देहरादून: उत्तराखंड में आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही सियासी पारा भी चढ़ता जा रहा है. दिल्ली और पंजाब के बाद उत्तराखंड में अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी से हर महीने कोई ना कोई बड़ा नेता दिल्ली से उत्तराखंड पहुंच रहा है. वहीं आज बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा दो दिवसीय दौरे के लिए उत्तराखंड पहुंच चुके हैं.
इस दौरान जेपी नड्डा न केवल संगठन की नब्ज टटोलने का काम कर रहे हैं, बल्कि सरकार के कामकाज पर भी अपनी गहरी नजर डालेंगे. इसके साथ ही मंत्रियों और विधायकों का भी रिपोर्ट कार्ड खंगालेंगे. जेपी नड्डा का दौरा केवल बैठकों तक ही सीमित नहीं है. इसके अलावा उनके कुछ सार्वजनिक कार्यक्रम भी हैं. इनमें भाजपा भी अपना दमखम दिखाएगी.
जेपी नड्डा के कार्यक्रम को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि यह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का रूटीन दौरा है. लेकिन भाजपा इस बात से भी इनकार नहीं कर रही है कि पीछे दो दिन पहले अरविंद केजरीवाल से बड़ा जनसैलाब वह जेपी नड्डा के रैली में दिखाने का चैलेंज स्वीकार कर चुके हैं. इस पर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन ठाकुर का कहना है कि आम आदमी पार्टी की भीड़ कार्यकर्ताओं की नहीं बल्कि किराए पर बुलाई गई भीड़ थी. भाजपा का जनसैलाब स्वत: स्फूर्त है.
वहीं, केंद्रीय नेताओं के दौरों को लेकर अब तक सबसे पीछे चल रही कांग्रेस ने भी अपना अलग ही राग अलापना शुरू कर दिया है. भाजपा और आम आदमी पार्टी के केंद्रीय नेताओं द्वारा उत्तराखंड में किए जा रहे शक्ति प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस का कहना है कि उन्हें इस तरह का दिखावा करने के लिए दिल्ली से कोई नेता बुलाने की जरूरत नहीं है.
पढ़ें- बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा पहुंचे उत्तराखंड, हरिद्वार में बैठकों का दौर शुरू
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजीव महेश्वरी का कहना है कि कांग्रेस के पास प्रदेश में ही हरीश रावत जैसे राष्ट्रीय छवि वाले नेता हैं. भाजपा के जेपी नड्डा और आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल से टक्कर लेने के लिए उत्तराखंड में अकेले हरीश रावत ही काफी हैं.
बताते चलें कि अरविंद आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक महीने में ही दो बार उत्तराखंड आ चुके हैं. दोनों बार केजरीवाल बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर गए हैं. 11 जुलाई के अपने पहले दौरे में केजरीवाल उनकी पार्टी की सरकार बनने पर 300 यूनिट बिजली फ्री देने की घोषणा कर गए थे. उनकी इस घोषणा से उत्तराखंड के सियासी हलकों में हलचल मच गई थी. उनकी देखादेखी बीजेपी और कांग्रेस ने भी फ्री बिजली का राग आलाप दिया था.
इसी अगस्त महीने की 17 तारीख को जब केजरीवाल दूसरी बार उत्तराखंड के दौरे पर आए तो वो दो बड़ी घोषणाएं कर गए थे. उन घोषणाओं की गूंज उत्तराखंड की वादियों में अब तक है. केजरीवाल ने पहली घोषणा रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल को आप का सीएम कैंडिडेट घोषित करके तुरुप का इक्का फेंका था. इसके बाद उन्होंने उत्तराखंड को देश की आध्यात्मिक राजधानी बनाने की घोषणा करके बीजेपी के लिए दुविधा की स्थिति खड़ी कर दी थी.