देहरादून: मुख्य ड्यूटी को दरकिनार कर मात्र चालान काटने तक सीमित रहने वाली सीपीयू की कार्यशैली पर लंबे समय से उठने वाली शिकायतों पर पुलिस मुख्यालय की नींद टूट गई है. सीपीयू की कार्यशैली में बदलाव किया गया है. अब सिटी पेट्रोल यूनिट तीन बिन्दुओं पर कार्रवाई करेगी. हर महीने समीक्षा बैठक होगी. आदेशों की अवेलहना करने वाले सीपीयू कर्मचारी टीम से बाहर होंगे. देहरादून के अलावा हरिद्वार, नैनीताल, उधमसिंह नगर और हल्द्वानी जैसे मुख्य शहरों में काली वर्दी में आधुनिक उपकरणों से लैस होकर सड़क पर तैनात रहने वाली सिटी पेट्रोल यूनिट (सीपीयू) की कार्यप्रणाली अब जल्द बदली नजर आएगी.
शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने ट्रैफिक निदेशालय व सिटी पेट्रोल यूनिट के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. अब सीपीयू अपराध नियंत्रण व सड़क दुर्घटना जैसे मुख्य तीन बिन्दुओं पर 80 प्रतिशत फोकस करेगी. इतना ही नहीं सीपीयू को दी गई नई जिम्मेदारी को लेकर हर महीने समीक्षा बैठक भी होगी. जिस पर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसमें आदेशों की अवहेलना करने वाले सीपीयू कर्मियों को टीम से बाहर कर सिविल पुलिस में भेजा जाएगा.
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नई एसओपी के तहत सीपीयू को मुख्य रुप से तीन बिन्दुओं पर अपनी ड्यूटी निभानी होगी. पहला दुर्घटना नियंत्रण, दूसरा जाम नियंत्रण, और तीसरा अपराध नियंत्रण.
सीपीयू को अपना इन्फोर्समेंट में कम से कम 80 प्रतिशत प्रवर्तन की कार्रवाई डीएल निलम्बन के लिए 6 बिन्दुओं पर काम करना होगा. जिसमें रेड लाइट जंप, शराब पीकर वाहन चलाना, ओवर स्पीड, ओवर लोडिंग, मोबाइल का प्रयोग और भारी वाहन में यात्रियों पर लगाम कसना शामिल होगा. इसके साथ-साथ स्टंट ड्राइविंग, बिना नम्बर प्लेट वाहन, गलत दिशा में वाहन चलाने और गलत तरीके से पार्किंग वाहन वालों के खिलाफ कार्रवाई भी शामिल है.
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स्ट्रीट क्राइम पर भी फोकस
सीपीयू की नई जिम्मेदारी में अपराध नियंत्रण भी है. जिसमें महिलाओं से छेड़खानी, चेन स्नैचिंग, बिना नम्बर प्लेट वाहन या संदिग्ध वाहनों की चेकिंग, अवैध असलह चेकिंग और नाकेबन्दी में चेकिंग की कार्रवाई भी शामिल की गई है. सीपीयू 'नो पार्किंग' में पार्क किये गए वाहनों के खिलाफ विशेष ध्यान देंगे. स्कूल खुलने या बंद होने के दौरान यातायात व्यवस्था बनाने और जाम खुलवाने का कार्य भी करेगी.
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मॉनिटरिंग कैमरों से रिकॉर्डिंग
सीपीयू को मिली नई जिम्मेदारी की मॉनिटरिंग भी शामिल है. ड्यूटी कैमरे से चेक कर एसपी यातायात द्वारा इसकी रिपोर्ट ट्रैफिक निदेशालय डीआईजी को सौंपी जाएगी. विभाग द्वारा सीपीयू को आवंटित होने वाले कैमरों व कम्पूटर में संग्रहित की गई वीडियो रिकार्डिंग को प्रत्येक 15 दिन की अवधि में एसपी यातायात और निदेशालय चेक करेंगे. वीडियो में छेड़छाड़ और कैमरों के खराब होने के सम्बन्ध में जिम्मेदार सीपीयू कर्मी पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी. जांच सही पाए जाने पर सीपीयू कर्मी को टीम से हटाया जाएगा.
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जनता से अच्छे व्यवहार के लिए ट्रेनिंग
सीपीयू कर्मियों को डयूटी व जनता से अच्छे व्यवहार के लिए एक घंटे का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. सीपीयू कर्मी की मोटरसाइकिल पर लगाए गए जीपीएस को हेल्पलाइन नंबर112 से जोड़ा जाएगा. सीपीयू पुलिस से सम्बन्धित भ्रष्टाचार की शिकायतों के लिये यातायात निदेशालय की वेबसाइट पर "ट्रैफिक कर्मियों के खिलाफ शिकायतें" नाम से कॉलम बनाया जाएगा. जिसमें आम जन अपनी शिकायत सीधे दर्ज करा सकेंगे.