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नीति आयोग की SDG इंडेक्स में औसत से कमतर देहरादून, 56 शहरों में से 35वां स्थान पर

सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल इंडेक्स में देहरादून को देश के 56 शहरों में 35वां स्थान मिला है. इस इंडेक्स में शिमला को पहला, कोयंबटूर और चंडीगढ़ दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे हैं.

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Published : Nov 26, 2021, 3:39 PM IST

Updated : Nov 26, 2021, 5:19 PM IST

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सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल इंडेक्स रैंकिंग में देहरादून को 35वां स्थान

देहरादून: स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 (Swachh Survekshan 2021) में देहरादून के रैंकिंग में सुधार के शोर-गुल के बीच नीति आयोग ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (sustainable development goal) (एसडीजी) अर्बन इंडेक्स जारी किया है. जिसमें देहरादून की परफॉर्मेंस औसत से काफी नीचे रही है. साल 2021-22 के जारी किये गये इस इंडेक्स में देहरादून को देश के 56 शहरों में 35वां स्थान मिला है. खास बात यह है कि इस इंडेक्स में पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला को देशभर में पहला स्थान मिला है. कोयंबटूर और चंडीगढ़ दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. उत्तराखंड से केवल देहरादून शहर को ही इस इंडेक्स में शामिल किया गया है.

क्या है एसडीजी इंडेक्स: सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के अनूप नौटियाल (Anoop Nautiyal) के अनुसार सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल को स्थानीय स्तर पर लागू करने के लिए नीति आयोग ने यह इंडेक्स जारी की है. स्थानीय स्तर पर डेटा आधारित सोच और सिटी मॉनिटरिंग तंत्र को विकसित करने की सोच से नीति आयोग ने यह रैंकिंग एसडीजी के 46 टारगेट और 77 इंडिकेटर्स के आधार पर की है. इसके लिए शहरों को शून्य से 100 तक अंक दिये गये हैं.

सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल इंडेक्स रैंकिंग में देहरादून को 35वां स्थान

पढ़ें-अब गैरसैंण नहीं 9-10 दिसंबर को देहरादून में होगा उत्तराखंड विस का शीतकालीन सत्र

अनूप नौटियाल ने कहा प्रदेश के शहर आर्थिंक विकास के इंजन का काम करते हैं. नीति आयोग का स्पष्ट मानना है कि शहरों को समग्र और संतुलित विकास के लिए डेटा आधारित निर्णय लेने की ज़रूरत है. एसडीजी इंडेक्स इसी दिशा में शहरों से परिवर्तन की अपेक्षा रखते हैं.

औसत से नीचे देहरादून: इस इंडेक्स में देहरादून का प्रदर्शन औसत से कम रहा है. 56 शहरों में से देहरादून को 35 वां स्थान मिला है. देहरादून ने 63.71 अंक हासिल किये, जबकि हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला 75.50 अंक लेकर देशभर में पहले स्थान पर है. 73.29 अंक के साथ कोयंबटूर दूसरे और 72.36 अंक लेकर चंडीगढ़ तीसरे स्थान पर है. यानी देश के 34 शहरों ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को स्थानीय स्तर पर लागू करने के मामले में देहरादून से बेहतर किया है. 21 शहरों की स्थिति देहरादून की तुलना में खराब रही है.

पढ़ें- किशोर उपाध्याय बोले- महिलाओं को दिया जाए प्रदेश का नेतृत्व, सशक्त इतिहास से कराया रूबरू

अनूप नौटियाल का कहना है आज हम शहरीकरण के उस दौर में हैं, जहां बात सिर्फ विकास की नहीं, सतत विकास की है. हमें अब शहरी विकास के सभी पहलू जैसे आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय पहलू पर काम करने की जरूरत है. इसके लिए हमें आंकड़ों की जरूरत होती है.अर्बन इंडेक्स का यही उद्देश्य है. उनका कहना है कि अब जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और कर्मचारियों को विकास के नये पैमाने के अनुसार खुद को ढालना और अपडेट करना होगा. पुराने ढर्रे पर चलकर विकास नहीं होगा.

पढ़ें- पीएम मोदी का उत्तराखंड दौरा तय, चार दिसंबर को देहरादून में करेंगे जनसभा को संबोधित

देहरादून रैंकिंग्स: किस गोल में कितने अंक

  • देहरादून को सभी के लिए सुलभ और स्वच्छ ईंधन गोल में सबसे ज्यादा 96 अंक मिले हैं.
  • क्लाइमेट एक्शन अर्थात जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए किये गये उपायों में देहरादून काफी पीछे है. इस गोल में सबसे कम सिर्फ 31 अंक मिले हैं.
  • इसके अलावा शांति सभी के लिए न्याय व जवाबदेह संस्थाओं के निर्माण में दून को 80 अंक मिले हैं.
  • लैंगिक समानता में देहरादून को 79, प्रोडक्शन पैटर्न सुनिश्चित करने में 78, साफ पानी और सैनिटेशन गोल में 77 अंक मिले हैं.
  • क्वालिटी एजुकेशन में देहरादून को 72, गरीबी उन्मूलन, आर्थिक विकास के लिए किये गये कार्य और स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये गये कार्याें के लिए 59-59 अंक, असमानता कम करने के लिए 58, शहरों को सतत बनाने के लिए 52, इनोवेशन और इंफ्रॉस्ट्रक्चर के लिए 47 अंक मिले हैं.
  • भुखमरी कम करने के लिए देहरादून को 45 अंक मिले हैं.

अनूप नौटियाल ने देहरादून के स्कोर में जलवायु परिवर्तन और क्लाइमेट एक्शन पर सबसे कम अंक पाने को बेहद चिंताजनक बताया. उन्होंने कहा देहरादून की पहचान उसके पर्यावरण और जलवायु के कारण है. सरकार, शहरी विकास विभाग, नगर निगम देहरादून और अन्य सभी विभागों को इंडेक्स के सभी पहलुओं पर गहन चिंतन कर भविष्य की शहरी नीतियों पर कार्य करना चाहिए. उन्होंने अपील की है कि एसडीजी इंडेक्स की सोच को प्रदेश सरकार को देहरादून के अलावा प्रदेश के अन्य शहरों और निकायों तक लेकर जाने की ज़रूरत है.

देहरादून: स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 (Swachh Survekshan 2021) में देहरादून के रैंकिंग में सुधार के शोर-गुल के बीच नीति आयोग ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (sustainable development goal) (एसडीजी) अर्बन इंडेक्स जारी किया है. जिसमें देहरादून की परफॉर्मेंस औसत से काफी नीचे रही है. साल 2021-22 के जारी किये गये इस इंडेक्स में देहरादून को देश के 56 शहरों में 35वां स्थान मिला है. खास बात यह है कि इस इंडेक्स में पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला को देशभर में पहला स्थान मिला है. कोयंबटूर और चंडीगढ़ दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. उत्तराखंड से केवल देहरादून शहर को ही इस इंडेक्स में शामिल किया गया है.

क्या है एसडीजी इंडेक्स: सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के अनूप नौटियाल (Anoop Nautiyal) के अनुसार सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल को स्थानीय स्तर पर लागू करने के लिए नीति आयोग ने यह इंडेक्स जारी की है. स्थानीय स्तर पर डेटा आधारित सोच और सिटी मॉनिटरिंग तंत्र को विकसित करने की सोच से नीति आयोग ने यह रैंकिंग एसडीजी के 46 टारगेट और 77 इंडिकेटर्स के आधार पर की है. इसके लिए शहरों को शून्य से 100 तक अंक दिये गये हैं.

सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल इंडेक्स रैंकिंग में देहरादून को 35वां स्थान

पढ़ें-अब गैरसैंण नहीं 9-10 दिसंबर को देहरादून में होगा उत्तराखंड विस का शीतकालीन सत्र

अनूप नौटियाल ने कहा प्रदेश के शहर आर्थिंक विकास के इंजन का काम करते हैं. नीति आयोग का स्पष्ट मानना है कि शहरों को समग्र और संतुलित विकास के लिए डेटा आधारित निर्णय लेने की ज़रूरत है. एसडीजी इंडेक्स इसी दिशा में शहरों से परिवर्तन की अपेक्षा रखते हैं.

औसत से नीचे देहरादून: इस इंडेक्स में देहरादून का प्रदर्शन औसत से कम रहा है. 56 शहरों में से देहरादून को 35 वां स्थान मिला है. देहरादून ने 63.71 अंक हासिल किये, जबकि हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला 75.50 अंक लेकर देशभर में पहले स्थान पर है. 73.29 अंक के साथ कोयंबटूर दूसरे और 72.36 अंक लेकर चंडीगढ़ तीसरे स्थान पर है. यानी देश के 34 शहरों ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को स्थानीय स्तर पर लागू करने के मामले में देहरादून से बेहतर किया है. 21 शहरों की स्थिति देहरादून की तुलना में खराब रही है.

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अनूप नौटियाल का कहना है आज हम शहरीकरण के उस दौर में हैं, जहां बात सिर्फ विकास की नहीं, सतत विकास की है. हमें अब शहरी विकास के सभी पहलू जैसे आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय पहलू पर काम करने की जरूरत है. इसके लिए हमें आंकड़ों की जरूरत होती है.अर्बन इंडेक्स का यही उद्देश्य है. उनका कहना है कि अब जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और कर्मचारियों को विकास के नये पैमाने के अनुसार खुद को ढालना और अपडेट करना होगा. पुराने ढर्रे पर चलकर विकास नहीं होगा.

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देहरादून रैंकिंग्स: किस गोल में कितने अंक

  • देहरादून को सभी के लिए सुलभ और स्वच्छ ईंधन गोल में सबसे ज्यादा 96 अंक मिले हैं.
  • क्लाइमेट एक्शन अर्थात जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए किये गये उपायों में देहरादून काफी पीछे है. इस गोल में सबसे कम सिर्फ 31 अंक मिले हैं.
  • इसके अलावा शांति सभी के लिए न्याय व जवाबदेह संस्थाओं के निर्माण में दून को 80 अंक मिले हैं.
  • लैंगिक समानता में देहरादून को 79, प्रोडक्शन पैटर्न सुनिश्चित करने में 78, साफ पानी और सैनिटेशन गोल में 77 अंक मिले हैं.
  • क्वालिटी एजुकेशन में देहरादून को 72, गरीबी उन्मूलन, आर्थिक विकास के लिए किये गये कार्य और स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये गये कार्याें के लिए 59-59 अंक, असमानता कम करने के लिए 58, शहरों को सतत बनाने के लिए 52, इनोवेशन और इंफ्रॉस्ट्रक्चर के लिए 47 अंक मिले हैं.
  • भुखमरी कम करने के लिए देहरादून को 45 अंक मिले हैं.

अनूप नौटियाल ने देहरादून के स्कोर में जलवायु परिवर्तन और क्लाइमेट एक्शन पर सबसे कम अंक पाने को बेहद चिंताजनक बताया. उन्होंने कहा देहरादून की पहचान उसके पर्यावरण और जलवायु के कारण है. सरकार, शहरी विकास विभाग, नगर निगम देहरादून और अन्य सभी विभागों को इंडेक्स के सभी पहलुओं पर गहन चिंतन कर भविष्य की शहरी नीतियों पर कार्य करना चाहिए. उन्होंने अपील की है कि एसडीजी इंडेक्स की सोच को प्रदेश सरकार को देहरादून के अलावा प्रदेश के अन्य शहरों और निकायों तक लेकर जाने की ज़रूरत है.

Last Updated : Nov 26, 2021, 5:19 PM IST
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