मसूरी: एमपीजी कॉलेज मसूरी में शौचालय और कैंटीन खोले जाने को लेकर एमपीजी काॅलेज छात्रसंघ और एनएसयूआई की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है. जिसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इसी को लेकर एनएसयूआई और जौनपुर ग्रुप द्वारा संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता कर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और मसूरी एमपीजी काॅलेज छात्रसंघ पर काॅलेज में गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया गया है.
मसूरी एमपीजी काॅलेज छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष प्रिंस पंवार ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और छात्र संघ द्वारा काॅलेज का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और छात्र संघ द्वारा असंवैधानिक तरीके से बिना कॉलेज के प्राचार्य की अनुमति के बिना शौचालय और कैंटीन का ताला तोड़ा गया है. जिसका वह विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह छात्रों और काॅलेज के विकास के विरोधी नहीं हैं. परंतु जिस तरीके से एबीवीपी और कॉलेज छात्र संगठन एमपीजी कॉलेज में अवैधानिक काम कर रहे हैं, उसको लेकर वह विरोध कर रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि एमपीजी काॅलेज छात्रसंघ के नवनियुक्त अध्यक्ष प्रीतम लाल कार में नेम प्लेट लगाकर घूम रहे हैं जो नियम विरुद्ध है. उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और छात्र संगठन एमपीजी कॉलेज छात्रसंघ ओछी राजनीति कर रहे हैं, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कॉलेज के कुछ शिक्षक और कर्मचारी भी इस असंवैधानिक कार्य में शामिल हैं, जिन पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कॉलेज में शिक्षकों की काफी लंबे समय से कमी चल रही है. जिसको लेकर लगातार उनके द्वारा मांग उठाई गई है.
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उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार भी एनएसयूआई के छात्रों के साथ भेदभाव करती है. उन्होंने कहा कि एनएसयूआई कॉलेज हित में लगातार काम करती रहेगी. काॅलेज में रोजगार परक शिक्षा की कमी है, परंतु इस ओर भी सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि वह समय-समय पर एनएसयूआई छात्र हितों और काॅलेज के विकास के लिए लड़ाई लड़ती रहेगी. वहीं छात्र नेता रोहन राणा ने कहा कि वो कॉलेज के विकास के विरोध में नहीं हैं, परन्तु एबीवीपी और कॉलेज छात्रसंघ द्वारा नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. जिसका वह विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कॉलेज में प्रोफेसर समय पर नहीं आते, जिसका नुकसान छात्रों को उठाना पड़ रहा है.