देहरादून: शिक्षा विभाग में करीब 4 साल से गायब रही दमयंती रावत की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. दरअसल, दमयंती मूलरूप से शिक्षा विभाग में उप शिक्षा अधिकारी हैं, लेकिन वे पिछले कई सालों से कर्मकार कल्याण बोर्ड में सचिव के पद पर बिना शिक्षा विभाग की एनओसी के काम कर रही थी.
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की करीबी दमयंती रावत की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के सचिव पद से उन्हें हटा दिया गया है. उन्हें उनके मूल विभाग में जाने के निर्देश भी हुए हैं. लेकिन दमयंती रावत पिछले करीब 4 सालों से शिक्षा विभाग को बिना बताए दूसरे विभागों में काम कर रही हैं. खास बात यह है कि अब दमयंती रावत बोर्ड से हटाई जा चुकी है. ऐसे में शिक्षा विभाग में वापस जाने के लिए उन्हें पहले यह बताना होगा कि वह पिछले 4 साल से कहां थी.
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दमयंती रावत करीब 4 साल 2 महीने से शिक्षा विभाग से बाहर बिना एनओसी के काम कर रही हैं, जबकि नियमानुसार बिना एनओसी के दूसरे विभाग में कोई भी अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर तैनाती नहीं ले सकता है. ऐसे में नियम विरुद्ध दमयंती रावत का इस तरह शिक्षा विभाग से गैरहाजिर रहना उनकी मुश्किलें बढ़ा सकता है.
शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने बिना एनओसी के इस तरह दूसरे विभाग में काम करने को गंभीर बताया है. साथ ही दमयंती रावत की फाइल की जांच करने की भी बात कही है. ऊंचे राजनीतिक रसूख के कारण इतने सालों तक दमयंती पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. ऐसे में माना जा रहा है कि अब दमयंती रावत पर विभाग का शिकंजा कस सकता है.