देहरादून: भारत इस वक्त कोरोना वायरस से महाजंग लड़ रहा है. इस महाजंग में डॉक्टर्स, पुलिसकर्मी सहित कई कर्मवीर अपनी सेवाएं देने में जुटे हुए हैं. डीजीपी अनिल रतूड़ी और देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी की चेतावनी का असर देखने को मिल रहा है.
पुलिस की चेतावनी के बाद 50 से अधिक जमातियों ने देहरादून पुलिस से संपर्क किया है. जिसके बाद पुलिस ने सभी जमातियों को क्वॉरंटाइन सेंटर्स में भेज दिया है. लॉकडाउन के दौरान देहरादून पुलिस ने क्या कुछ किया और आने वाले दिनों में क्या कुछ करने वाली है, इसको लेकर डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने ETV BHARAT से खुलकर बातचीत की.
ETV BHARAT से खास बातचीत में डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि उनके कॉल सेंटर में लॉकडाउन शुरू होने के तीन दिनों तक लोगों ने कॉल्स कर अपने फंसे होने की सूचना दी. पुलिस ने ऐसी कॉल्स पर रिपॉन्स देना शुरू किया और फंसे लोगों तक राशन, दवाइयां पहुंचानी शुरू कर दी.
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जनता इस लड़ाई की गंभीरता को समझे
अरुण मोहन जोशी ने कहा कि मौजूदा वक्त ना केवल देश के लिए बल्कि उत्तराखंड के लिए भी बहुत चुनौतीपूर्ण है. क्योंकि जमातियों के पॉजिटिव आने की संख्या में अचानक हुई वृद्धि से इसकी गंभीरता को समझा जा सकता है. कोरोना के खतरे को कम करने के लिए पुलिस बिना वजह सड़कों पर घूम रहे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है. आमजन को इस वक्त अपनी सुरक्षा के साथ-साथ अपने घर, मोहल्ले और शहर की सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए.
साथी पुलिसकर्मी रखें अपना ख्याल
डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि अब वह अपने पुलिसकर्मियों को कोरोना वायरस से बचने की लगातार ट्रेनिंग दे रहे हैं. पुलिस कर्मी सुबह से शाम हजारों लोगों से मिलते हैं और लॉ एंड ऑर्डर को संभालते हैं. ऐसे में पुलिस कर्मी स्वयं जागरूक होंगे तो अपने आप को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा पाएंगे.
जिन इलाकों में हैं पॉजिटिव, वहां के पुलिसकर्मी भी हो रहे क्वॉरंटाइन
अरुण मोहन जोशी ने बताया कि जिन-जिन इलाकों में कोरोना के पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. वहां पर तैनात कॉन्स्टेबल, बीट अधिकारियों को भी ड्यूटी में रियायत देते हुए क्वॉरंटाइन होने के लिए कहा गया है. साथ ही ड्यूटी दे रहे पुलिसकर्मियों को अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है.
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हम साथ लड़ेंगे तभी जीतेंगे
डीआईजी देहरादून के मुताबिक यह लड़ाई बेहद गंभीर मोड़ पर है. लिहाजा हम सबको मिलकर इस लड़ाई को जीतना होगा. यह तभी संभव है, जब इससे पीड़ित लोग खुद अस्पताल या पुलिस के पास पहुंचकर अपने स्वास्थ्य की सूचना दे. आम जनता सिर्फ घर में रहकर ही इस लड़ाई को जीत सकती है.
इसके साथ ही डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने निवेदन के साथ-साथ चेतावनी भरे लहजे में कहा कि, अगर कोई पॉजिटिव मरीज घर से बाहर निकल रहा है और अपनी सूचना प्रशासन को नहीं दे रहा है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.