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चकराताः मां काली के मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब, 2 साल बाद खुले कपाट - temple of ancient MAA Kali of Chakrata

चकराता के इंद्रोली गांव में स्थित मां काली का मंदिर कोरोना काल के 2 साल बाद खोला गया. इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने मां काली के दर्शन किए.

Maa Kali Temple
मां काली का मंदिर
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Published : May 23, 2022, 1:47 PM IST

चकराता: देहरादून के चकराता के इंद्रोली गांव में स्थित प्राचीन मां काली का मंदिर (Maa Kali temple located in Indoli village) कोरोना काल के बाद गाइडलाइन के तहत 2 साल बाद खोला गया. इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने मां काली के दर्शन (Devotees visited Maa Kali) किए. हर साल मई के महीने में मां काली के दर्शनों के लिए दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं और सुख समृद्धि की कामना करते हैं.

इंद्रोली गांव में स्थित प्राचीन मां काली का मंदिर देहरादून से करीब 100 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. कोरोना काल में 2 साल से बंद मंदिर को गाइडलाइन के मुताबिक, खोला गया तो श्रद्धालुओं का मेला उमड़ पड़ा. हजारों की संख्या में भक्तों ने मां काली के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया.
ये भी पढ़ेंः आज की प्रेरणा: ज्ञान रूपी अग्नि भौतिक कर्मों के समस्त फलों को जला डालती है

वहीं, श्रद्धालुओं का कहना है कि मां काली का प्राचीन मंदिर सदियों पुराना है. जौनसार बावर सहित हिमाचल, गढ़वाल से भी श्रद्धालु मां काली के दरबार में पहुंचते हैं और अपनी परेशानी मां काली के दरबार में रखते हैं. माता रानी किसी को भी निराश नहीं करती है. मां काली के मंदिर से एक चावल का दाना प्राप्त करने मात्र से संतान प्राप्ति होती है ऐसी मान्यता है.

चकराता: देहरादून के चकराता के इंद्रोली गांव में स्थित प्राचीन मां काली का मंदिर (Maa Kali temple located in Indoli village) कोरोना काल के बाद गाइडलाइन के तहत 2 साल बाद खोला गया. इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने मां काली के दर्शन (Devotees visited Maa Kali) किए. हर साल मई के महीने में मां काली के दर्शनों के लिए दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं और सुख समृद्धि की कामना करते हैं.

इंद्रोली गांव में स्थित प्राचीन मां काली का मंदिर देहरादून से करीब 100 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. कोरोना काल में 2 साल से बंद मंदिर को गाइडलाइन के मुताबिक, खोला गया तो श्रद्धालुओं का मेला उमड़ पड़ा. हजारों की संख्या में भक्तों ने मां काली के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया.
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वहीं, श्रद्धालुओं का कहना है कि मां काली का प्राचीन मंदिर सदियों पुराना है. जौनसार बावर सहित हिमाचल, गढ़वाल से भी श्रद्धालु मां काली के दरबार में पहुंचते हैं और अपनी परेशानी मां काली के दरबार में रखते हैं. माता रानी किसी को भी निराश नहीं करती है. मां काली के मंदिर से एक चावल का दाना प्राप्त करने मात्र से संतान प्राप्ति होती है ऐसी मान्यता है.

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