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सिटी बसों के लिए डग्गामार बने मुसीबत, हो रहा नुकसान

सिटी बस यूनियन का आरोप है की डग्गामारी के कारण सिटी बसों को सवारी नहीं मिल रही है. सरकार की ओर से सार्वजनिक सेवाओं को संचालित करने के लिए जारी नई गाइडलाइन के अनुसार सिटी 50% सीटों पर यात्रियों के साथ बसे चला रहे थे, लेकिन विक्रम और ऑटो द्वारा की जा रही डग्गामारी के कारण बसों को काफी नुकसान हो रहा है.

देहरादून
मुसीबत में सिटी बस
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Published : Aug 22, 2020, 10:59 PM IST

देहरादून: विक्रम, ऑटो और ई-रिक्शा द्वारा की जा रही डग्गामारी का लगातार सिटी बस यूनियन विरोध कर रहा है. सिटी बस यूनियन का आरोप है कि डग्गामारी के कारण सिटी बसों को सवारी नहीं मिल रही है. सरकार की ओर से सार्वजनिक सेवाओं को संचालित करने के लिए जारी नई गाइडलाइन के अनुसार सिटी 50% सीटों पर यात्रियों के साथ बसे चला रहे थे, लेकिन विक्रम और ऑटो द्वारा की जा रही डग्गामारी के कारण बसों को काफी नुकसान हो रहा है.

गढ़वाल कमिश्नर को शिकायत करने के बावजूद शहर में डग्गामारी नहीं रुकी है. वहीं, सिटी बस यूनियन ने अपनी 230 बसें सरेंडर कर रखी है. यूनियन की मांग है कि सरकार को सिटी बसों के पदाधिकारियों को बुलाकर कोई पॉलिसी बनानी होगी. सिटी बस यूनियन के अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान में सिटी बसों से जुड़े लोगों के परिवार की स्थिति बहुत खराब हो रखी है और सिटी बसों से जुड़े लोग अपने घर का पालन पोषण करने के लिए दूसरा रोजगार करने को मजबूर हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें: अल्मोड़ा: बारिश से बदहाल हुई सड़कें, लोगों की बढ़ी परेशानी

सिटी बस यूनियन अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में 270 बसों में करीब 40 बसों का संचालन हो रहा है, बाकी बसों को लोगों ने सरेंडर कर दी है. हमारी गढ़वाल कमिश्नर से वार्ता हुई थी, जिसमें हमने कहा था कि बसें तो चला लेंगे, लेकिन विक्रम और ऑटो की डग्गामारी को रोका जाए. उसके बाद गढ़वाल कमिश्नर द्वारा डग्गामारी रोकने का आदेश दिया गया था. वर्धन डंडरियाल ने कहा कि इस कदम से हमारी बसों को थोड़ा फायदा हुआ था, लेकिन कुछ दिन बाद से ही पुराना रूटीन आ गया है और विक्रम व ऑटो द्वारा डग्गामारी शुरू हो गई है.

देहरादून: विक्रम, ऑटो और ई-रिक्शा द्वारा की जा रही डग्गामारी का लगातार सिटी बस यूनियन विरोध कर रहा है. सिटी बस यूनियन का आरोप है कि डग्गामारी के कारण सिटी बसों को सवारी नहीं मिल रही है. सरकार की ओर से सार्वजनिक सेवाओं को संचालित करने के लिए जारी नई गाइडलाइन के अनुसार सिटी 50% सीटों पर यात्रियों के साथ बसे चला रहे थे, लेकिन विक्रम और ऑटो द्वारा की जा रही डग्गामारी के कारण बसों को काफी नुकसान हो रहा है.

गढ़वाल कमिश्नर को शिकायत करने के बावजूद शहर में डग्गामारी नहीं रुकी है. वहीं, सिटी बस यूनियन ने अपनी 230 बसें सरेंडर कर रखी है. यूनियन की मांग है कि सरकार को सिटी बसों के पदाधिकारियों को बुलाकर कोई पॉलिसी बनानी होगी. सिटी बस यूनियन के अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान में सिटी बसों से जुड़े लोगों के परिवार की स्थिति बहुत खराब हो रखी है और सिटी बसों से जुड़े लोग अपने घर का पालन पोषण करने के लिए दूसरा रोजगार करने को मजबूर हो रहे हैं.

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सिटी बस यूनियन अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में 270 बसों में करीब 40 बसों का संचालन हो रहा है, बाकी बसों को लोगों ने सरेंडर कर दी है. हमारी गढ़वाल कमिश्नर से वार्ता हुई थी, जिसमें हमने कहा था कि बसें तो चला लेंगे, लेकिन विक्रम और ऑटो की डग्गामारी को रोका जाए. उसके बाद गढ़वाल कमिश्नर द्वारा डग्गामारी रोकने का आदेश दिया गया था. वर्धन डंडरियाल ने कहा कि इस कदम से हमारी बसों को थोड़ा फायदा हुआ था, लेकिन कुछ दिन बाद से ही पुराना रूटीन आ गया है और विक्रम व ऑटो द्वारा डग्गामारी शुरू हो गई है.

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