देहरादून: वैक्सीनेशन को लेकर भले ही देश में तैयारियां की जा रही हों, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वैक्सीनेशन करवाने के लिए आपको किन प्रक्रियाओं से गुजरना होगा ? अगर नहीं तो हमारी ये रिपोर्ट आपको न केवल वैक्सीनेशन करवाने से जुड़ी पूरी प्रक्रिया की जानकारी देगी बल्कि इस प्रक्रिया की सबसे ताजा तस्वीरें भी दिखाएंगे.
कोविड-19 से छुटकारा पाने के लिए हर कोई उस वैक्सीनेशन का हिस्सा बनने का इंतजार कर रहा है, जिसके बाद वह बिना मास्क और कोविड के नियमों की पाबंदियों के पहले की तरह अपनी जिंदगी को जी सकें. केंद्र सरकार वैक्सीनेशन की तैयारियां कर रही है, लेकिन इस वैक्सीनेशन का हिस्सा कौन होगा और इसकी पूरी प्रक्रिया क्या होगी ? इसके लिए भी बकायदा पूरी गाइडलाइन तय की गई है.
वैक्सीन को बेहद ठंडे बॉक्स में रखने से लेकर इसके ट्रांसपोर्टेशन की भी व्यवस्था की जा रही है लेकिन जब यह सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी. इसके बाद भी कुछ ऐसी शर्तें और नियम होंगे, जिन के बाद ही आप वैक्सीनेशन बूथ के अंदर तक पहुंच सकेंगे और खुद को वैक्सीन लगवा सकेंगे. दरअसल, राज्य सरकार की तरफ से 94 हजार फ्रंटलाइन वॉरियर्स के नाम चिन्हित किए गए हैं, साथ ही इनमें वह बुजुर्ग और लोग भी शामिल हैं, जो किसी बीमारी से गंभीर रूप से ग्रसित हैं. सबसे पहले इन्हीं लोगों को वैक्सीनेशन दिया जाएगा. अब जानिए कि बूथ तक पहुंचने के बाद वैक्सीनेशन के एक खास कमरे में जाकर वैक्सीनेशन लगवाने और उसके बाद आपको किन-किन औपचारिकताओं को पूरा करना होगा.
उत्तराखंड में भी ट्रायल रन शुरू
राजधानी देहरादून जिले में पांच जगहों पर वैक्सीनेशन का ट्रायल रन किया गया. देहरादून शहर में दो जगहों को इसके लिए चयनित किया गया था. आपको बता दें कि देशभर के राज्यों में राजधानियों को ट्रायल रन के लिए चुना गया है. देहरादून के गांधी शताब्दी अस्पताल में ट्रायल रन के दौरान 13 लोगों को पर ही वैक्सीनेशन का ट्रायल किया गया, जबकि इसका लक्ष्य 25 रखा गया था. पूरे प्रदेश में फिलहाल राजधानी देहरादून में ही यह ट्रायल रन चल रहा है. इन सभी पांच जगहों पर 25 फ्रंटलाइन वॉरियर्स को वैक्सीनेशन के तौर पर ट्रायल करने का लक्ष्य रखा गया था, हालांकि जब पहला चरण शुरू होगा, तो हर बूथ पर 100 लोगों को वैक्सीनेशन करवाया जाएगा. इसके लिए एएनएम को ट्रेनिंग दी गयी है और अभी कुछ और ट्रेनिंग भी दी जानी है.
वैक्सीनेशन के लिए साइड इफेक्ट को लेकर अस्पतालों में भी खास तैयारी
प्रदेश में कुछ ऐसे अस्पताल भी हैं, जिन्हें विशेष तौर पर वैक्सीनेशन के बाद होने वाली दिक्कतों के लिए चिन्हित किया गया है. इसी में से एक दून मेडिकल कॉलेज भी हैं, जहां वैक्सीन के होने वाले खराब असर को लेकर वैक्सीन लगाने वाले व्यक्ति को भर्ती करवाया जाएगा. दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आशुतोष सयाना कहते हैं कि उनकी तरफ से तैयारियां पूरी की जा रही हैं. उन्हें एक विशेष जिम्मेदारी दी गई है, जो कि व्यक्ति लगाने के बाद की होगी. ऐसे में अस्पताल में पर्याप्त जगह के साथ ही किसी विशेष चिंतन के दिखने पर उसका फौरन इलाज की जाने से जुड़ी तैयारियां की गई हैं.
प्रदेश भर में सेंटर बनाने पर भी विशेष फोकस
उत्तराखंड सरकार का प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा सेंटर बनाने पर ध्यान है. ऐसा इसलिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेशन दिया जा सके. हालांकि, अभी भारत सरकार की तरफ से यह निर्देश नहीं दिए गए हैं कि किस जिले में कितने वेक्सीनेशन सेंटर बनाए जाएंगे. लेकिन फिलहाल ट्रायल रन के रूप में देहरादून में पांच सेंटर रखे गए थे. हालांकि, यह माना जा रहा है कि इसके बाद बाकी जिलों में भी ट्रायल रन किया जाएगा.