देहरादूनः कोरोना महामारी के मद्देनजर दून मेडिकल कॉलेज को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल घोषित किया गया है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि कोरोना की जंग में दून अस्पताल अग्रणी भूमिका निभा रहा है. लेकिन बीते शुक्रवार को अस्पताल की मोर्चरी का डीप फ्रीजर खराब हो गया. इससे अस्पताल की व्यवस्था की जमकर किरकिरी हुई. यहां डीप फ्रीजर खराब होने से एक बुजुर्ग का शव सड़ता रहा. जब बेटा अपने पिता का शव लेने पहुंचा तो किसी ने भी शव को हाथ नहीं लगाया. बाद में मजबूर बेटे ने पिता के शव को खुद शव गृह में सील किया.
बता दें कि मसूरी पिक्चर पैलेस निवासी 60 वर्षीय मोहम्मद मुस्तकीम की होम क्वॉरेंटाइन में मौत हो गई थी. बीती 7 मई को मोहम्मद मुस्तकीम छुटमलपुर से मसूरी लौटे थे. 12 मई को उनकी मौत हो जाने के बाद कोरोना जांच को लेकर शव दून अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया था. रिपोर्ट आने के बाद पता चला कि उनकी मौत कोरोना से नहीं हुई थी बल्कि, दिल का दौरा पड़ने से हुई थी.
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इस दौरान उनका बेटा शाहनवाज अपने ताऊ के बेटे के साथ शुक्रवार सुबह अपने पिता का शव लेने दून अस्पताल पहुंचा. अस्पताल की इमरजेंसी में जब उन्होंने वहां तैनात कर्मियों से पूछा तो किसी ने कोई जवाब नहीं दिया. शाहनवाज अपने पिता का शव देखने जब मोर्चरी में गए तो वो पूरी तरह से फूला हुआ था और उससे दुर्गंध आ रही थी.
इसके बाद शाहनवाज ने शव को सील करने के लिए डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ से गुहार लगाई, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. आखिरकार उन्होंने अपने परिचित को भेजकर पॉलीथिन और अन्य सामान मंगवाया. फ्रीजर रिपेयर करने आए मैकेनिक के सहयोग से शव को प्राइवेट एंबुलेंस में रखवाया.