मसूरी: इस बार मसूरी के आसपास के जंगलों में बड़ी मात्रा में आग लगी है. जिसका प्रभाव जनजीवन सहित वन्य जंतुओं पर भी पड़ रहा है. आग लगने से जहां वन संपदा के साथ दुर्लभ वनस्पति जल गई है, वहीं वनों में रहने वाले जीव जंतुओं पर भी इसका प्रभाव पड़ा है. साथ ही वातावरण दूषित होने के साथ ही एक ओर जहां तापमान में वृद्धि हो रही है, वहीं वायु में आर्द्रता भी कम हो गई है.
मसूरी वन प्रभाग की डीएफओ कहकशां नसीम का कहना है कि मसूरी गंगा व यमुना के बीच का हिस्सा है. यहीं से यमुना में पानी जाता है. इस बार आग की घटनाओं के बढ़ने से वन संपदा का भारी नुकसान हो रहा है. हालांकि बड़े पेड़ों को तो बचाया जा रहा है पर जो वन संपदा जमीन पर है उसका नुकसान बहुत हो रहा है.
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वन विभाग के कर्मचारियों के साथ आग बुझाने में स्थानीय लोगों व ग्रामीणों का भरपूर सहयोग मिल रहा है. उन्होंने कहा कि ग्राउंड फ्लोरा में आग से भारी नुकसान हो रहा है. उससे भूमि की उर्वरा शक्ति समाप्त हो रही है. वहीं जंगल वनस्पति के जलने से जो वन्य जीव जंतु इस पर निर्भर हैं उन पर प्रभाव पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि वनों में आग लगने से जो एक चेन होती है वह प्रभावित हो रही है. आग लगने से जहां वनस्पतियां नष्ट हो जाती हैं, वहीं इस पर निर्भर रहने वाले कीट-पंतंगे व तितलियां व अन्य वन्य जंतु भी जल जाते हैं.
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नेचर पार्क के कर्मचारी वीरेन्द्र बताते हैं कि इस बार मौसम के सूखे होने व बर्फ कम पड़ने से आग अधिक लग रही है. जिस पर इस फील्ड से जुड़े लोगों के साथ ही अन्य लोगों की मदद ली जा रही है. वन विभाग के कर्मचारी भी आग बुझाने में पूरी मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वनों में आग लगने से कितना नुकसान होता है इसे शब्दों में बताना मुश्किल है.