ETV Bharat / state

सावधान! कहीं आपके किसी 'परिचित' ने कॉल कर पैसे तो नहीं मांगे?

author img

By

Published : Jan 28, 2021, 3:18 PM IST

Updated : Jan 28, 2021, 5:51 PM IST

साइबर क्राइम से जुड़े अपराधी फोन कॉल, सोशल एप, सोशल साइट्स आदि के माध्यम से लोगों को शिकार बना रहे हैं. वहीं, अब साइबर अपराधी, नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. जी हां, साइबर क्राइम की जगत में एक ऐसा ही नया साइबर अपराध सामने आया है जिसमें साइबर ठग मुख्य रूप से लोगों और उनके परिचितों को शामिल कर ठगी का शिकार बना रहे हैं.

साइबर ठगों ने बदला तरीका
साइबर ठगों ने बदला तरीका

देहरादून: दिन प्रतिदिन साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जहां एक ओर ठग लोगों के व्हाट्सएप हैक कर और फेक फेसबुक आईडी बनाकर उनके रिश्तेदारों और जानकारों से ठगी कर रहे हैं वहीं, अब अपने तरीके में बदलाव लाते जा रहे हैं. क्योंकि, साइबर ठगी को लेकर अब लोग जागरूक हो रहे हैं. ऐसे में लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए साइबर ठग यूनीक तरीका अपनाने लगे हैं. आखिर किस तरह साइबर ठग चेन बनाकर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं और आप खुद को ऑनलाइन फ्रॉड से कैसे सुरक्षित रख सकते हैं? देखिए खास रिपोर्ट.

uttarakhand
साइबर क्रिमिनलों ने बदला ठगी का तरीका

जहां एक ओर साइबर क्राइम से जुड़े अपराधी फोन कॉल, सोशल एप, सोशल साइट्स आदि के माध्यम से लोगों को शिकार बना रहे हैं वहीं, अब साइबर अपराधी, नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर लोगों को अपना शिकार बना रहे है. साइबर क्राइम के जगत में एक ऐसा ही नया साइबर अपराध सामने आया है. साइबर ठग मुख्य रूप से लोगों और उनके परिचितों को शामिल कर ठगी का शिकार बना रहे हैं.

ये भी पढ़ें: ETV एक्सक्लूसिव: इस बार फीका रहेगा महाकुंभ, घटाए जा सकते हैं मेले के दिन- मुख्य सचिव

चेन बनाकर लोगों से ठगी

साइबर ठग पहले एप, सोशल मीडिया के जरिए और बैंक अधिकारी बनकर लोगों का अपना शिकार बनाते रहे हैं. हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक नहीं बल्कि दो-तीन लोगों को शामिल कर उनके परिचितों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है. जिसमें मुख्य रूप से साइबर ठग किसी व्यक्ति का परिचित बनकर कॉल करते हैं. फिर इमरजेंसी की बात कहकर, उनके खाते में पैसा भेजने को कहते हैं. उस पैसे को किसी अन्य व्यक्ति को स्पेसिफिक वॉलेट के माध्यम से भेजने को कहते हैं. हालांकि ये ठग ऐसे व्यक्ति को कॉल करते हैं, जो किसी भी प्रकार का कोई वॉलेट इस्तेमाल नहीं कर रहे होते हैं. जिसके चलते वह अपने परिचितों से बातचीत कर पैसे ट्रांसफर करने की बात कहता है और ठग द्वारा भेजे गए लिंक को उसे भेज देता है. जिसके बाद व्यक्ति का परिचित ठगी का शिकार हो जाता है.

अब ऐसे ठग रहे हैं साइबर क्रिमिनल.

पेमेंट लिंक भेजकर लोगों से ठगी

साइबर ठग इतने शातिर होते हैं कि वह पैसे रिसीव करने का जो लिंक भेजते है दरअसल, वह लिंक पेमेंट करने का लिंक होता है. ठग जब किसी परिचित द्वारा इमरजेंसी की बात कर, वॉलेट में पैसा देने की बात करता है तब उस दौरान परिचित व्यक्ति के पास अगर वह स्पेसिफिक वॉलेट नहीं होता है और वह भावुक होकर अपने अन्य जानकारों से पैसा ट्रांसफर करने को कहता है. इसी बीच साइबर ठग उस व्यक्ति के परिचित का नंबर लेकर और उस व्यक्ति का नाम लेकर बात करता है. फिर पैसे को उसके खाते में भेज कर किसी अन्य को भेजने की बात कहकर उसे पेमेंट लिंक भेज देता है. लिहाजा व्यक्ति के परिचित द्वारा लिंक पर क्लिक किए जाने के बाद ही परिचित के खाते से धनराशि कट जाती है.

ठगी का शिकार होकर गंवाए 50 हजार रुपये

राजधानी देहरादून से एक ऐसा ही मामला सामने आया, जिसमें देहरादून निवासी राकेश शर्मा (बदला हुआ नाम) के भाई ने राकेश से कहा कि उसका एक परिचित है, जो उसके खाते में 25 हजार रुपये ट्रांसफर कर रहा है. जिसे निकालकर किसी अन्य व्यक्ति को देना है. जिसके कुछ देर बाद ही राकेश के भाई के परिचित ने राकेश को फोन कर उसका फोनपे (Phone Pay) नंबर मांगा और फिर राकेश को एक लिंक भेज कर उस पर क्लिक करने को कहा. जैसे ही राकेश ने उस लिंक पर क्लिक किया, उसके बाद ही उसके खाते से 25-25 हजार रुपये दो बार कट गए. पैसे कटने के बाद फिर राकेश ने उसके भाई द्वारा बताए गए परिचित को फोन किया तो उसका नंबर बंद आने लगा. राकेश ने अपने भाई को फोन कर उसके परिचित से बातचीत करने के लिए कहा. ऐसे में जब राकेश के भाई ने अपने परिचित को फोन किया तो पता चला कि परिचित ने उसे फोन ही नहीं किया था.

uttarakhand
साइबर क्रिमिनलों ने बदला ठगी का तरीका

ठग ने राकेश के भाई को लिया झांसे में

ठगी का शिकार होने के बाद राकेश तत्काल देहरादून स्थित साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पहुंचा. उसने पूरी आप बीती बताकर शिकायत दर्ज करायी. पुलिस अधिकारी ने जब राकेश के भाई से बातचीत की तो उसने बताया कि उसके एक परिचित का फोन आया था, जिसने कहा कि उसके पिता की तबीयत खराब है. ऐसे में उसे घर पैसे भेजने हैं. लिहाजा अगर उसके पास कोई वॉलेट है तो उसमें पैसे ट्रांसफर कर दे रहा है. जिसे निकालकर वो उसके परिजनों को दे दे. ऐसे में राकेश के भाई के पास कोई वॉलेट ना होने के चलते राकेश के भाई ने उसे कहा कि उसका एक परिचित उसके खाते में पैसा भेज रहा है, जिसे वह निकाल ले. लेकिन ठग ने पैसे भेजने की जगह पेमेंट लिंक भेज दिया. जिस पर क्लिक करते ही राकेश के खाते से 50 हजार रुपये की धनराशि कट गई.

जानकार बनिए, सतर्क रहिए

साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के सीईओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें शातिर ठग, ठगी की चेन बनाकर लोगों को शिकार बना रहे हैं. ऐसे में लोगों को किसी भी अनजान नंबर से फोन आने पर सबसे पहले उस नंबर की जांच कर लें, उसके बाद ही वॉलेट के माध्यम से पैसे का लेन देन करें. अंकुश मिश्रा ने बताया कि इन दिनों साइबर ठग काफी शातिर हो गए हैं और वह अलग-अलग ठगी के तरीके अपनाकर लोगों को शिकार बना रहे हैं. ऐसे में लोग किसी के बहकावे में ना आयें.

उत्तराखंड पुलिस हेल्पलाइन

साइबर ठगी को देखते हुए उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने किसी भी साइबर शिकायत या सुझाव के लिए 0135-2655900 नंबर जारी किया है. जिस पर आप अपनी शिकायत या फिर सुझाव दे सकते हैं. इसके साथ ही ccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.in पर ईमेल भी कर सकते हैं. यही नहीं फेसबुक के माध्यम से भी https://www.facebook.com/cyberthanauttarakhand पर संपर्क कर सकते हैं.

देहरादून: दिन प्रतिदिन साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जहां एक ओर ठग लोगों के व्हाट्सएप हैक कर और फेक फेसबुक आईडी बनाकर उनके रिश्तेदारों और जानकारों से ठगी कर रहे हैं वहीं, अब अपने तरीके में बदलाव लाते जा रहे हैं. क्योंकि, साइबर ठगी को लेकर अब लोग जागरूक हो रहे हैं. ऐसे में लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए साइबर ठग यूनीक तरीका अपनाने लगे हैं. आखिर किस तरह साइबर ठग चेन बनाकर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं और आप खुद को ऑनलाइन फ्रॉड से कैसे सुरक्षित रख सकते हैं? देखिए खास रिपोर्ट.

uttarakhand
साइबर क्रिमिनलों ने बदला ठगी का तरीका

जहां एक ओर साइबर क्राइम से जुड़े अपराधी फोन कॉल, सोशल एप, सोशल साइट्स आदि के माध्यम से लोगों को शिकार बना रहे हैं वहीं, अब साइबर अपराधी, नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर लोगों को अपना शिकार बना रहे है. साइबर क्राइम के जगत में एक ऐसा ही नया साइबर अपराध सामने आया है. साइबर ठग मुख्य रूप से लोगों और उनके परिचितों को शामिल कर ठगी का शिकार बना रहे हैं.

ये भी पढ़ें: ETV एक्सक्लूसिव: इस बार फीका रहेगा महाकुंभ, घटाए जा सकते हैं मेले के दिन- मुख्य सचिव

चेन बनाकर लोगों से ठगी

साइबर ठग पहले एप, सोशल मीडिया के जरिए और बैंक अधिकारी बनकर लोगों का अपना शिकार बनाते रहे हैं. हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक नहीं बल्कि दो-तीन लोगों को शामिल कर उनके परिचितों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है. जिसमें मुख्य रूप से साइबर ठग किसी व्यक्ति का परिचित बनकर कॉल करते हैं. फिर इमरजेंसी की बात कहकर, उनके खाते में पैसा भेजने को कहते हैं. उस पैसे को किसी अन्य व्यक्ति को स्पेसिफिक वॉलेट के माध्यम से भेजने को कहते हैं. हालांकि ये ठग ऐसे व्यक्ति को कॉल करते हैं, जो किसी भी प्रकार का कोई वॉलेट इस्तेमाल नहीं कर रहे होते हैं. जिसके चलते वह अपने परिचितों से बातचीत कर पैसे ट्रांसफर करने की बात कहता है और ठग द्वारा भेजे गए लिंक को उसे भेज देता है. जिसके बाद व्यक्ति का परिचित ठगी का शिकार हो जाता है.

अब ऐसे ठग रहे हैं साइबर क्रिमिनल.

पेमेंट लिंक भेजकर लोगों से ठगी

साइबर ठग इतने शातिर होते हैं कि वह पैसे रिसीव करने का जो लिंक भेजते है दरअसल, वह लिंक पेमेंट करने का लिंक होता है. ठग जब किसी परिचित द्वारा इमरजेंसी की बात कर, वॉलेट में पैसा देने की बात करता है तब उस दौरान परिचित व्यक्ति के पास अगर वह स्पेसिफिक वॉलेट नहीं होता है और वह भावुक होकर अपने अन्य जानकारों से पैसा ट्रांसफर करने को कहता है. इसी बीच साइबर ठग उस व्यक्ति के परिचित का नंबर लेकर और उस व्यक्ति का नाम लेकर बात करता है. फिर पैसे को उसके खाते में भेज कर किसी अन्य को भेजने की बात कहकर उसे पेमेंट लिंक भेज देता है. लिहाजा व्यक्ति के परिचित द्वारा लिंक पर क्लिक किए जाने के बाद ही परिचित के खाते से धनराशि कट जाती है.

ठगी का शिकार होकर गंवाए 50 हजार रुपये

राजधानी देहरादून से एक ऐसा ही मामला सामने आया, जिसमें देहरादून निवासी राकेश शर्मा (बदला हुआ नाम) के भाई ने राकेश से कहा कि उसका एक परिचित है, जो उसके खाते में 25 हजार रुपये ट्रांसफर कर रहा है. जिसे निकालकर किसी अन्य व्यक्ति को देना है. जिसके कुछ देर बाद ही राकेश के भाई के परिचित ने राकेश को फोन कर उसका फोनपे (Phone Pay) नंबर मांगा और फिर राकेश को एक लिंक भेज कर उस पर क्लिक करने को कहा. जैसे ही राकेश ने उस लिंक पर क्लिक किया, उसके बाद ही उसके खाते से 25-25 हजार रुपये दो बार कट गए. पैसे कटने के बाद फिर राकेश ने उसके भाई द्वारा बताए गए परिचित को फोन किया तो उसका नंबर बंद आने लगा. राकेश ने अपने भाई को फोन कर उसके परिचित से बातचीत करने के लिए कहा. ऐसे में जब राकेश के भाई ने अपने परिचित को फोन किया तो पता चला कि परिचित ने उसे फोन ही नहीं किया था.

uttarakhand
साइबर क्रिमिनलों ने बदला ठगी का तरीका

ठग ने राकेश के भाई को लिया झांसे में

ठगी का शिकार होने के बाद राकेश तत्काल देहरादून स्थित साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पहुंचा. उसने पूरी आप बीती बताकर शिकायत दर्ज करायी. पुलिस अधिकारी ने जब राकेश के भाई से बातचीत की तो उसने बताया कि उसके एक परिचित का फोन आया था, जिसने कहा कि उसके पिता की तबीयत खराब है. ऐसे में उसे घर पैसे भेजने हैं. लिहाजा अगर उसके पास कोई वॉलेट है तो उसमें पैसे ट्रांसफर कर दे रहा है. जिसे निकालकर वो उसके परिजनों को दे दे. ऐसे में राकेश के भाई के पास कोई वॉलेट ना होने के चलते राकेश के भाई ने उसे कहा कि उसका एक परिचित उसके खाते में पैसा भेज रहा है, जिसे वह निकाल ले. लेकिन ठग ने पैसे भेजने की जगह पेमेंट लिंक भेज दिया. जिस पर क्लिक करते ही राकेश के खाते से 50 हजार रुपये की धनराशि कट गई.

जानकार बनिए, सतर्क रहिए

साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के सीईओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें शातिर ठग, ठगी की चेन बनाकर लोगों को शिकार बना रहे हैं. ऐसे में लोगों को किसी भी अनजान नंबर से फोन आने पर सबसे पहले उस नंबर की जांच कर लें, उसके बाद ही वॉलेट के माध्यम से पैसे का लेन देन करें. अंकुश मिश्रा ने बताया कि इन दिनों साइबर ठग काफी शातिर हो गए हैं और वह अलग-अलग ठगी के तरीके अपनाकर लोगों को शिकार बना रहे हैं. ऐसे में लोग किसी के बहकावे में ना आयें.

उत्तराखंड पुलिस हेल्पलाइन

साइबर ठगी को देखते हुए उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने किसी भी साइबर शिकायत या सुझाव के लिए 0135-2655900 नंबर जारी किया है. जिस पर आप अपनी शिकायत या फिर सुझाव दे सकते हैं. इसके साथ ही ccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.in पर ईमेल भी कर सकते हैं. यही नहीं फेसबुक के माध्यम से भी https://www.facebook.com/cyberthanauttarakhand पर संपर्क कर सकते हैं.

Last Updated : Jan 28, 2021, 5:51 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.