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CPU की कार्यशैली में किया गया बदलाव, अब ये काम करेगी सिटी पेट्रोल यूनिट

प्रदेश के मुख्य शहरों में सीपीयू काली वर्दी में आधुनिक उपकरणों से लैस होकर सड़क पर तैनात रहने वाली सीपीयू की कार्यप्रणाली अब जल्द बदली नजर आएगी.

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Published : Aug 2, 2019, 10:44 PM IST

सीपीयू की कार्यशैली में किया गया बदलाव

देहरादून: मुख्य ड्यूटी को दरकिनार कर मात्र चालान काटने तक सीमित रहने वाली सीपीयू की कार्यशैली पर लंबे समय से उठने वाली शिकायतों पर पुलिस मुख्यालय की नींद टूट गई है. सीपीयू की कार्यशैली में बदलाव किया गया है. अब सिटी पेट्रोल यूनिट तीन बिन्दुओं पर कार्रवाई करेगी. हर महीने समीक्षा बैठक होगी. आदेशों की अवेलहना करने वाले सीपीयू कर्मचारी टीम से बाहर होंगे. देहरादून के अलावा हरिद्वार, नैनीताल, उधमसिंह नगर और हल्द्वानी जैसे मुख्य शहरों में काली वर्दी में आधुनिक उपकरणों से लैस होकर सड़क पर तैनात रहने वाली सिटी पेट्रोल यूनिट (सीपीयू) की कार्यप्रणाली अब जल्द बदली नजर आएगी.

शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने ट्रैफिक निदेशालय व सिटी पेट्रोल यूनिट के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. अब सीपीयू अपराध नियंत्रण व सड़क दुर्घटना जैसे मुख्य तीन बिन्दुओं पर 80 प्रतिशत फोकस करेगी. इतना ही नहीं सीपीयू को दी गई नई जिम्मेदारी को लेकर हर महीने समीक्षा बैठक भी होगी. जिस पर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसमें आदेशों की अवहेलना करने वाले सीपीयू कर्मियों को टीम से बाहर कर सिविल पुलिस में भेजा जाएगा.

सीपीयू की कार्यशैली में किया गया बदलाव

पढ़ेंः CCTV से पुलिस महकमा कसेगा अपराधियों पर शिकंजा, बढ़ाई जाएगी संख्या

नई एसओपी के तहत सीपीयू को मुख्य रुप से तीन बिन्दुओं पर अपनी ड्यूटी निभानी होगी. पहला दुर्घटना नियंत्रण, दूसरा जाम नियंत्रण, और तीसरा अपराध नियंत्रण.

सीपीयू को अपना इन्फोर्समेंट में कम से कम 80 प्रतिशत प्रवर्तन की कार्रवाई डीएल निलम्बन के लिए 6 बिन्दुओं पर काम करना होगा. जिसमें रेड लाइट जंप, शराब पीकर वाहन चलाना, ओवर स्पीड, ओवर लोडिंग, मोबाइल का प्रयोग और भारी वाहन में यात्रियों पर लगाम कसना शामिल होगा. इसके साथ-साथ स्टंट ड्राइविंग, बिना नम्बर प्लेट वाहन, गलत दिशा में वाहन चलाने और गलत तरीके से पार्किंग वाहन वालों के खिलाफ कार्रवाई भी शामिल है.

पढ़ेंः नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश पर PCS मनीष बिष्ट नौकरी से बर्खास्त

स्ट्रीट क्राइम पर भी फोकस
सीपीयू की नई जिम्मेदारी में अपराध नियंत्रण भी है. जिसमें महिलाओं से छेड़खानी, चेन स्नैचिंग, बिना नम्बर प्लेट वाहन या संदिग्ध वाहनों की चेकिंग, अवैध असलह चेकिंग और नाकेबन्दी में चेकिंग की कार्रवाई भी शामिल की गई है. सीपीयू 'नो पार्किंग' में पार्क किये गए वाहनों के खिलाफ विशेष ध्यान देंगे. स्कूल खुलने या बंद होने के दौरान यातायात व्यवस्था बनाने और जाम खुलवाने का कार्य भी करेगी.

पढ़ेंः तीन तलाक कानून बनने के बाद देहरादून में दर्ज हुआ पहला मुकदमा

मॉनिटरिंग कैमरों से रिकॉर्डिंग
सीपीयू को मिली नई जिम्मेदारी की मॉनिटरिंग भी शामिल है. ड्यूटी कैमरे से चेक कर एसपी यातायात द्वारा इसकी रिपोर्ट ट्रैफिक निदेशालय डीआईजी को सौंपी जाएगी. विभाग द्वारा सीपीयू को आवंटित होने वाले कैमरों व कम्पूटर में संग्रहित की गई वीडियो रिकार्डिंग को प्रत्येक 15 दिन की अवधि में एसपी यातायात और निदेशालय चेक करेंगे. वीडियो में छेड़छाड़ और कैमरों के खराब होने के सम्बन्ध में जिम्मेदार सीपीयू कर्मी पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी. जांच सही पाए जाने पर सीपीयू कर्मी को टीम से हटाया जाएगा.

पढ़ेंः फर्जीवाड़ा: आयुष्मान योजना में अस्पताल ने किया झूठा क्लेम, जुर्माना नहीं भरने पर दर्ज हुई FIR

जनता से अच्छे व्यवहार के लिए ट्रेनिंग
सीपीयू कर्मियों को डयूटी व जनता से अच्छे व्यवहार के लिए एक घंटे का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. सीपीयू कर्मी की मोटरसाइकिल पर लगाए गए जीपीएस को हेल्पलाइन नंबर112 से जोड़ा जाएगा. सीपीयू पुलिस से सम्बन्धित भ्रष्टाचार की शिकायतों के लिये यातायात निदेशालय की वेबसाइट पर "ट्रैफिक कर्मियों के खिलाफ शिकायतें" नाम से कॉलम बनाया जाएगा. जिसमें आम जन अपनी शिकायत सीधे दर्ज करा सकेंगे.

देहरादून: मुख्य ड्यूटी को दरकिनार कर मात्र चालान काटने तक सीमित रहने वाली सीपीयू की कार्यशैली पर लंबे समय से उठने वाली शिकायतों पर पुलिस मुख्यालय की नींद टूट गई है. सीपीयू की कार्यशैली में बदलाव किया गया है. अब सिटी पेट्रोल यूनिट तीन बिन्दुओं पर कार्रवाई करेगी. हर महीने समीक्षा बैठक होगी. आदेशों की अवेलहना करने वाले सीपीयू कर्मचारी टीम से बाहर होंगे. देहरादून के अलावा हरिद्वार, नैनीताल, उधमसिंह नगर और हल्द्वानी जैसे मुख्य शहरों में काली वर्दी में आधुनिक उपकरणों से लैस होकर सड़क पर तैनात रहने वाली सिटी पेट्रोल यूनिट (सीपीयू) की कार्यप्रणाली अब जल्द बदली नजर आएगी.

शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने ट्रैफिक निदेशालय व सिटी पेट्रोल यूनिट के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. अब सीपीयू अपराध नियंत्रण व सड़क दुर्घटना जैसे मुख्य तीन बिन्दुओं पर 80 प्रतिशत फोकस करेगी. इतना ही नहीं सीपीयू को दी गई नई जिम्मेदारी को लेकर हर महीने समीक्षा बैठक भी होगी. जिस पर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसमें आदेशों की अवहेलना करने वाले सीपीयू कर्मियों को टीम से बाहर कर सिविल पुलिस में भेजा जाएगा.

सीपीयू की कार्यशैली में किया गया बदलाव

पढ़ेंः CCTV से पुलिस महकमा कसेगा अपराधियों पर शिकंजा, बढ़ाई जाएगी संख्या

नई एसओपी के तहत सीपीयू को मुख्य रुप से तीन बिन्दुओं पर अपनी ड्यूटी निभानी होगी. पहला दुर्घटना नियंत्रण, दूसरा जाम नियंत्रण, और तीसरा अपराध नियंत्रण.

सीपीयू को अपना इन्फोर्समेंट में कम से कम 80 प्रतिशत प्रवर्तन की कार्रवाई डीएल निलम्बन के लिए 6 बिन्दुओं पर काम करना होगा. जिसमें रेड लाइट जंप, शराब पीकर वाहन चलाना, ओवर स्पीड, ओवर लोडिंग, मोबाइल का प्रयोग और भारी वाहन में यात्रियों पर लगाम कसना शामिल होगा. इसके साथ-साथ स्टंट ड्राइविंग, बिना नम्बर प्लेट वाहन, गलत दिशा में वाहन चलाने और गलत तरीके से पार्किंग वाहन वालों के खिलाफ कार्रवाई भी शामिल है.

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स्ट्रीट क्राइम पर भी फोकस
सीपीयू की नई जिम्मेदारी में अपराध नियंत्रण भी है. जिसमें महिलाओं से छेड़खानी, चेन स्नैचिंग, बिना नम्बर प्लेट वाहन या संदिग्ध वाहनों की चेकिंग, अवैध असलह चेकिंग और नाकेबन्दी में चेकिंग की कार्रवाई भी शामिल की गई है. सीपीयू 'नो पार्किंग' में पार्क किये गए वाहनों के खिलाफ विशेष ध्यान देंगे. स्कूल खुलने या बंद होने के दौरान यातायात व्यवस्था बनाने और जाम खुलवाने का कार्य भी करेगी.

पढ़ेंः तीन तलाक कानून बनने के बाद देहरादून में दर्ज हुआ पहला मुकदमा

मॉनिटरिंग कैमरों से रिकॉर्डिंग
सीपीयू को मिली नई जिम्मेदारी की मॉनिटरिंग भी शामिल है. ड्यूटी कैमरे से चेक कर एसपी यातायात द्वारा इसकी रिपोर्ट ट्रैफिक निदेशालय डीआईजी को सौंपी जाएगी. विभाग द्वारा सीपीयू को आवंटित होने वाले कैमरों व कम्पूटर में संग्रहित की गई वीडियो रिकार्डिंग को प्रत्येक 15 दिन की अवधि में एसपी यातायात और निदेशालय चेक करेंगे. वीडियो में छेड़छाड़ और कैमरों के खराब होने के सम्बन्ध में जिम्मेदार सीपीयू कर्मी पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी. जांच सही पाए जाने पर सीपीयू कर्मी को टीम से हटाया जाएगा.

पढ़ेंः फर्जीवाड़ा: आयुष्मान योजना में अस्पताल ने किया झूठा क्लेम, जुर्माना नहीं भरने पर दर्ज हुई FIR

जनता से अच्छे व्यवहार के लिए ट्रेनिंग
सीपीयू कर्मियों को डयूटी व जनता से अच्छे व्यवहार के लिए एक घंटे का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. सीपीयू कर्मी की मोटरसाइकिल पर लगाए गए जीपीएस को हेल्पलाइन नंबर112 से जोड़ा जाएगा. सीपीयू पुलिस से सम्बन्धित भ्रष्टाचार की शिकायतों के लिये यातायात निदेशालय की वेबसाइट पर "ट्रैफिक कर्मियों के खिलाफ शिकायतें" नाम से कॉलम बनाया जाएगा. जिसमें आम जन अपनी शिकायत सीधे दर्ज करा सकेंगे.

Intro:Pls नोट डेस्क-इस ख़बर की feed live u 08 से भेजा गया हैं.. feed ID-"DG CPU"


Summary: सीपीयू की कार्यशैली में किया गया बदलाव,मुख्यतः अब तीन बिन्दुओ पर कार्रवाई करेगी सिटी पेट्रोल यूनिट, हर महीने होगी समीक्षा बैठक, आदेशों की अवेलहना करने वाले CPU कर्मी टीम से होंगे बाहर।

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के अलावा हरिद्वार ,नैनीताल ,उधमसिंह नगर व हल्द्वानी जैसे मुख्य शहरों में काली वर्दी में आधुनिक उपकरणों से लैस होकर सड़कों पर तैनात रहने वाली सिटी पेट्रोल यूनिट (सीपीयू) की कार्यप्रणाली अब जल्द आपको बदलती हुई नज़र आएंगी..स्ट्रीट क्राइम
जैसे मुख्य ड्यूटी को दरकिनार कर मात्र चालान काटने तक सीमित रहने वाली सीपीयू की कार्यशैली पर लंबे समय से उठने वाले शिकायतों के मद्देनजर आखिकार पुलिस मुख्यालय नींद टूटी ... जिसके बाद अपराध व कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले महानिदेशक अशोक कुमार द्वारा ट्रैफिक निदेशालय व सिटी पेट्रोल यूनिट के साथ महत्वपूर्ण बैठक कर अपराध नियंत्रण व सड़क दुर्घटना जैसे मुख्य तीन बिन्दुओ पर 80 प्रतिशत फोकस कर सीपीयू की नई जिम्मेदारी एसओपी बढ़ाने के रूप तय की हैं। इतना ही नहीं सीपीयू को दी गई नई जिम्मेदारी को लेकर हर माह समीक्षा बैठक कर एक रिपोर्ट की जाएगी जिसमें आदेशों की अवहेलना करने वाले सीपीयू कर्मियों को टीम से बाहर कर सिविल पुलिस में भेजा जाएगा.

     Body:नई एसओपी के तहत सीपीयू को मुख्यत: इन  तीन बिन्दुओं पर अब अपनी ड्यूटी निभानी होगी.. 1.दुर्घटना नियत्रण 2.जाम नियंत्रण 3.अपराध नियंत्रण पर कार्य करने के लिये निर्देशित किया गया है।

मात्र चालान काटने वाली सीपीयू को अब अपना 80 प्रतिशत परिणाम इस मुख्त विषयों पर देना होगा-

   सीपीयू को अपना इन्फोर्समेण्ट में कम से कम 80 प्रतिशत प्रवर्तन की कार्यवाही डीएल निलम्बन के लिए निर्धारित इन 6 बिन्दुओं पर अब काम करना होगा - (रेड लाईट जम्प,शराब पीकर वाहन चलाना,ओवर स्पीड,ओवर लोडिंग,मोबाईल का प्रयोग,भार वाहन में यात्रियों को वहन करने) के साथ-साथ ही स्टंट ड्राइविंग,बिना नम्बर प्लेट वाहन ,गलत दिशा में वाहन चलाने,गलत तरीके से पार्किग वाहन वालों के विरूध की जाये।

नई जिम्मेदारी में स्ट्रीट क्राइम और अन्य अपराध नियंत्रण पर समय देना होगा-

    अपराध नियंत्रण में मुख्यत:  महिलाओं से छेड़खानी,चैन स्नैचिंग, बिना नम्बर प्लेट वाहन/संदिग्ध वाहनों की चेकिंग,अवैध असलाह चैकिंग एवं नाकाबन्दी में  चेकिंग की कार्यवाही करेंगें।
सीपीयू नो पार्किंग में पार्क किये गये वाहनों के विरूध कार्यवाही पर विशेष ध्यान देगें।
सीपीयू स्कूल खुलने एवं बंद होने के दौरान यातायात व्यवस्था बनाने तथा जाम खुलवाने का कार्य करेगी।

सीपीयू की नई जिम्मेदारी की मॉनिटरिंग कैमरों से की गई रिकॉर्डिंग से चेक की जाएगी-

   सीपीयू को दी गई नई जिम्मेदारी की मॉनिटरिंग उनके ड्यूटी कैमरे से चेक कर एसपी यातायात द्वारा ट्रैफिक निदेशालय डीआईजी केवल खुराना को सौंपी जाएगी.. विभाग द्वारा सीपीयू को आवंटित होने वाले कैमरों व कम्पूटर में संग्रहित की गयी वीडियो रिकार्डिंग को प्रत्येक 15 दिन की अवधि में एसपी यातायात और निदेशालय चेक करेंगे,वीडियो में  छेड़छाड़ और कैमरों के खराब होने के सम्बन्ध में जिम्मेदार सीपीयू कर्मी पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी। जांच सही पाए जाने पर सीपीयू टीम से हटा दिया जाएगा।


Conclusion:सीपीयू कर्मियों को जनता से अच्छे व्यवहार के अलग से ट्रेंनिग दी जाएगी-

     पुलिस अधीक्षक यातायात परेड के दिन सीपीयू कर्मियों को डयूटी व जनता से व्यवहार के सम्बन्ध में 1 घण्टें का विशेष प्रशिक्षण देगें। इसके साथ ही जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,ऐसे स्थान जहाँ अपराध होते हैं, वहाँ का नक्शा सीपीयू प्रभारी को उपलब्ध करायेंगे। ताकि वह थाना चौकी क्षेत्र में होने वाले अपराध वर्कआउट पर मदद कर सके।


          सीपीयू की मोटर साईकिल पर लगाये गये जीपीएस को हेल्पलाईन 112 से जोड़ा जायेगा।

          सीपीयू/यातायात पुलिस से सम्बन्धित भ्रष्टाचार की शिकायतों के लिये यातायात निदेशालय की वेबसाईट पर "ट्रैफिक कर्मियों के खिलाफ शिकायतें" के नाम से कॉलम बनाया जायेगा।जिसमें पब्लिक के द्वारा यातायात/सीपीयू कर्मियों की भ्रष्टाचार सम्बन्धी शिकायतों को सीधे भेजा जा सकता है।

बाईट-अशोक कुमार,महानिदेशक, अपराध व कानून व्यवस्था
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