देहरादून: लॉकडाउन के साइड इफेक्ट सामने आ रहे हैं ताे वहीं कुछ राहत भी है. लॉकडाउन के दौरान गाड़ियों के न चलने से सड़क हादसों में भारी कमी आई है. उत्तराखंड में भूस्खलन, प्राकृतिक आपदा, सड़क हादसों के चलते सैकड़ों लोगों के घर उजड़ जाते हैं. लेकिन इन घटनाओं से निपटने के लिए सरकार की तैयारियां चिंताजनक हैं. कोरोना और लॉकडाउन के चलते जहां लोगों को परेशानियां हुई. वहीं, प्रदेश में लॉकडाउन का एक फायदा देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन के बीच उत्तराखंड में सड़क हादसों में 40 फीसदी की कमी दर्ज की गई.
बता दें कि, प्रदेश में एक जनवरी से लेकर जून तक सड़क हादसों में 500 से अधिक लोगों की मौत हुई है. लॉकडाउन से पहले सामान्य दिनों में प्रतिदिन तीन लोगों की मौत सड़क हादसों में होती थी. लेकिन कोरोना लॉकडाउन में सड़क हादसों में कमी देखने को मिली है. जो प्रदेश के लिए राहत भरी खबर है.
पुलिस के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष एक जनवरी से 30 जून तक सड़क हादसों में 40 फीसदी की कमी आई हैं. ऐसे में विगत वर्षों के मुताबिक सड़क हादसों के मद्देनजर इस साल प्रदेश के लिए राहत भरी खबर हैं. हालांकि इसकी वजह कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान आवाजाही में कमी है.
सड़क दुर्घटनाओं के विगत 3 वर्षों के रिकॉर्ड (2018 से 30 जून 2020 तक) -
जिला | सड़क हादसे | 2020 | 2019 | 2018 |
उत्तरकाशी | दुर्घटना की संख्या | 04 | 11 | 12 |
मृतकों की संख्या | 16 | 08 | 18 | |
घायलों की संख्या | 03 | 26 | 42 | |
टिहरी | दुर्घटना की संख्या | 21 | 24 | 38 |
मृतकों की संख्या | 35 | 38 | 47 | |
घायलों की संख्या | 24 | 39 | 84 | |
रुद्रप्रयाग | दुर्घटना की संख्या | 4 | 6 | 7 |
मृतकों की संख्या | 4 | 4 | 5 | |
घायलों की संख्या | 6 | 21 | 7 | |
पौड़ी | दुर्घटना की संख्या | 6 | 20 | 20 |
मृतकों की संख्या | 5 | 16 | 15 | |
घायलों की संख्या | 4 | 64 | 68 | |
देहरादून | दुर्घटना की संख्या | 110 | 167 | 158 |
मृतकों की संख्या | 44 | 88 | 57 | |
घायलों की संख्या | 105 | 140 | 132 | |
हरिद्वार | दुर्घटना की संख्या | 74 | 136 | 175 |
मृतकों की संख्या | 45 | 84 | 98 | |
घायलों की संख्या | 48 | 114 | 163 | |
नैनीताल | दुर्घटना की संख्या | 58 | 107 | 101 |
मृतकों की संख्या | 26 | 45 | 54 | |
घायलों की संख्या | 68 | 79 | 93 | |
उधम सिंह नगर | दुर्घटना की संख्या | 134 | 196 | 171 |
मृतकों की संख्या | 103 | 125 | 113 | |
घायलों की संख्या | 73 | 164 | 126 | |
अल्मोड़ा | दुर्घटना की संख्या | 0 | 3 | 9 |
मृतकों की संख्या | 0 | 1 | 18 | |
घायलों की संख्या | 0 | 9 | 19 | |
पिथौरागढ़ | दुर्घटना की संख्या | 7 | 5 | 4 |
मृतकों की संख्या | 4 | 5 | 3 | |
घायलों की संख्या | 14 | 4 | 3 | |
चंपावत | दुर्घटना की संख्या | 3 | 13 | 15 |
मृतकों की संख्या | 2 | 15 | 29 | |
घायलों की संख्या | 2 | 35 | 29 | |
बागेश्वर | दुर्घटना की संख्या | 2 | 3 | 10 |
मृतकों की संख्या | 0 | 3 | 7 | |
घायलों की संख्या | 2 | 5 | 13 | |
कुल | दुर्घटना की संख्या | 432 | 704 | 746 |
मृतकों की संख्या | 291 | 445 | 480 | |
घायलों की संख्या | 359 | 753 | 833 |
ये भी पढ़ें: मालाबार नौसैनिक अभ्यास : जानें, चीन और ऑस्ट्रेलिया में से किसे चुनेगा भारत
वहीं, देश के कई राज्यों सहित उत्तराखंड में प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं के आकड़ों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बना सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के सख्त निर्देश भी दिए थे. उत्तराखंड के डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार भी लगातार सड़क हादसों को रोकने के लिए विगत वर्षों से प्रयास कर रहे हैं. जिसके चलते 2019 में पूर्व वर्षों की तुलना में सड़क हादसों में 10 फीसदी कमी आई थी.
लेकिन इस वर्ष कोरोना लॉकडाउन के कारण सड़क दुर्घटनाओं में 40 प्रतिशत कमी आई है. उत्तराखंड में साल दर साल सड़क हादसों में बढ़ोतरी होने से मौत होने के मामले में डीजी अशोक कुमार ने कहा कि उत्तराखंड राज्य प्राकृतिक आपदाओं, लैंडस्लाइडिंग और तमाम विषम परिस्थितियों से हमेशा से प्रभावित रहता है. ऐसे में डेंजर जोन में सड़क हादसे सहित अन्य घटनाओं अंकुश लगाना एक बड़ी चुनौती है.