचर के लिए जाना जाता है. सात समंदर पार फिजी में होने जा रही इस रेस के लिए ताशी और नुंग्शी को भारत से चुना गया है. जिसमें उनके साथ ऋषिकेश के परवीन भी रहेंगे. जिसके लिए वे काफी मेहनत कर रही हैं.

खतरनाक स्पोर्ट्स और एडवेंचर के लिए तैयार हो रही दून की ये जुड़वा बहनें.

गौर हो कि इस खतरनाक रेस में जहां उन्हें इस बार उन्हें ऊंचे पहाड़ों पर तो चढ़ना ही होगा, साथ ही पानी के खतरनाक लहरों घने जंगलों और पथरीले रास्तों से होकर गुजरना है. जुड़वा बहनें ताशी और नुंग्शी ने इस मिशन पर जाने से पहले ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. उत्तराखंड की जुड़वा बहने ताशी और नुंग्शी का कहना है कि वे इस टास्क के लिए बेहद उत्साहित हैं. जब उनको इस रेस का ऑफर आया तब से लेकर आज तक वे बस उस खास टास्क की तैयारी में लगे है.

पढ़ें-'अभिव्यक्ति, समानता और स्वतंत्रता को लेकर बहुत याद आ रहे गांधी'

नुंग्शी ने बताया की इस रेस में पूरी दुनिया से 30 टीमें भाग ले रही हैं और सभी बेहद डेंजर और खतरनाक खेलों में पारंगत हासिल करने वाले लोग होंगे. भारत से सिर्फ उन्हें और परवीन को चुना गया है और उनके लिए बेहद गर्व की बात है कि उन्हें भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा. ताशी कहती है कि ये इस रेस को ओलम्पिक ऑफ एडवेंचर कहा जाता है, लिहाजा इसकी तैयारी भी सुबह से लेकर शाम तक चल रही है.

वे बताती हैं कि अब एक ऐसा काम करने जा रहे है जो आज से पहले नहीं किया है, क्यूंकि अब तक सिर्फ पहाड़ चढ़े हैं. लेकिन अब पहाड़ों के साथ साथ वो सभी खतरनाक खेल इसमें हमें खलने होंगे पड़ेंगे. इस रेस के लिए हम आर्मी बल्कि नेवीशील कमांडो के साथ दो महीने से ट्रेनिंग कर रहे हैं. ये ट्रेनिंग बेहद खतरनाक और कई कई घंटे की होती है. क्यूंकि हम नहीं चाहते कि अपनी तरफ से कोई भी किसी तरह की कमी हो.

इसलिए अच्छी बात ये है कि हम रेस में तब तक प्रतिभाग नहीं कर पाएंगे, जब तक हमारे पास सभी ट्रेनिंग के सर्टिफिकेट न हो. फिलहाल हम सभी सर्टिफिकेट हासिल कर चुके हैं. इतना ही नहीं ये ट्रेनिंग इतनी मुश्किल है कि उनका वजन भी घट गया है. फिलहाल दोनों बहनों का साथ न केवल पूरा उत्तराखंड दे रहा है. बल्कि सबसे अधिक हर बार की तरह उनके पिता भी इस टास्क के लिए उन्हें तैयार कर रहे है.

दोनों बहनों का कहना है कि वे रेस के साथ-साथ बेयर ग्रिल्स से मिलने के लिए भी बेहद उत्साहित हैं. तीन साल पहले वे ग्रिल्स से मिल चुकी है और इस रेस में वो न केवल रेस में हिस्सा लेंगे बल्कि रेस और भी रोमांचकारी होने वाली है.

Intro:एक्सक्लूसिव -----ईटीवी भारत को बताया कैसे तैयार हो रही है दुनिया की सबसे बड़ी रेस के लिए जुड़वा बहने ताशी और नुंग्शी

फीड लाइव यु से भेजी गयी है ----डेंजर एडवेंचर के नाम से

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की रहने वाली दो बहने जो जिन्होंने दुनिया की सबसे ऊँची छोटी चढ़ कर अपना और प्रदेश का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखवाया है अब ये जुड़वा बहने उस मिशन के लिए तैयार हो रही है जो दुनिया का सबसे खतरनाक स्पोर्ट एडवेंचर है जी हां सात समंदर पार होने जा रही इस रेस के लिए ताशी और नुंग्शी को भारत से चुना गया है जिसमे उनके साथ ऋषिकेश के परवीन भी रहेंगे इस खतरनाक रेस में जहा उन्हें इस बहार उन्हें ऊँचे पहाड़ो पर तो चढ़ना ही होगा साथ ही साथ पानी की खतरनाक लहरों घने जंगलो और पथरीले रास्तो से होकर गुजरना है जुड़वा बहने ताशी और नुंग्शी ने इस मिशन पर जाने से पहले ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की Body:
दिन रात चल रही है तैयारी Body:उत्तराखंड की जुड़वा बहने ताशी और नुंग्शी का कहना है की वो इस टास्क के लिए बेहद उत्साहित है जब उनको इस रेस का ऑफर आया तब से लेकर आज तक वो बस उस खास टास्क की तैयारी में लगे है नुंग्शी ने बताया की इस रेस में पूरी दुनिया से 30 टीम आ रही है और इस सभी बेहद डेंजर और खतरनाक खेलो में पारंगत हासिल करने वाले लोग होंगे भारत से सिर्फ उन्हें और परवीन को चुना गया है और उनके लिए बेहद गर्व की बात है की उन्हें भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा ताशी कहती है की ये इस रेस को ओलम्पिक ऑफ एडवेंचर कहा जाता है लिहाजा इसकी तैयारी भी सुबह से लेकर शाम तक चल रही है Conclusion:
नेविशील कमांडो से ले रही है दोनों बहने ट्रेनिंग


वो कहती है की अब एक ऐसा काम करने जा रहे है जो आज से पहले नहीं किया है क्यूंकि अब तक सिर्फ पहाड़ चढ़े है लेकिन अब पहाड़ो के साथ साथ वो सभी खतरनाक खेल इसमें हमें खलने होंगे पड़ेंगे | इस रेस के लिए हम ना केवल आर्मी बल्कि नेवीशील कमांडो के साथ दो महीने से ट्रेनिंग कर रहे है ये ट्रेनिंग बेहद खतरनाक और कई कई घंटे की होती है क्यूंकि हम नहीं चाहते की हम अपनी तरफ से कोई भी किसी तरह की कमी छोड़े अच्छी बात ये है की हम रेस में तब तक प्रतिभाग नहीं कर पाएंगे जब तक हमारे पास सभी ट्रेनिंग के सटिफिकेट ना हो फ़िलहाल हम सभी सटिफिकेट हासिल कर चुके है इतना ही नहीं ये ट्रेनिंग इतनी टफ़्फ़ है की उनका वजन भी घट गया है | फ़िलहाल दोनों बहनो का साथ ना केवल पूरा उत्तराखंड दे रहा है बल्कि सबसे अधिक हर बार की तरह उनके पिता इस टास्क के लिए उन्हें तैयार कर रहे है Conclusion:बेयर ग्रिल के लिए भी है बेहद उत्साहित

दोनों बहनो का कहना है की वो रेस के साथ साथ बेयर ग्रिल से मिलने के लिए भी बेहद उत्साहित है तीन साल पहले वो ग्रिल से मिल चुकी है और इस रेस में वो ना केवल रेस का हिस्सा होंगे बल्कि रेस और भी रोमांच कारी होने वाली है |
Last Updated : Aug 18, 2019, 7:35 PM IST
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