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देहरादून में कौवों के मरने का सिलसिला जारी, बर्ड फ्लू की आशंका बढ़ी

प्रदेश में जगह-जगह कौवों के मरने का सिलसिला जारी है. ऐसे के बर्ड फ्लू (Bird flu) की आशंका भी गहराती जा रही है.

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बर्ड फ्लू
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Published : Jan 9, 2021, 11:11 AM IST

देहरादून: कोरोना वायरस के बीच अब उत्तराखंड में अब बर्ड फ्लू का खतरा मंडरा रहा है. प्रदेश में जगह-जगह कौवों के मरने का सिलसिला जारी है. ऐसे के बर्ड फ्लू (Bird flu) की आशंका भी गहराती जा रही है. मृत कौवों की सैंपल रिपोर्ट न आने से अभी तक अधिकारिक रूप में इस बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है.

बता दें कि, पिछले 3 दिनों में जिले के अलग-अलग हिस्सों में कौवों के मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार के दिन ऋषिकेश में दो कौवें मृत पाए गए. जिनका सैंपल लेकर पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा टेस्टिंग के लिए भोपाल लेब भेजा गया हैं. दो दिन पहले भेजे गए मृत कौवों के सैंपल रिपोर्ट आने में 7 से 10 दिनों का वक्त लग सकता हैं. रिपोर्ट के आधार पर ही बर्ड फ्लू बीमारी की पुष्टि या पक्षियों के लगातार मरने के कारण की जानकारी सामने आएगी.

जानकारी के अनुसार पिछले 48 घंटों में 20 से अधिक कौवों की मौत देहरादून के अलग-अलग हिस्सों में हुई है. अभी तक देहरादून एसएसपी कार्यालय डिफेंस कॉलोनी मथुरावाला व ऋषिकेश जैसे इलाकों में कौवों की मरने की सूचना वन विभाग ने दर्ज की है. सूचना के आधार पर वन विभाग पशु चिकित्सा अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग मृत कौवों को रेस्क्यू कर उनके सैंपल लेकर टेस्टिंग के लिए भोपाल भेज रहे हैं. जानकारी के मुताबिक अभी तक अलग-अलग क्षेत्रों से बरामद मृत कौवों के 4 सैंपल कलेक्ट कर उन्हें टेस्टिंग के लिए भेजा गया है. मृत पक्षियों के सैंपल कलेक्ट करने के लिए वन कर्मियों को दी जाएगी.

डीएफओ राजीव धीमान ने बताया कि शनिवार से चिड़ियाघर के डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से फॉरेस्ट कर्मचारियों की ट्रेनिंग कराई जाएगी. इस दौरान किस तरह से एहतियात बरतकर मृत पक्षियों के सैंपल कैसे एकत्र किए जाते हैं इसके बारे में जानकारी मुहैया कराई जाएगी. वहीं दूसरी तरफ एडवाइजरी के मुताबिक पोल्ट्री फार्म और अन्य तरह के मुर्गी वाले स्टोर से सैंपल लेने का काम वाइल्ड लाइफ और स्वास्थ्य विभाग की टीम करेगी. जबकि वन विभाग को वाइल्ड पशु पक्षियों के सहयोग के लिए वाइल्ड लाइफ डॉक्टर भी सैंपल एकत्र करने में मदद करेंगे.

राजीव धीमान के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग वाइल्ड लाइफ पशु चिकित्सा अधिकारी सहित सभी संबंधित विभागों से सहयोग लेकर वन विभाग लगातार निगरानी रखकर कार्रवाई कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ पक्षियों पर नजर बढ़ाते हुए अलग-अलग विभागों की मोबाइल वैन भी अब फॉरेस्ट रेंज पर चलाई जा रही है. सैंपल रिपोर्ट आने में 7 से 10 दिनों का समय लग सकता है.

पढ़ें: सल्ट में मार्चुला एडवेंचर मीट-2021 का आगाज, मंत्री धन सिंह रावत ने किया शुभारंभ

उत्तराखंड वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी किए गए निर्देश के मुताबिक राज्य के सभी जनपदों में पक्षियों पर निगरानी रख नियंत्रण कक्ष बनाए जा रहे हैं. उधर केरल, हरियाणा और हिमाचल जैसे राज्यों में बर्ड फ्लू की दस्तक को देखते हुए उत्तराखंड स्वास्थ विभाग ऐ एहतियातन सर्कुलर जारी कर मुर्गी पालन सहित चिकन शॉप सहित अन्य स्थानों में सतर्कता निगरानी बरतने के निर्देश जारी कर चुका है.

देहरादून: कोरोना वायरस के बीच अब उत्तराखंड में अब बर्ड फ्लू का खतरा मंडरा रहा है. प्रदेश में जगह-जगह कौवों के मरने का सिलसिला जारी है. ऐसे के बर्ड फ्लू (Bird flu) की आशंका भी गहराती जा रही है. मृत कौवों की सैंपल रिपोर्ट न आने से अभी तक अधिकारिक रूप में इस बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है.

बता दें कि, पिछले 3 दिनों में जिले के अलग-अलग हिस्सों में कौवों के मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार के दिन ऋषिकेश में दो कौवें मृत पाए गए. जिनका सैंपल लेकर पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा टेस्टिंग के लिए भोपाल लेब भेजा गया हैं. दो दिन पहले भेजे गए मृत कौवों के सैंपल रिपोर्ट आने में 7 से 10 दिनों का वक्त लग सकता हैं. रिपोर्ट के आधार पर ही बर्ड फ्लू बीमारी की पुष्टि या पक्षियों के लगातार मरने के कारण की जानकारी सामने आएगी.

जानकारी के अनुसार पिछले 48 घंटों में 20 से अधिक कौवों की मौत देहरादून के अलग-अलग हिस्सों में हुई है. अभी तक देहरादून एसएसपी कार्यालय डिफेंस कॉलोनी मथुरावाला व ऋषिकेश जैसे इलाकों में कौवों की मरने की सूचना वन विभाग ने दर्ज की है. सूचना के आधार पर वन विभाग पशु चिकित्सा अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग मृत कौवों को रेस्क्यू कर उनके सैंपल लेकर टेस्टिंग के लिए भोपाल भेज रहे हैं. जानकारी के मुताबिक अभी तक अलग-अलग क्षेत्रों से बरामद मृत कौवों के 4 सैंपल कलेक्ट कर उन्हें टेस्टिंग के लिए भेजा गया है. मृत पक्षियों के सैंपल कलेक्ट करने के लिए वन कर्मियों को दी जाएगी.

डीएफओ राजीव धीमान ने बताया कि शनिवार से चिड़ियाघर के डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से फॉरेस्ट कर्मचारियों की ट्रेनिंग कराई जाएगी. इस दौरान किस तरह से एहतियात बरतकर मृत पक्षियों के सैंपल कैसे एकत्र किए जाते हैं इसके बारे में जानकारी मुहैया कराई जाएगी. वहीं दूसरी तरफ एडवाइजरी के मुताबिक पोल्ट्री फार्म और अन्य तरह के मुर्गी वाले स्टोर से सैंपल लेने का काम वाइल्ड लाइफ और स्वास्थ्य विभाग की टीम करेगी. जबकि वन विभाग को वाइल्ड पशु पक्षियों के सहयोग के लिए वाइल्ड लाइफ डॉक्टर भी सैंपल एकत्र करने में मदद करेंगे.

राजीव धीमान के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग वाइल्ड लाइफ पशु चिकित्सा अधिकारी सहित सभी संबंधित विभागों से सहयोग लेकर वन विभाग लगातार निगरानी रखकर कार्रवाई कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ पक्षियों पर नजर बढ़ाते हुए अलग-अलग विभागों की मोबाइल वैन भी अब फॉरेस्ट रेंज पर चलाई जा रही है. सैंपल रिपोर्ट आने में 7 से 10 दिनों का समय लग सकता है.

पढ़ें: सल्ट में मार्चुला एडवेंचर मीट-2021 का आगाज, मंत्री धन सिंह रावत ने किया शुभारंभ

उत्तराखंड वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी किए गए निर्देश के मुताबिक राज्य के सभी जनपदों में पक्षियों पर निगरानी रख नियंत्रण कक्ष बनाए जा रहे हैं. उधर केरल, हरियाणा और हिमाचल जैसे राज्यों में बर्ड फ्लू की दस्तक को देखते हुए उत्तराखंड स्वास्थ विभाग ऐ एहतियातन सर्कुलर जारी कर मुर्गी पालन सहित चिकन शॉप सहित अन्य स्थानों में सतर्कता निगरानी बरतने के निर्देश जारी कर चुका है.

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