देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. प्रतिदिन बढ़ते संक्रमितों की संख्या के साथ ही मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. प्रदेश में कोरोना के बेकाबू होते हालात को देखते हुए देहरादून और हरिद्वार में 3 मई तक कर्फ्यू लगाया है. इस दौरान आवश्यक चीजों की खरीद के लिए प्रशासन की तरफ से देहरादून में कर्फ्यू में सुबह 7 बजे से 2 बजे तक आवश्यक सामानों की खरीदारी के लिए ढील दी गई, लेकिन इस दौरान बाजारों में सोशल-डिस्टेंसिंग और कोविड नियमों की जमकर धज्जियां उड़ती नजर आई.
कर्फ्यू में ढील के दौरान ईटीवी भारत संवाददाता परमजीत लाम्बा ने देहरादून के बाजारों का मुआयना किया. इस दौरान बाजारों में लोग कोरोना संक्रमण को लेकर बेपरवाह दिखे. सुबह 7 से दोपहर 2 बजे तक आवश्यक सेवाओं की खरीदारी के दौरान बाजारों में बेहताशा भीड़ उमड़ रही है. लोग सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड नियमों की जमकर अनदेखी करते नजर आए.
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हैरानी की बात है कि पुलिस प्रशासन के लाख दावों के बावजूद भीड़भाड़ वाले इलाकों में कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने वाली पुलिस दूर-दूर तक नजर नहीं आई. हालांकि, देहरादून के निरंजनपुर सब्जी मंडी हाईवे पर पुलिस बेवजह सड़कों पर आवाजाही करने वाले वाहनों को रोककर चालान काट रही है. इसके बावजूद शहर के पुरानी सब्जी मंडी, मोती बाजार, हनुमान चौक जैसे बाजारों में खरीदारी के लिए भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. ऐसे में इन जगहों पर पुलिस प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है.
सुबह 7 से दोपहर 2 बजे तक कर्फ्यू ढील के दौरान बाजार और अन्य स्थानों में भीड़भाड़, सोशल डिस्टेंसिंग उल्लंघन मामले को लेकर जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव का अपना अलग तर्क हैं. डीएम श्रीवास्तव के मुताबिक सरकारी दफ्तर खुलने, वैक्सीनेशन लगाने, बैंकिंग व्यवस्था और इंडस्ट्रियल एरिया खोलने सहित आवश्यक सामग्री लेने वाले लोगों के चलते सड़कों और बाजारों में भीड़ नजर आ रही है. लेकिन इसके अलावा जो बेवजह सड़कों पर निकल रहे हैं. उनके खिलाफ लगातार पुलिस द्वारा कार्रवाई जारी है.