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कोरोना के बढ़ते मामले कोरोना वारियर्स के लिए बन सकते हैं मुसीबत! - Corona arrangements in Doon Medical College

बीच में प्रदेश में कोरोना के मामले सामान्य हो गये थे, मगर एकाएक बढ़े मामलों ने कोरोना वॉरियर्स का आराम छीन लिया है. इसके साथ ही तेजी से बढ़ रहे संक्रमित मरीजों के आंकड़े से अब खतरा यह भी खड़ा हो गया है कि यदि मामले बढ़ते रहे तो डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ की कमी न पड़ जाए.

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कोरोना के बढ़ते मामले कोरोना वारियर्स के लिए बन सकते हैं मुसीबत!
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Published : Jul 22, 2020, 7:59 PM IST

देहरादून: पिछले कुछ दिनों में उत्तराखंड में बढ़े कोरोना के मामलों ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग की चिताएं बढ़ी दी है. लगातार बढ़ते मामलों से कोरोना वॉरियर्स पर भी दबाव बढ़ा है. दरअसल, कोरोना के मामलों में तेजी का सबसे पहले और ज्यादा असर स्वास्थ्य कर्मियों पर ही पड़ेगा. इसी बात को समझते हुए डॉक्टर्स को हालात बिगड़ने पर दिक्कतें आना तय है.

कोरोना के बढ़ते मामले कोरोना वारियर्स के लिए बन सकते हैं मुसीबत!
मंगलवार को उत्तराखंड में कोरोना के कुल 210 नए मामले सामने आए. सोमवार को भी नए संक्रमित मंरीजों की संख्या 127 थी. इसी तरह रविवार को 239 मामले आने से प्रदेश में हड़कंप मच गया था, जबकि शनिवार को भी 100 से ज्यादा ही मामले सामने आये थे. पिछले कुछ दिनों से लगातार संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों का ग्राफ हम आपको इसलिए बता रहे हैं. क्योंकि, इन नए मामलों से सरकार के साथ ही डॉक्टर्स की चिंताएं बढ़ा दी हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड, आपदा और तबाही, जानिए बादल फटने की वजह

ये कोरोना वॉरियर्स पिछले कई महीनों से दिन-रात लगातार काम में जुटे हुए हैं. बीच में प्रदेश में कोरोना के मामले सामान्य हो गये थे, मगर एकाएक बढ़े मामलों ने कोरोना वॉरियर्स का आराम छीन लिया है. इसके साथ ही तेजी से बढ़ रहे संक्रमित मरीजों के आंकड़े से अब खतरा यह भी हो गया है कि यदि मामले बढ़ते रहे तो डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ की कमी न पड़ जाए.

पढ़ें- उत्तराखंड, आपदा और तबाही, जानिए बादल फटने की वजह

दरअसल, राजधानी देहरादून में दून मेडिकल कॉलेज ही कोविड-19 का इलाज कर रहा है.यहां मौजूदा व्यवस्थाओं के लिहाज से यहां करीब 250 से 300 मरीज ही रखे जा सकते हैं. जबकि, देहरादून में पिछले कुछ दिनों से हर रोज 20 से लेकर 60 तक मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में हालत यही रहे तो मेडिकल कॉलेज में मरीजों का दबाव बढ़ना तय है.

पढ़ें-महाकुंभ की बैठक में अधिकारियों से खफा मदन कौशिक, छोड़ी बैठक और निकल गए बाहर

मेडिकल कॉलेज के एसीएमएस एनएस खत्री बताते हैं कि अस्पताल में मरीजों की संख्या ओवर होती है तो डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ की कमी को पूरा करना जरूरी हो जाएगा. फिलहाल, उचित रेस्ट देने के साथ चिकित्सकों से काम लिया जा रहा है. उन्होंने भी माना कि अगर ऐसे ही प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ते रहे तो दिक्कतें जरूर बढ़ेंगी.

देहरादून: पिछले कुछ दिनों में उत्तराखंड में बढ़े कोरोना के मामलों ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग की चिताएं बढ़ी दी है. लगातार बढ़ते मामलों से कोरोना वॉरियर्स पर भी दबाव बढ़ा है. दरअसल, कोरोना के मामलों में तेजी का सबसे पहले और ज्यादा असर स्वास्थ्य कर्मियों पर ही पड़ेगा. इसी बात को समझते हुए डॉक्टर्स को हालात बिगड़ने पर दिक्कतें आना तय है.

कोरोना के बढ़ते मामले कोरोना वारियर्स के लिए बन सकते हैं मुसीबत!
मंगलवार को उत्तराखंड में कोरोना के कुल 210 नए मामले सामने आए. सोमवार को भी नए संक्रमित मंरीजों की संख्या 127 थी. इसी तरह रविवार को 239 मामले आने से प्रदेश में हड़कंप मच गया था, जबकि शनिवार को भी 100 से ज्यादा ही मामले सामने आये थे. पिछले कुछ दिनों से लगातार संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों का ग्राफ हम आपको इसलिए बता रहे हैं. क्योंकि, इन नए मामलों से सरकार के साथ ही डॉक्टर्स की चिंताएं बढ़ा दी हैं.

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ये कोरोना वॉरियर्स पिछले कई महीनों से दिन-रात लगातार काम में जुटे हुए हैं. बीच में प्रदेश में कोरोना के मामले सामान्य हो गये थे, मगर एकाएक बढ़े मामलों ने कोरोना वॉरियर्स का आराम छीन लिया है. इसके साथ ही तेजी से बढ़ रहे संक्रमित मरीजों के आंकड़े से अब खतरा यह भी हो गया है कि यदि मामले बढ़ते रहे तो डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ की कमी न पड़ जाए.

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दरअसल, राजधानी देहरादून में दून मेडिकल कॉलेज ही कोविड-19 का इलाज कर रहा है.यहां मौजूदा व्यवस्थाओं के लिहाज से यहां करीब 250 से 300 मरीज ही रखे जा सकते हैं. जबकि, देहरादून में पिछले कुछ दिनों से हर रोज 20 से लेकर 60 तक मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में हालत यही रहे तो मेडिकल कॉलेज में मरीजों का दबाव बढ़ना तय है.

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मेडिकल कॉलेज के एसीएमएस एनएस खत्री बताते हैं कि अस्पताल में मरीजों की संख्या ओवर होती है तो डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ की कमी को पूरा करना जरूरी हो जाएगा. फिलहाल, उचित रेस्ट देने के साथ चिकित्सकों से काम लिया जा रहा है. उन्होंने भी माना कि अगर ऐसे ही प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ते रहे तो दिक्कतें जरूर बढ़ेंगी.

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