देहरादून: ईद-उल-फितर, मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार है. एक महीने रमजान पूरे होने के बाद ईद मनाई जाती है, जिसे ‘मीठी ईद’ भी कहते हैं. लॉकडाउन की वजह से इस बार ईद की रौनक फीकी ही रहेगी. ऐसा पहली बार होगा जब मुस्लिम समुदाय के घरों में रहकर ईद की नमाज अदा करेंगे. हर साल देहरादून स्थित ईदगाह में ईद की नमाज अदा करने के लिए हजारों नमाजी पहुचते थे, लेकिन आज ये ईदगाह पूरी तरह से वीरान पड़ा हुआ. ईदगाह परिसर की सफाई तक नहीं की गई है.
हर साल ईद के मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोगों में काफी उत्साह रहता था, क्योंकि साल में एक बार आने वाला ईद का त्यौहार उनके लिए कई बड़े सौगात लेकर आता है, लेकिन इस साल देशव्यापी लॉकडाउन के चलते यह ईद फीकी पड़ गई है. यहां तक अब ईदगाह भी पूरी तरह से अस्त-व्यस्त नजर आ रहा है. हर साल ईदगाह में हजारों की संख्या में नमाजी एक साथ ईद की नमाज अदा करते थे लेकिन इस साल ईद के त्यौहार को कोरोना वायरस का ग्रहण लग गया है.
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ईद की नमाज अदा करने के लिए देहरादून के शहर काजी पहले ही सभी मुस्लिम समुदाय कि लोगों के लिए फरमान जारी कर चुके हैं कि वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के चलते सभी लोग अपने घरों में ही ईद की नमाज अदा करेंगे. इस बार लोगों को ईद की मुबारकबाद देने का तरीका भी अलग होगा, क्योंकि हर साल ईद की नमाज अदा करने के बाद नमाजी एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते थे, लेकिन इस बार लोग गले मिलकर ईद की मुबारकबाद नहीं दे पाएंगे.