देहरादून: अंकिता हत्याकांड के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए कांग्रेस आगे आई है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कठुआ बलात्कार पीड़िता को न्याय दिलाने वाली अधिवक्ता दीपिका सिंह राजावत से बात की है. दीपिका सिंह राजावत अंकिता हत्या के आरोपियों को सजा दिलाने और संबंधित मामले की बारीकी से जांच के लिए उत्तराखंड आई हैं. वो आज अंकिता के माता-पिता से मुलाकात करेंगी.
क्या है अंकिता भंडारी मर्डर केस: बता दें कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी (19) ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगा भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त से नौकरी कर रही थी. वो बीती 18 सितंबर को रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.
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23 सितंबर को अरेस्ट हुए पुलकित आर्य समेत तीनों आरोपी: वहीं, जब पुलिस ने जांच की तो वनंत्रा रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई. रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी, लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता (Receptionist Ankita Bhandari) नहीं थी. इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत लिया और पूछताछ की.
24 सितंबर को चीला नहर में मिला अंकिता का शव: आरोपियों ने पुलिस के सामने सारा सच उगल दिया. आरोपियों ने अंकिता भंडारी को नहर में धकेल (Ankita Bhandari Murder Case) दिया था. जिससे उसकी मौत हो गई. मामले में पुलिस ने पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य (Pulkit Arya father Vinod Arya) के बेटे रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य और उसके दो मैनेजरों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया. इसके बाद कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. वहीं, बीती 24 सितंबर को अंकिता का शव चीला बैराज से बरामद हुआ. जिसके बाद शव को एम्स ऋषिकेश ले जाया गया. जहां उसका पोस्टमार्टम किया गया.
तीनों आरोपियों की मिली पुलिस रिमांड: 30 सितंबर को पुलकित आर्य समेत तीनों आरोपियों की तीन दिन की पुलिस रिमांड मिल गई. इसके बाद एसआईटी ने तीनों आरोपियों से कई दौर की पूछताछ की. तीनों को घटनास्थल पर ले जाकर क्राइम सीन रीक्रिएट भी किया गया. इस बीच एसआईटी टीम को हेड कर रहीं डीआईजी पी रेणुका देवी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और सबूतों में कोई भिन्नता नहीं है.
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