देहरादूनः उत्तराखंड में हाईटेक अपराध तेजी से पांव पसार रहे हैं. साइबर क्राइम की ठगी का मकड़जाल दिन-प्रतिदिन पुलिस तंत्र के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है. हालांकि समय की जरुरत के मुताबिक पुलिस तंत्र साइबर अपराध से पार पाने के लिए एडवांस ट्रेनिंग अपडेट कर रहा है. वहीं, दूसरी ओर अब ऐसी स्टडी में सामने आ रहे हैं कि फाइनेंशियल साइबर ठगी की सबसे ज्यादा शिकायतें वीकेंड और सार्वजनिक छुट्टी वाले दिन ज्यादा आती हैं.
ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि इन दिनों अधिकांश बैंक व फाइनेंस ट्रांजेक्शन वाले संस्थान ऑफलाइन रूप में बंद होते हैं. जिसके चलते ऑनलाइन ठगी की घटनाएं बढ़ती हैं. वहीं इस बीच ठगी के शिकार व्यक्ति को लेन-देन की सूचना देर से मिलती है. उत्तराखंड एसटीएफ व साइबर पुलिस के मुताबिक साप्ताहिक अवकाश और सार्वजनिक छुट्टी वाले दिन ऑनलाइन बैंकिंग वालों को सबसे ज्यादा साइबर ठगों से सतर्क रहने की आवश्यकता है.
साप्ताहिक अवकाश और सार्वजनिक छुट्टी वाले दिन फाइनेंशियल साइबर ठगी के सबसे अधिक शिकायत ही मामलों को लेकर उत्तराखंड एसटीएफ (एसएसपी) अजय सिंह भी मानते हैं कि इन दिनों सबसे ज्यादा साइबर ठग सक्रिय होते हैं. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि पीड़ित व्यक्ति बैंक या अन्य फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन संस्थानों के बंद होने के चलते सोमवार या अवकाश के अगले दिन सूचना मुताबिक बैंक से निकासी रकम (डेबिट) सही की जानकारी लेने देरी से पहुंचते हैं. जबकि उससे पहले ठगी गई रकम साइबर अपराधियों द्वारा हड़प ली जाती है.
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हालांकि इसके बावजूद साइबर पुलिस शिकायत के अनुसार, कार्रवाई में जुटकर साइबर ठगों के ट्रांजेक्शन वाले बैंक खातों को फ्रीज कराने का प्रयास करती है. लेकिन इसके बावजूद बैंकिंग वाली तकनीक में कई समस्याएं सामने आने से इसके निस्तारण में परेशानी आती है.
इस मामले में एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह कहते हैं कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन व बैंकिंग करने वाले ग्राहकों को शनिवार-रविवार सहित सार्वजनिक अवकाश वाले दिन साइबर ठगों से अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है.
अजय सिंह के मुताबिक, फाइनेंशियल रूप में साइबर ठगों को किसी भी तरह के धोखाधड़ी या अपराध से रोकने के आगामी दिनों में देशव्यापी स्तर पर प्रभावी कदम देखने को मिलेंगे. केंद्र सरकार की MHA गाइडलाइन के अनुसार सभी बैंकों व वॉयलेट फाइनेंशियल लेन-देन कंपनियों को एक मंच पर लाकर किसी भी तरह के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन सूचना वाला ऑनलाइन पोर्टल तैयार हो रहा है. जिसकी मदद से सभी फाइनेंशियल संस्थाओं से समय रहते सटीक ट्रांजेक्शन जानकारियां आदान-प्रदान हो सकेंगी और साइबर ठगी पर अंकुश लग सकेगा.