देहरादूनः त्रिवेंद्र सरकार की ओर से विधायकों के वेतन कटौती मामले में कांग्रेसी विधायकों की भी सहमति मिल गई है. इससे पहले सरकार ने सभी विधायकों के वेतन से 30 फीसदी कटौती करने का मन बनाया था. इसके लिए बकायदा प्रदेश सरकार अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही थी, लेकिन कांग्रेस विधायकों ने अध्यादेश के पहले ही सहमति दे दी है. वहीं, मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने त्रिवेंद्र सरकार को निठल्ली सरकार बताया है. साथ ही कहा कि विपक्ष की अनदेखी करते हुए सरकार लोकतंत्र की हत्या करने में लगी हुई है.
बता दें कि, कोरोना महामारी को रोकने के लिए सभी विधायकों के वेतन से 30 फीसदी कटौती किए जाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन कांग्रेस का विरोध था कि विपक्ष से चर्चा किए बिना सरकार एक तरफा फैसला ले रही है. विपक्ष को कटौती से ज्यादा उनकी सहमति के लिए बिना वेतन काटने का फैसला लेने पर एतराज था. लेकिन, अब कांग्रेस ने कटौती के लिए सहमति दे दी है. इसके बावजूद कांग्रेस का कहना है कि विपक्ष को विश्वास में लिए बगैर सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है.
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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी वेतन और भत्ते देने के पीछे नहीं हट रही है. बल्कि, कांग्रेस का यह कहना था कि सरकार मनमानी पर उतर आई है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के पक्ष और विपक्ष होता है और यही लोकतंत्र की असली परिभाषा होती है. सत्ता में बैठे हुए लोग हमेशा विपक्ष को विश्वास में लेकर कार्य करते हैं, लेकिन सरकार निठल्ली है, जो विपक्ष से संवाद तक स्थापित नहीं करना चाहती है.
वहीं, प्रीतम सिंह ने कहा कि जनता के बीच ये संदेश ना जाए कि कांग्रेस के लोग वेतन और भत्ते नहीं देना चाहते हैं. इसे देखते हुए उन्होंने ये निर्णय लिया है. इसके लिए सभी विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष को अपनी सहमति दी है. जिस पर नेता प्रतिपक्ष ने भी अपनी सहमति व्यक्त की है, लेकिन सरकार सत्ता के मद में चूर होकर लोकतंत्र की हत्या करने में लगी हुई है.