देहरादून: उत्तराखंड के कुछ भाजपा विधायकों की राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात और पत्र लिखने के मामलों के बाद प्रदेश की राजनीति गर्म है. वहीं, सत्ता पक्ष के विधायकों की दिल्ली दौड़ से कांग्रेस को भी सियासी रोटी सेंकने का मौका मिल गया है. नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने इस मामले में बयान जारी करते हुए कहा कि सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. उन्होंने कहा निरंकुश नौकरशाही को सरकार का कोई डर नहीं है.
वर्तमान समय में प्रदेश की जो स्थिति है वह सभी के सामने हैं. भाजपा विधायक खुद ही अपनी भावना का इजहार कर रहे हैं, वे कह रहे हैं कि भ्रष्टाचार रहित सरकार चलाने का काम करें, साथ ही विधायिका के सम्मान की रक्षा करें. हालांकि, ऐसा नहीं हो रहा है जिसके कारण एक-एक करके सभी सरकार पर हमला बोल रहे रहे हैं.
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सरकार में कैबिनेट मंत्री व शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि विधायकों को अपनी बात कहने का पूरा अधिकार है. विधायकों में कोई नाराजगी जैसी स्थिति नहीं है. अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों के लिये विधायक मजबूती से कोई बात कहते हैं, ऐसे में इसको नाराजगी से जोड़ लेना गलत है. उन्होंने कहा जितने काम मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में पिछले साढ़े तीन साल में हुए हैं उतने काम पिछले 20 सालों में भी नहीं हुए हैं.
सरकार प्रदेश के विकास का संकल्प लेकर कार्य करने में लगी हुई है. पारदर्शी सरकार काम कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह सब कुछ मीडिया और सोशल मीडिया के दिमाग की उपज है. सरकार में कहीं कोई अस्थिरता वाली बात नहीं है.
वहीं, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि 57 विधायकों की सरकार को कौन अस्थिर कर सकता है. सरकार में कहीं कोई अस्थिरता नहीं है. ये सभी झूठी और बेबुनियाद बातें हैं, जो भी खबरें सामने आ रही हैं, उसमें दूर-दूर तक कोई सच्चाई नहीं है. सरकार पूरी मजबूती से त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में काम कर रही है. वे पूरे पांच साल प्रदेश के विकास के लिये कार्य करते रहेंगे. उन्होंने कहा भाजपा पूरी तरह से अनुशासित पार्टी है. हमारे यहां सभी निर्णय हाईकमान से लिये जाते हैं.