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भू-माफियाओं का कारनामाः फर्जी इनकम टैक्स अफसर बनकर हासिल किए करोड़ों की संपत्ति के काजगात, जानिए कैसे

भू-माफियाओं ने विकासनगर तहसील से फर्जी आयकर अधिकारी बनकर खनन माफिया हाजी इकबाल की संपत्ति के दस्तावेज हासिल कर लिए हैं. तहसील के राजस्व विभाग को इसकी जानकारी 6 दिन बाद लगी. अब राजस्व विभाग ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई है.

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Published : Jul 20, 2023, 10:56 PM IST

Vikasnagar Tehsil
विकासनगर तहसील

देहरादूनः राजधानी देहरादून में भू माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि भू-माफिया फर्जी इनकम टैक्स ऑफिसर बनकर सरकारी दफ्तरों से भी जमीनों के कागज उड़ाने लगे हैं. देहरादून के विकासनगर तहसील से कुछ इसी तरह का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि कुछ लोगों ने खुद को आयकर अधिकारी बताकर राजस्व विभाग से उत्तर प्रदेश के खनन माफिया हाजी इकबाल की संपत्तियों के कागजात हासिल कर लिए. तहसील प्रशासन के साथ हुई इस धोखाधड़ी से खलबली मची है. आयकर विभाग द्वारा ऐसी कार्रवाई से इनकार करने के बाद विकासनगर कोतवाली में धोखाधड़ी और सरकारी काम में बाधा डालने आदि की धाराओं में मुकदमा किया गया है.

इनकम टैक्स कमिश्नर बनकर किया फोन: जानकारी के मुताबिक, 13 जुलाई की सुबह उत्तर प्रदेश के फरार चल रहे खनन माफिया हाजी इकबाल अहमद की विकासनगर के शाहपुर कल्याणपुर में स्थित संपत्तियों की जानकारी के संबंध में राजस्व उप निरीक्षक को फोन आया. फोन करने वाले ने अपना नाम कमल सिंह पद इनकम टैक्स कमिश्नर बताया. फोन करने वाले ने कहा कि उनकी टीम संपत्तियों को सील करने मौके पर आ रही है. राजस्व उप निरीक्षक ने फोन के संबंध में उच्चाधिकारियों को सूचित किया. साथ ही शाहपुर-कल्याणपुर क्षेत्र में स्थित हाजी इकबाल की संपत्तियों के बारे में पता लगाकर कथित इनकम टैक्स कमिश्नर को फोन पर सूचनाएं उपलब्ध करा दी.

फर्जी अधिकारी को भेजकर हासिल किए कागजात: इसके बाद फोन करने वाले ने गुलशन कुमार नाम के व्यक्ति को आयकर अधिकारी बताते हुए तहसील भेजा और संपत्तियों की खतौनी व अन्य कागजात की हार्ड कॉपी भी हासिल कर ली. उधर, राजस्व विभाग की एक टीम आयकर विभाग की टीम के इंतजार में दिनभर संपत्तियों के आसपास भटकती रही. लेकिन, कई दिनों तक कोई टीम नहीं आई तो राजस्व विभाग के अधिकारियों को शक हुआ.
ये भी पढ़ेंः 4.50 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में पुलिस ने आरोपी को यूपी से किया अरेस्ट, जमीन के फर्जी दस्तावेजों से किया था 'खेल'

हाजी इकबाल की उत्तराखंड में 300 करोड़ की संपत्ति: राजस्व विभाग ने 18 जुलाई को आयकर विभाग में फोन करके कमल सिंह और गुलशन कुमार के बारे में पूछा तो पता चला कि इस नाम के व्यक्ति विभाग में कार्यरत ही नहीं है. बता दें कि हाजी इकबाल यूपी का मोस्ट वांटेड अपराधी है और उत्तराखंड में उसकी करीब 300 करोड़ रुपए की अकूत संपत्ति है. बताया जा रहा है कि माफिया हाजी इकबाल पूर्व में एमएलसी रह चुका है और पिछले 2 साल से फरार चल रहा है. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दो लाख रुपए का ईनाम भी घोषित किया है. सीओ विकास नगर भास्कर लाल ने बताया कि राजस्व उप निरीक्षक डिंपल ने शहर कोतवाली में तहरीर दी है. तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
ये भी पढ़ेंः रामनगर पुलिस के हाथ आया लिफाफा गैंग का इनामी शातिर, महिला को बनाया था ठगी का शिकार

देहरादूनः राजधानी देहरादून में भू माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि भू-माफिया फर्जी इनकम टैक्स ऑफिसर बनकर सरकारी दफ्तरों से भी जमीनों के कागज उड़ाने लगे हैं. देहरादून के विकासनगर तहसील से कुछ इसी तरह का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि कुछ लोगों ने खुद को आयकर अधिकारी बताकर राजस्व विभाग से उत्तर प्रदेश के खनन माफिया हाजी इकबाल की संपत्तियों के कागजात हासिल कर लिए. तहसील प्रशासन के साथ हुई इस धोखाधड़ी से खलबली मची है. आयकर विभाग द्वारा ऐसी कार्रवाई से इनकार करने के बाद विकासनगर कोतवाली में धोखाधड़ी और सरकारी काम में बाधा डालने आदि की धाराओं में मुकदमा किया गया है.

इनकम टैक्स कमिश्नर बनकर किया फोन: जानकारी के मुताबिक, 13 जुलाई की सुबह उत्तर प्रदेश के फरार चल रहे खनन माफिया हाजी इकबाल अहमद की विकासनगर के शाहपुर कल्याणपुर में स्थित संपत्तियों की जानकारी के संबंध में राजस्व उप निरीक्षक को फोन आया. फोन करने वाले ने अपना नाम कमल सिंह पद इनकम टैक्स कमिश्नर बताया. फोन करने वाले ने कहा कि उनकी टीम संपत्तियों को सील करने मौके पर आ रही है. राजस्व उप निरीक्षक ने फोन के संबंध में उच्चाधिकारियों को सूचित किया. साथ ही शाहपुर-कल्याणपुर क्षेत्र में स्थित हाजी इकबाल की संपत्तियों के बारे में पता लगाकर कथित इनकम टैक्स कमिश्नर को फोन पर सूचनाएं उपलब्ध करा दी.

फर्जी अधिकारी को भेजकर हासिल किए कागजात: इसके बाद फोन करने वाले ने गुलशन कुमार नाम के व्यक्ति को आयकर अधिकारी बताते हुए तहसील भेजा और संपत्तियों की खतौनी व अन्य कागजात की हार्ड कॉपी भी हासिल कर ली. उधर, राजस्व विभाग की एक टीम आयकर विभाग की टीम के इंतजार में दिनभर संपत्तियों के आसपास भटकती रही. लेकिन, कई दिनों तक कोई टीम नहीं आई तो राजस्व विभाग के अधिकारियों को शक हुआ.
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हाजी इकबाल की उत्तराखंड में 300 करोड़ की संपत्ति: राजस्व विभाग ने 18 जुलाई को आयकर विभाग में फोन करके कमल सिंह और गुलशन कुमार के बारे में पूछा तो पता चला कि इस नाम के व्यक्ति विभाग में कार्यरत ही नहीं है. बता दें कि हाजी इकबाल यूपी का मोस्ट वांटेड अपराधी है और उत्तराखंड में उसकी करीब 300 करोड़ रुपए की अकूत संपत्ति है. बताया जा रहा है कि माफिया हाजी इकबाल पूर्व में एमएलसी रह चुका है और पिछले 2 साल से फरार चल रहा है. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दो लाख रुपए का ईनाम भी घोषित किया है. सीओ विकास नगर भास्कर लाल ने बताया कि राजस्व उप निरीक्षक डिंपल ने शहर कोतवाली में तहरीर दी है. तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
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