देहरादून: लोकसभा चुनाव 2019 खत्म हो चुके हैं. बीजेपी की प्रचंड जीत के साथ ही देशभर से आचार संहिता हट चुकी है. देहरादून नगर निगम, जो काफी वक्त से आचार संहिता का हवाला देकर शहर में विकास कार्य न कर पाने पर अफसोस व्यक्त कर रहा था, अब उसके पास विकास कार्यों के लिए मौके खुल गए हैं. नगर निगम की दूसरी बोर्ड बैठक जून के पहले सप्ताह में होनी है. जिसमें पुराने प्रस्तावों को आगे बढ़ाने के साथ ही नए प्रस्तावों पर चर्चा होगी.
नगर निगम की पिछली बोर्ड बैठक 28 फरवरी को आयोजित की गई थी. जिसमें नगर निगम के बने नए 40 वार्डो के पार्षदों ने पहली बार शिरकत की थी. जिसमें पार्षदों ने अपनी क्षेत्र की समस्याओं को मेयर के सामने रखा था. साथ ही सभी 100 वार्डों के पार्षदों को 20-20 लाख रुपए वार्ड के विकास के लिए पारित किए गए थे. जिसमें नए पुराने वार्डो में कई अहम मुद्दों पर मुहर लगी थी. लेकिन बोर्ड बैठक के 10 दिन बाद ही आचार संहिता लगने के कारण नगर निगम द्वारा सभी विकास कार्यो में रोक लगा दी गई थी. जिसके चलते नगर निगम बोर्ड ने जून के पहले महीने में होना संभावित है.
इसमें पीजी और हॉस्टल में कॉमर्शियल भवन कर, सरकारी भवनों से भवन कर, नालों की सफाई के लिए टेंडर, 40 नए वार्डो में डोर टू डोर कलेक्शन, नए वार्डो में स्ट्रीट लाइट का टेंडर, 40 नए वार्ड बनने के कारण कर्मचारियों की कमी होने के कारण आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को रखना और मलिन बस्तियों से दोबारा भवन कर लेने के साथ नए अहम मुद्दों भी हावी रहेंगे. नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे का कहना है कि महीने के आखरी तक आचार सहिंता हट जाने की संभावना है. जिसके चलते नगर निगम द्वारा बोर्ड की बैठक जून के पहले महीने में होना सम्भावित है.
जून में होने वाली बोर्ड बैठक में पुराने प्रस्तावों की पुष्टि की जायेगी और हमारा मुख्य काम पहली बोर्ड बैठक में 40 नए वार्डो में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, स्ट्रीट लाइट के टेंडर के साथ ही पिछली बोर्ड बैठक में पार्षद निधि के 20-20 लाख रुपए के प्रस्ताव पर मुहर लगाना होगा. जिसमे अब सभी पार्षदों के हमारे पास वार्डो के विकास के लिए प्रस्ताव आ रहे हैं और उन प्रस्तावों का इस्टीमेट बनाकर वार्डो में कार्य शुरू करवाना है. साथ ही अचार सहिंता हटने के बाद से नगर निगम बड़ी तेजी से शहर में विकास कार्य शुरू करेगा.