देहरादून: संसद की सुरक्षा में चूक मामले को लेकर विपक्ष लगातार गृहमंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहा है. इसी कड़ी में अब तक राज्यसभा और लोकसभा से 141 सांसद निलंबित हो चुके हैं. सांसदों को निलंबन को विपक्ष लोकतंत्र की हत्या बता रहा है. साथ ही विरोध प्रदर्शन के जरिये केंद्र सरकार को घेरने की कोशिशें जारी हैं. इसी कड़ी में उत्तराखंड कांग्रेस ने 22 दिसंबर को राजभवन घेराव का आह्वान किया है.
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट ने बताया लोकसभा में सरकार ने तानाशाही दिखाई है. सवाल पूछने पर 141 सांसदों को निलंबित कर दिया है. उन्होंने कहा भाजपा शासन काल में देश के भीतर लोकतंत्र नाम की चीज नहीं रह गई है. विपक्ष जब भी सत्ता पक्ष से अडानी मामले, देश की सुरक्षा, अग्निपथ योजना, महंगाई और बेरोजगारी पर सवाल उठाता है, इससे भाजपा बौखला जाती है. उन्होंने कहा संसद सुरक्षा चूक मामले में विपक्ष गृहमंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहा है. विपक्ष के सवाल से बचने के लिए 141 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है.
शीशपाल बिष्ट ने कहा भाजपा ने संसद को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाने के बारे में सोच रखा है. इसका पूरे देश और दुनिया में विरोध हो रहा है. 141 सांसदों को निलंबित किए जाने के विरोध में कांग्रेस आगामी 22 दिसंबर को राजभवन घेराव करने का निर्णय लिया है. राजभवन घेराव के दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेता शामिल होने जा रहे हैं. कांग्रेस इस प्रदर्शन के जरिये केंद्र की मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करेगी.