देहरादूनः चमोली आपदा के दौरान अब तक 204 लोगों के लापता होने की सूचना है. हालांकि, इनमें से 35 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जिनमें से 10 की शिनाख्त हो चुकी है. बरामद शवों में दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. वहीं 25 डेड बॉडी की अब तक शिनाख्त नहीं हो पाई है. ऐसे में 72 घंटे की कानूनी प्रक्रिया के बाद अब इनका अंतिम संस्कार भी विधि-विधान अनुसार पुलिस द्वारा शुरू कर दिया गया है.
खराब हो रहे शवों का किया जा रहा अंतिम संस्कार
शुरुआती चरण में 5 से 6 बॉडी जो सबसे ज्यादा डीकंपोस्ट हो रही हैं, उनका दाह संस्कार किया जा रहा है. जिन शवों की शिनाख्त हो चुकी है, उनको उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों के समाचार पत्र और पुलिस के माध्यम से उनके परिजनों तक भी पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसे लोगों के शव पुलिस द्वारा पिछले 4 दिनों से चमोली और जोशीमठ मोर्चरी में रखे हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ सभी बरामद शवों के डीएनए सैंपल सुरक्षित कर उन्हें FSL की कार्यवाही में लाया गया है. इसके अलावा पुलिस कंट्रोल रूम में अब तक 129 लोगों ने लापता लोगों के विषय में संपर्क किया है.
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गुमशुदगी की रिपोर्ट
लापता लोगों के मामले में गुमशुदगी की पुलिस रिपोर्ट भी कानूनी प्रक्रिया के तहत प्रचलित है. पुलिस के मुताबिक लापता लोगों के विषय में उनके परिजनों या पावर प्रोजेक्ट कंपनी के द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर मिसिंग की FIR रिपोर्ट दर्ज की जा रही है. पुलिस का कहना है कि लापता लोगों के संबंध में गुमशुदगी की रिपोर्ट चमोली, जोशीमठ और कर्णप्रयाग जैसे स्थानों में जहां चाहें वहां परिजन दर्ज करा सकते हैं.
डीआईजी खुद कर रहे कंट्रोल रूम का नेतृत्व
आपदा राहत के संबंध में जानकारी के लिए पुलिस मुख्यालय अलग से कंट्रोल रूम स्थापित किया है. इसका नेतृत्व कर रहे डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि जिन बरामद शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है, उनमें से कुछ जो ज्यादा खराब स्थिति में हैं. उनका प्रोटोकॉल के मुताबिक दाह संस्कार करने की कार्रवाई चल रही है. वहीं जिन शवों की पहचान हो चुकी है, उनको उनके परिजनों तक पहुंचाया जा रहा है.