देहरादून: देशभर में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कमी देखी जा रही है. ऐसे में अब वैज्ञानिक इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि आगामी सितंबर महीने से कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है. वैज्ञानिकों के अनुसार तीसरी लहर बच्चों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती है जबकि दूसरी लहर में ही बच्चे बढ़ी तादाद में संक्रमित हुए हैं. उत्तराखंड में दूसरी लहर ही जमकर कहर बरपा रही है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े इस ओर ही इशारा कर रहे हैं, क्योंकि नवजात से लेकर 19 साल तक के 29,739 बच्चों में संक्रमण के मामले पाए गए हैं.
यूं तो उत्तराखंड में दिन प्रति दिन कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी देखी जा रही है. राज्य सरकार उम्मीद कर रही है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का असर धीरे-धीरे कम होगा और जल्द ही दूसरी लहर भी समाप्त हो जाएगी. लिहाजा सरकार तीसरी लहर की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुट गई है. जिस तरह से वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि दूसरी लहर के साथ तीसरी लहर बच्चों के लिए काफी खतरनाक हो सकती है. ऐसे में राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती यह है कि तीसरी लहर के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं अभी से ही कैसे मुकम्मल की जाए, लेकिन वर्तमान समय मे सरकार के लिए एक चुनौती यह भी है कि तीसरी लहर से पहले ही, प्रदेश में दूसरी लहर के दौरान ही स्थितियां तीसरी लहर जैसी बन गई हैं.
पढ़ें- उत्तराखंड की दो फैक्ट्रियों में बनेगी ब्लैक फंगस की दवा, एम्स ऋषिकेश ने भी कसी कमर
गौर हो कि दूसरी लहर यानी एक अप्रैल से अभी तक सबसे ज्यादा संक्रमित-
- 30 साल से 39 साल तक के लोग हुए हैं.
- राज्य में अबतक इस उम्र के 51,208 लोग संक्रमित हो चुके हैं.
- राज्य में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा संक्रमित 20 साल से लेकर 29 साल के युवा हैं. ऐसे संक्रमित युवाओं की संख्या 45,876 है.
- राज्य में तीसरे से नंबर पर सबसे ज्यादा संक्रमित 40 से 49 साल के लोग हैं. इस उम्र के 39,030 लोग संक्रमित हो चुके हैं.
पढ़ें- कोरोनाकाल में गर्भवतियों के लिए एम्स के चिकित्सकों की सलाह, टीके से ना घबरायें
दूसरी लहर में 18962 बच्चे हुए हैं संक्रमित
- उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की लहर ने अप्रैल महीने में दस्तक दी थी.
- 1 अप्रैल तक प्रदेश में नवजात से लेकर 19 साल तक के 10,777 बच्चे ही कोरोना संक्रमित थे.
- 22 मई तक यह आंकड़ा बढ़कर 29,739 तक पहुंच गया.
- एक अप्रैल से 22 मई तक कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर में 18,962 बच्चे संक्रमित हुए.
- कोरोना संक्रमण की पहली लहर यानी मार्च 2020 से 31 मार्च 2021 तक मात्र 10,777 बच्चे ही संक्रमित हुए.
- नवजात से लेकर 9 साल तक के 5615 बच्चे अभी तक कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं.
- 10 साल की उम्र से लेकर 19 साल तक की उम्र के 24,124 किशोर संक्रमित हो चुके हैं.
ऐसे में यह आंकड़े इस बात को बयां कर रहे हैं कि संक्रमण के पहले दौर में एक साल के भीतर जितने बच्चे संक्रमित हुए थे. उससे करीब दोगुने बच्चे मात्र 2 महीने में ही संक्रमित हो गए हैं. ये मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. नवजात से लेकर किशोर लगातार कोरोना संक्रमण की जद में आते जा रहे हैं. लिहाजा, इस बात से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य में दूसरी लहर के दौरान ही अगर 18,962 बच्चे संक्रमण की जद में आ चुके हैं तो तीसरी लहर के दौरान प्रदेश की स्थिति क्या होगी?
पढ़ें- दस्तक! जहां न स्वास्थ्य सुविधा, न संसाधन...उन सीमांत गांवों में पहुंची कोरोना की दूसरी लहर
दूसरी लहर में तीन गुना से अधिक बढ़ी 90 साल से अधिक उम्र के लोगों की संख्या
दूसरी लहर के दौरान उम्रवार बढ़े नए कोरोना संक्रमण के मामले पर गौर करें तो ये आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं. एक अप्रैल से 22 मई यानी दूसरी लहर के इन 52 दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले, पहले लहर की तुलना में करीब 3 गुना की बढ़ोत्तरी हुई है. पहली लहर के सापेक्ष दूसरे लहर में सबसे अधिक 90 साल से अधिक उम्र के लोगों में 3.318 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. वहीं, दूसरे नंबर पर 40 से 49 साल के उम्र के लोगों में पहली लहर के सापेक्ष 3.315 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. यही नहीं, तीसरे नंबर पर 30 से 39 साल के उम्र के लोगों में पहली लहर की तुलना में 3.17 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.
दूसरी लहर में संक्रमित मरीजों की संख्या
- एक अप्रैल को नवजात से 9 साल के उम्र तक के 2134 बच्चे संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 5615 हो गयी. यानी 2.63 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.
- एक अप्रैल को 10 से 19 साल के उम्र तक के 8643 बच्चे संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 24,124 हो गयी है. यानी 2.79 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.
- एक अप्रैल को 20 से 29 साल के उम्र तक के 22,325 युवा संक्रमित थे.जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 68,201 हो गयी है. यानी 3.05 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.
- एक अप्रैल को 30 से 39 साल के उम्र तक के 23,559 युवा संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 74,767 हो गयी. यानी 3.17 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.
- एक अप्रैल को 49 से 49 साल के उम्र तक के 16,856 लोग संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 55,886 हो गयी.यानी 3.315 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.
- एक अप्रैल को 50 से 59 साल के उम्र तक के 13,793 लोग संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 41,921 हो गयी. यानी 3.03 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.
- एक अप्रैल को 60 से 69 साल के उम्र तक के 8273 लोग संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 25694 हो गयी है. यानी 3.10 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.
- एक अप्रैल को 70 से 79 साल के उम्र तक के 4045 लोग संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 12,144 हो गयी. यानी 3.00 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.
- एक अप्रैल को 80 से 89 साल के उम्र तक के 1182 लोग संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 3,654 हो गयी है. यानी 3.09 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.
- एक अप्रैल को 90 से अधिक उम्र के 91 लोग संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 302 हो गयी है. यानी 3.318 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.
स्वास्थ्य विभाग की डीजी तृप्ति बहुगुणा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच तीसरी लहर को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. यही नहीं, बच्चों में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले को देखते हुए अभी फिलहाल राज्य सरकार में प्रदेश के 4 जिलों- उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर और चंपावत में बच्चों के लिए फैब्रिकेटेड बेड बनाने के निर्देश दिए थे. इस संबंध में इन चारों जिलों के जिलाधिकारियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं. इसके साथ ही प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि अगर उनके जिलों में बच्चों में संक्रमण के मामले बढ़ते हैं तो वह भी उस जिले में फैब्रिकेटेड बनाने का प्रस्ताव भेज सकते हैं.