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लॉकडाउन में थमी सड़क हादसों की 'रफ्तार', जानिए क्या कहते हैं आंकड़े

लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में 40 फीसदी की कमी दर्ज की गई.

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सड़क दुर्घटना
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Published : Jul 20, 2020, 10:52 PM IST

Updated : Jul 22, 2020, 7:03 PM IST

देहरादून: लॉकडाउन के साइड इफेक्ट सामने आ रहे हैं ताे वहीं कुछ राहत भी है. लॉकडाउन के दौरान गाड़ियों के न चलने से सड़क हादसों में भारी कमी आई है. उत्तराखंड में भूस्खलन, प्राकृतिक आपदा, सड़क हादसों के चलते सैकड़ों लोगों के घर उजड़ जाते हैं. लेकिन इन घटनाओं से निपटने के लिए सरकार की तैयारियां चिंताजनक हैं. कोरोना और लॉकडाउन के चलते जहां लोगों को परेशानियां हुई. वहीं, प्रदेश में लॉकडाउन का एक फायदा देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन के बीच उत्तराखंड में सड़क हादसों में 40 फीसदी की कमी दर्ज की गई.

लॉकडाउन में थमी सड़क हादसों की 'रफ्तार'.

बता दें कि, प्रदेश में एक जनवरी से लेकर जून तक सड़क हादसों में 500 से अधिक लोगों की मौत हुई है. लॉकडाउन से पहले सामान्य दिनों में प्रतिदिन तीन लोगों की मौत सड़क हादसों में होती थी. लेकिन कोरोना लॉकडाउन में सड़क हादसों में कमी देखने को मिली है. जो प्रदेश के लिए राहत भरी खबर है.

पुलिस के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष एक जनवरी से 30 जून तक सड़क हादसों में 40 फीसदी की कमी आई हैं. ऐसे में विगत वर्षों के मुताबिक सड़क हादसों के मद्देनजर इस साल प्रदेश के लिए राहत भरी खबर हैं. हालांकि इसकी वजह कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान आवाजाही में कमी है.

सड़क दुर्घटनाओं के विगत 3 वर्षों के रिकॉर्ड (2018 से 30 जून 2020 तक) -

जिलासड़क हादसे202020192018
उत्तरकाशी दुर्घटना की संख्या04 1112
मृतकों की संख्या160818
घायलों की संख्या032642
टिहरीदुर्घटना की संख्या212438
मृतकों की संख्या353847
घायलों की संख्या243984
रुद्रप्रयागदुर्घटना की संख्या467
मृतकों की संख्या445
घायलों की संख्या6217
पौड़ीदुर्घटना की संख्या62020
मृतकों की संख्या51615
घायलों की संख्या46468
देहरादूनदुर्घटना की संख्या110167158
मृतकों की संख्या448857
घायलों की संख्या105140132
हरिद्वारदुर्घटना की संख्या74136175
मृतकों की संख्या458498
घायलों की संख्या48114163
नैनीतालदुर्घटना की संख्या58107101
मृतकों की संख्या264554
घायलों की संख्या687993
उधम सिंह नगरदुर्घटना की संख्या 134 196 171
मृतकों की संख्या103125113
घायलों की संख्या 73164126
अल्मोड़ादुर्घटना की संख्या039
मृतकों की संख्या0118
घायलों की संख्या0919
पिथौरागढ़दुर्घटना की संख्या754
मृतकों की संख्या453
घायलों की संख्या1443
चंपावतदुर्घटना की संख्या31315
मृतकों की संख्या21529
घायलों की संख्या23529
बागेश्वरदुर्घटना की संख्या2310
मृतकों की संख्या037
घायलों की संख्या2513
कुल दुर्घटना की संख्या432704746
मृतकों की संख्या291445480
घायलों की संख्या359753833

ये भी पढ़ें: मालाबार नौसैनिक अभ्यास : जानें, चीन और ऑस्ट्रेलिया में से किसे चुनेगा भारत

वहीं, देश के कई राज्यों सहित उत्तराखंड में प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं के आकड़ों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बना सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के सख्त निर्देश भी दिए थे. उत्तराखंड के डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार भी लगातार सड़क हादसों को रोकने के लिए विगत वर्षों से प्रयास कर रहे हैं. जिसके चलते 2019 में पूर्व वर्षों की तुलना में सड़क हादसों में 10 फीसदी कमी आई थी.

लेकिन इस वर्ष कोरोना लॉकडाउन के कारण सड़क दुर्घटनाओं में 40 प्रतिशत कमी आई है. उत्तराखंड में साल दर साल सड़क हादसों में बढ़ोतरी होने से मौत होने के मामले में डीजी अशोक कुमार ने कहा कि उत्तराखंड राज्य प्राकृतिक आपदाओं, लैंडस्लाइडिंग और तमाम विषम परिस्थितियों से हमेशा से प्रभावित रहता है. ऐसे में डेंजर जोन में सड़क हादसे सहित अन्य घटनाओं अंकुश लगाना एक बड़ी चुनौती है.

देहरादून: लॉकडाउन के साइड इफेक्ट सामने आ रहे हैं ताे वहीं कुछ राहत भी है. लॉकडाउन के दौरान गाड़ियों के न चलने से सड़क हादसों में भारी कमी आई है. उत्तराखंड में भूस्खलन, प्राकृतिक आपदा, सड़क हादसों के चलते सैकड़ों लोगों के घर उजड़ जाते हैं. लेकिन इन घटनाओं से निपटने के लिए सरकार की तैयारियां चिंताजनक हैं. कोरोना और लॉकडाउन के चलते जहां लोगों को परेशानियां हुई. वहीं, प्रदेश में लॉकडाउन का एक फायदा देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन के बीच उत्तराखंड में सड़क हादसों में 40 फीसदी की कमी दर्ज की गई.

लॉकडाउन में थमी सड़क हादसों की 'रफ्तार'.

बता दें कि, प्रदेश में एक जनवरी से लेकर जून तक सड़क हादसों में 500 से अधिक लोगों की मौत हुई है. लॉकडाउन से पहले सामान्य दिनों में प्रतिदिन तीन लोगों की मौत सड़क हादसों में होती थी. लेकिन कोरोना लॉकडाउन में सड़क हादसों में कमी देखने को मिली है. जो प्रदेश के लिए राहत भरी खबर है.

पुलिस के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष एक जनवरी से 30 जून तक सड़क हादसों में 40 फीसदी की कमी आई हैं. ऐसे में विगत वर्षों के मुताबिक सड़क हादसों के मद्देनजर इस साल प्रदेश के लिए राहत भरी खबर हैं. हालांकि इसकी वजह कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान आवाजाही में कमी है.

सड़क दुर्घटनाओं के विगत 3 वर्षों के रिकॉर्ड (2018 से 30 जून 2020 तक) -

जिलासड़क हादसे202020192018
उत्तरकाशी दुर्घटना की संख्या04 1112
मृतकों की संख्या160818
घायलों की संख्या032642
टिहरीदुर्घटना की संख्या212438
मृतकों की संख्या353847
घायलों की संख्या243984
रुद्रप्रयागदुर्घटना की संख्या467
मृतकों की संख्या445
घायलों की संख्या6217
पौड़ीदुर्घटना की संख्या62020
मृतकों की संख्या51615
घायलों की संख्या46468
देहरादूनदुर्घटना की संख्या110167158
मृतकों की संख्या448857
घायलों की संख्या105140132
हरिद्वारदुर्घटना की संख्या74136175
मृतकों की संख्या458498
घायलों की संख्या48114163
नैनीतालदुर्घटना की संख्या58107101
मृतकों की संख्या264554
घायलों की संख्या687993
उधम सिंह नगरदुर्घटना की संख्या 134 196 171
मृतकों की संख्या103125113
घायलों की संख्या 73164126
अल्मोड़ादुर्घटना की संख्या039
मृतकों की संख्या0118
घायलों की संख्या0919
पिथौरागढ़दुर्घटना की संख्या754
मृतकों की संख्या453
घायलों की संख्या1443
चंपावतदुर्घटना की संख्या31315
मृतकों की संख्या21529
घायलों की संख्या23529
बागेश्वरदुर्घटना की संख्या2310
मृतकों की संख्या037
घायलों की संख्या2513
कुल दुर्घटना की संख्या432704746
मृतकों की संख्या291445480
घायलों की संख्या359753833

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वहीं, देश के कई राज्यों सहित उत्तराखंड में प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं के आकड़ों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बना सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के सख्त निर्देश भी दिए थे. उत्तराखंड के डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार भी लगातार सड़क हादसों को रोकने के लिए विगत वर्षों से प्रयास कर रहे हैं. जिसके चलते 2019 में पूर्व वर्षों की तुलना में सड़क हादसों में 10 फीसदी कमी आई थी.

लेकिन इस वर्ष कोरोना लॉकडाउन के कारण सड़क दुर्घटनाओं में 40 प्रतिशत कमी आई है. उत्तराखंड में साल दर साल सड़क हादसों में बढ़ोतरी होने से मौत होने के मामले में डीजी अशोक कुमार ने कहा कि उत्तराखंड राज्य प्राकृतिक आपदाओं, लैंडस्लाइडिंग और तमाम विषम परिस्थितियों से हमेशा से प्रभावित रहता है. ऐसे में डेंजर जोन में सड़क हादसे सहित अन्य घटनाओं अंकुश लगाना एक बड़ी चुनौती है.

Last Updated : Jul 22, 2020, 7:03 PM IST
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