देहरादून: भारत-चीन सीमा (India-China border) पर ड्रैगन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. हाल फिलहाल में उत्तराखंड के चमोली जिले के बाड़ाहोती (Barahoti of Chamoli district) में चीनी सेना की गतिविधि (Chinese military activity) देखी गई. जिसको लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह (Congress state president Pritam Singh) ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार चिर निद्रा में सोई हुई है और चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सीमा पर जो सतर्कता बरतनी चाहिए थी, उसमें सरकार पूरी तरह से विफल साबित हुई है. पूर्व में चीन ने भारत की सीमाओं में अतिक्रमण (encroachment on India's borders) किया था. जिसके बाद सीमा पर हुए तनाव में हमारे जवानों की शहादत (martyrdom of soldiers) हुई थी, लेकिन केंद्र सरकार इस पर मौन रही.
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प्रीतम सिंह (central government) ने कहा कि फिर से उत्तराखंड की सीमाओं पर चीनी सैनिकों की गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन सत्ता में बैठी भाजपा सरकार (BJP government) चिर निद्रा में सोई हुई है. भारत की जितनी भी सीमाएं चीन से लगी हुई हैं, वहां हमारे जवान पूरी मुस्तैदी से सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, लेकिन सत्ता में बैठे लोगों को चिर निद्रा से जागना चाहिए.
बता दें कि चीनी सेना के करीब 35 जवान हाल ही में उत्तराखंड के बाड़ाहोती सेक्टर में आए थे. चीनी सेना के जवान लगातार इस इलाके की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि भारत की तरफ से भी चीनी सैनिकों की घुसपैठ को देखते हुए सभी तरह के इंतजाम किए जा रहे हैं. चीनी सेना की गतिविधियों को देखते हुए भारत अलर्ट हो गया है.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (CDS general bipin rawat) और सेंट्रल आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाय डिमरी (Central Army Commander Lt Gen Y Dimri) ने हाल ही में उत्तराखंड से लगी चीन सीमा (china border) का दौरा किया था और स्थिति का जायजा लिया था.
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बाड़ाहोती इलाके के पास एक हवाई अड्डे पर चीनी गतिविधियां तेज हो गई हैं और वहां उनके द्वारा बड़ी संख्या में ड्रोन तैनात किए गए हैं. भारतीय वायु सेना ने वहां कुछ हवाई अड्डों को भी सक्रिय कर दिया है, जिसमें चिन्यालीसौंण एडवांस लैंडिंग ग्राउंड भी शामिल है, जहां एएन-32s लगातार लैंडिंग कर रहे हैं. चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर भी उस क्षेत्र में काम कर रहे हैं और जब भी आवश्यक हो, अंतर-घाटी सेना स्थानांतरण कर सकते हैं.