देहरादूनः अनलॉक के तीसरे चरण में विभिन्न व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को शुरू कर दिया गया है, लेकिन अभी भी स्कूल-कॉलेज बंद हैं. साथ ही बड़े कार्यक्रमों के आयोजन पर भी प्रतिबंध है. जिसका असर प्रिंटिंग प्रेस व्यवसायियों पर पड़ रहा है. राजधानी दून में कई प्रिंटिंग प्रेस संचालित होते हैं, लेकिन कोरोना के चलते इससे जुड़े कई लोगों की आर्थिकी चरमरा गई है. जबकि, कई लोग बेरोजगार हो गए हैं.
देहरादून की बात करें तो करीब 150 छोटे-बड़े प्रिंटिंग प्रेस संचालित हो रहे हैं. जिससे 200 कर्मचारियों का परिवार पलता है, लेकिन स्कूल-कॉलेज बंद होने के चलते ये सभी प्रिंटिंग प्रेस को नुकसान झेलना पड़ रहा है. सामान्य दिनों में प्रिंटिंग प्रेस में स्कूल कॉलेज के प्रोस्पेक्टर्स, मैगजीन आदि छापने का काम होता था, लेकिन इनदिनों स्कूल बंद हैं तो उनका काम घटकर 40% तक रह गया है. ऐसे में शहर के करीब 10-12 छोटे-बड़े प्रिंटिंग प्रेस बंद हो चुके हैं. जबकि, प्रिंटिंग प्रेस से जुड़े करीब 100 से ज्यादा कर्मचारी भी बेरोजगार हो चुके हैं.
स्कूल-कॉलेज के बंद होने से घटा प्रिंटिंग प्रेस का काम
देहरादून के डिस्पेंसरी रोड के पास बीते 6 सालों से प्रिंटिंग प्रेस का संचालन कर रहे प्रवीण भट्ट बताते हैं कि कोरोना काल में प्रिंटिंग प्रेस संचालक नुकसान के दौरे से गुजरे हैं. ऐसा दौर उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था. सामान्य दिनों में स्कूल-कॉलेज के प्रोस्पेक्टर्स और मैगजीन छपने के ऑर्डर्स उनके पास मिलते थे, लेकिन आज उनका सभी काम बंद हैं. उनके पास सिर्फ पैम्फलेट, ब्रोशर्स और लेखकों की निजी किताबें छापने को मिल रही है.
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सरकारी कार्यक्रमों के बंद होने से भी पड़ा बड़ा असर
सामान्य दिनों में सरकारी कार्यक्रमों के पैम्फलेट और ब्रोशर्स छापने का भी कार्य प्रिंटिंग प्रेस संचालकों के पास हुआ करते थे, लेकिन अब किसी भी तरह का कोई बड़ा सरकारी कार्यक्रम आयोजित नहीं हो रहा है. इसकी वजह से उनका काम करीब-करीब बंद ही है.
अन्य क्षेत्रों पर भी पड़ा प्रिंटिंग प्रेस के कार्य में कमी का असर
गौर हो कि प्रिंटिंग प्रेस के कार्य में कमी आने की वजह से सिर्फ प्रिंटिंग प्रेस संचालक और उससे जुड़े कर्मचारी ही प्रभावित नहीं हुए हैं, बल्कि अन्य छोटे-बड़े कार्यों को करने वाले लोग जैसे कि बिल बुक बनाने वाले, स्पाइरल बाइंडिंग करने वाले प्रिंटिंग प्रेस के लिए इंक और पेपर सप्लाई करने वाले लोग भी इससे प्रभावित हुए हैं. इस तरह से देखा जाए तो प्रिंटिंग प्रेस के कार्य में कमी आने की वजह से देहरादून शहर में करीब 6000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं.