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दून में जल्द दौड़ेगी मेट्रो, कैबिनेट लगाएगी अंतिम मुहर

देहरादून वासियों का मेट्रो में बैठने का सपना जल्द पूरा होने वाला है. उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम पर आधारित प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार कर ली है. बस कैबिनेट की अंतिम मुहर लगनी बाकी है.

देहरादून में जल्द दौड़ेगी मेट्रो
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Published : May 1, 2019, 3:31 PM IST

देहरादून: लंबे उतार-चढ़ाव के बाद आखिरकार अब देहरादून में मेट्रो प्रोजेक्ट धरातल पर उतरने की उम्मीद बढ़ गई है. उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने LRTS (लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम) पर आधारित प्रोजेक्ट की डीपीआर जरूरी संसोधन के बाद तैयार कर ली है. . इस डीपीआर को आचार संहिता हटने के बाद कैबिनेट द्वारा अंतिम स्वीकृति दी जाएगी.

पढ़ें- सीएम त्रिवेंद्र का दावा- चार धाम यात्रा शुरू होने से पहले तैयारियां हो जाएंगी पूरी

उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के निदेशक जितेंद्र त्यागी के मुताबिक, देहरादून में मेट्रो की जगह LRTS पहले फेस में दो कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा. हालांकि, इससे पहले जो कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान किया गया था, उसमे दो कॉरिडोर विकल्प थे, लेकिन अब उन दोंनो में से एक को अंतिम रूप दिया गया है.

कैसा होगा मेट्रो रूट

  • डीपीआर के मुताबिक इस LRTS कॉरिडोर को शुरू में आराघर होते हुए रिस्पना पुल तक बनाया जाएगा और उसके बाद इसे नदी के किनारे होते हुए 6 नंबर पुलिया के जरिए रायपुर तक बढ़ाया जाएगा. मेंटेनेंस डिपो का निर्माण भी यहीं किया जाएगा.
  • गलियारा मधुबन होटल से आगे सहारनपुर चौक और नहर रोड से होते हुए आईएसबीटी को मसूरी रोड से जोड़ेगा. मसूरी रोड पर ही मेंटेनेंस डिपो बनाया जाएगा.

बजट कमी के चलते राज्य सरकार ने एलआरटीएस को चुना
पहले सरकार द्वारा देहरादून और हरिद्वार में मेट्रो परियोजना की हामी भरी गई थी. हालांकि, कुछ समय बाद उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा बजट का रोना रोते हुए मेट्रो प्रोजेक्ट की जगह उसके छोटे रूप में कम बजट वाले एलआरटीएस को धरातल पर उतारने की कवायद शुरू की गई. इसके लिए बकायदा पक्ष विपक्ष के विधायक, मंत्री शासन उच्च अधिकारियों सहित उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के निदेशक द्वारा यूरोप देश का भ्रमण कर वहां एलटीएस और रोप-वे जैसे योजनाओं का जायजा लिया गया.

संदेह के घेरे में रही परियोजना
साल, 2017 की शुरुआत में जब उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन गठन कर दिल्ली मेट्रो कॉरपोरेशन के निदेशक पद से रिटायर हुए जितेंद्र त्यागी को उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन एमडी के पद पर बैठाया गया. हालांकि, काफी समय तक इस योजना में प्रगति न होने के चलते निदेशक त्यागी द्वारा राज्य सरकार को इस्तीफा सौंपने की बात भी सामने आई. हालांकि, राज्य सरकार ने उनके इस्तीफे को नामंजूर करते हुए उन्हें आगे कार्य पर प्रगति होने का आश्वासन दिया था.

कैबिनेट बैठक के बाद होगा अंतिम निर्णय
देहरादून से लेकर हरिद्वार समेत ऋषिकेश क्षेत्र तक मेट्रो परियोजना का निर्माण होने की बात सामने आई थी, किन्हीं कारणों की वजह से फिलहाल पहले फेज में देहरादून में दो कोरिडोर निर्माण का ही सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है. ऐसे में लंबी जद्दोजहद के बाद LRTS को धरातल पर उतारने की बात हो रही है.

देहरादून: लंबे उतार-चढ़ाव के बाद आखिरकार अब देहरादून में मेट्रो प्रोजेक्ट धरातल पर उतरने की उम्मीद बढ़ गई है. उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने LRTS (लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम) पर आधारित प्रोजेक्ट की डीपीआर जरूरी संसोधन के बाद तैयार कर ली है. . इस डीपीआर को आचार संहिता हटने के बाद कैबिनेट द्वारा अंतिम स्वीकृति दी जाएगी.

पढ़ें- सीएम त्रिवेंद्र का दावा- चार धाम यात्रा शुरू होने से पहले तैयारियां हो जाएंगी पूरी

उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के निदेशक जितेंद्र त्यागी के मुताबिक, देहरादून में मेट्रो की जगह LRTS पहले फेस में दो कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा. हालांकि, इससे पहले जो कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान किया गया था, उसमे दो कॉरिडोर विकल्प थे, लेकिन अब उन दोंनो में से एक को अंतिम रूप दिया गया है.

कैसा होगा मेट्रो रूट

  • डीपीआर के मुताबिक इस LRTS कॉरिडोर को शुरू में आराघर होते हुए रिस्पना पुल तक बनाया जाएगा और उसके बाद इसे नदी के किनारे होते हुए 6 नंबर पुलिया के जरिए रायपुर तक बढ़ाया जाएगा. मेंटेनेंस डिपो का निर्माण भी यहीं किया जाएगा.
  • गलियारा मधुबन होटल से आगे सहारनपुर चौक और नहर रोड से होते हुए आईएसबीटी को मसूरी रोड से जोड़ेगा. मसूरी रोड पर ही मेंटेनेंस डिपो बनाया जाएगा.

बजट कमी के चलते राज्य सरकार ने एलआरटीएस को चुना
पहले सरकार द्वारा देहरादून और हरिद्वार में मेट्रो परियोजना की हामी भरी गई थी. हालांकि, कुछ समय बाद उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा बजट का रोना रोते हुए मेट्रो प्रोजेक्ट की जगह उसके छोटे रूप में कम बजट वाले एलआरटीएस को धरातल पर उतारने की कवायद शुरू की गई. इसके लिए बकायदा पक्ष विपक्ष के विधायक, मंत्री शासन उच्च अधिकारियों सहित उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के निदेशक द्वारा यूरोप देश का भ्रमण कर वहां एलटीएस और रोप-वे जैसे योजनाओं का जायजा लिया गया.

संदेह के घेरे में रही परियोजना
साल, 2017 की शुरुआत में जब उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन गठन कर दिल्ली मेट्रो कॉरपोरेशन के निदेशक पद से रिटायर हुए जितेंद्र त्यागी को उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन एमडी के पद पर बैठाया गया. हालांकि, काफी समय तक इस योजना में प्रगति न होने के चलते निदेशक त्यागी द्वारा राज्य सरकार को इस्तीफा सौंपने की बात भी सामने आई. हालांकि, राज्य सरकार ने उनके इस्तीफे को नामंजूर करते हुए उन्हें आगे कार्य पर प्रगति होने का आश्वासन दिया था.

कैबिनेट बैठक के बाद होगा अंतिम निर्णय
देहरादून से लेकर हरिद्वार समेत ऋषिकेश क्षेत्र तक मेट्रो परियोजना का निर्माण होने की बात सामने आई थी, किन्हीं कारणों की वजह से फिलहाल पहले फेज में देहरादून में दो कोरिडोर निर्माण का ही सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है. ऐसे में लंबी जद्दोजहद के बाद LRTS को धरातल पर उतारने की बात हो रही है.

Intro:pls -नोट इस स्टोरी के सम्बंध में FTP से Metro PTC भेजी गई हैं।

देहरादून- लम्बे समय से जद्दोजहद के बाद आखिरकार एक बार फिर देहरादून शहर में मेट्रो विकल्प के तौर पर एलआरटीएस "लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम" की डीपीआर जरूरी संसोधन के बाद उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा फाइनली तैयार कर ली गई है। इससे बताया जा रहा है कि तैयार किए गए डीपीआर ( डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को अगले कुछ दिनों में उत्तराखंड शासन को भेज दिया जाएगा जिसके बाद चुनाव आचार संहिता हटने के बाद कैबिनेट बैठक में तैयार डीपीआर को अंतिम स्वीकृति दी जा सकती है.

जानकारी के मुताबिक फाइनल तौर पर तैयार इस डीपीआर में एफआरआई से रायपुर तक LRTS ट्रेन कॉरिडोर को आराघर से होते हुए रिस्पना पुल से लेकर नेहरू कॉलोनी 6 नंबर पुलिया के साथ रायपुर तक कॉरिडोर बनेगा साथ ही दूसरा रूट आईएसबीटी से होकर सहारनपुर रोड मधुबन होटल कैनाल रोड से लेकर मसूरी रोड तक कॉरिडोर तैयार किया जाएगा।


Body:उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के निदेशक जितेंद्र त्यागी के मुताबिक देहरादून में मेट्रो ट्रेन की जगह एलआरटीएस "लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम " पहले फेस में देहरादून के भीतर दो कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा इस संबंध में अंतिम डीपीआर जरूरी संशोधनों के साथ तैयार कर ली गई है। हालांकि इससे पहले जो कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान किया गया था, उसमे दो कॉरिडोर विकल्प थे लेकिन अब उन दोंनो में से एक को अंतिम रुप दिया गया हैं। हालांकि डीपीआर के संबंध में चुनाव आचार संहिता के चलते मेट्रो कॉरपोरेशन के निदेशक फिलहाल कैमरे के सामने कुछ भी कहने में अपनी असमर्थता जता रहे हैं।


बज़ट कमी के चलते राज्य सरकार ने मेट्रो के विकल्प एलआरटीएस को चुना

पहले सरकार द्वारा देहरादून और हरिद्वार पर मेट्रो परियोजना की हामी भरी गई थी हालांकि कुछ समय बाद उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा बजट का रोना रोते हुए मेट्रो प्रोजेक्ट की जगह उसके छोटे रूप में कम बजट वाले एलआरटीएस "लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम"को धरातल पर उतारने की कवायद शुरू की गई। इसके लिए बाकायदा पक्ष विपक्ष के विधायक, मंत्री शासन उच्च अधिकारियों सहित उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के निदेशक द्वारा यूरोप देश का भ्रमण कर वहां एलटीएस और रोपवे जैसे योजनाओं का जायजा लिया गया।
देहरादून और हरिद्वार जैसे छोटे शहर की ट्रांसपोर्ट कैपेबिलिटी को देखते हुए एलआरटीएस योजना में काम करते हुए उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा शासन स्तर पर बताये गए कुछ संसोधन के बाद अंतिम रूप से डीपीआर तैयार की गई हैं।


Conclusion:पहले दिन से संदेह के घेरे में चलती रही मेट्रो रेल परियोजना

वर्ष 2017 के शुरुआत में जब उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन गठन कर दिल्ली मेट्रो कॉर्पोरेशन के निदेशक पद से रिटायर हुए जितेंद्र त्यागी को उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन एमडी के पद पर बैठाया गया हालांकि काफी समय तक इस योजना में प्रगति ना होने के चलते निदेशक त्यागी द्वारा राज्य सरकार को इस्तीफा सपने की बात भी सामने आए हालांकि राज्य सरकार ने उनके इस्तीफे को नामंजूर करते हुए उन्हें आगे कार्य पर प्रकृति होने का आश्वासन दिया।

कैबिनेट बैठक के बाद होगा अंतिम निर्णय

परियोजना के मुताबिक देहरादून से लेकर हरिद्वार समेत ऋषिकेश क्षेत्र तक मेट्रो परियोजना का निर्माण होने की बात सामने आई थी लेकिन बजट और किन्ही कारणों की वजह से फिलहाल पहले फेज में देहरादून में दो कोरिडोर निर्माण का ही सरकार द्वारा निर्णय लिया गया हैं। ऐसे में लंबी जद्दोजहद के बाद मेट्रो के छोटे रूप में लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम को धरातल पर उतारने की बात हो रही है लेकिन अभी यह योजना कितनी परवान चढ़ती है यह तो चुनाव आचार संहिता के बाद शासन स्तर पर होने वाली कैबिनेट बैठक में एलआरटीएस डीपीआर पर निर्णय लेने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
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