देहरादून: उत्तराखंड में आम लोग हों या खास बड़ी संख्या में डेंगू से प्रभावित हैं. उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी डेंगू से ग्रस्त हैं. देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा है. मैक्स हॉस्पिटल से ही प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी ने एक वीडियो बनाया है, जिसमें उन्होंने डेंगू को लेकर राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाये हैं. नवीन जोशी ने बताया कि स्वस्थ होने के बाद वो डेंगू से ग्रसित लोगों की लड़ाई लड़ेंगे.
नवीन जोशी ने वीडियो के जरिए बताया कि वो बीते 15 दिनों डेंगू से ग्रसित हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले दिन से कह रही है कि राज्य में डेंगू एक विकराल रूप धारण कर चुका है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा और हरीश रावत पहले ही कह चुके है कि इस सरकार ने देहरादून को डेंगू सिटी बना दिया है.
पढ़ें- पहाड़ों में भी डेंगू के डंक से कराह रहे लोग, बागेश्वर में 9 मरीज भर्ती, रुद्रप्रयाग में 6 पहुंची संख्या
नवीन जोशी ने कहा कि सरकार और देहरादून नगर निगम की लापरवाही का खामियाजा शहर की जनता भुगत रही है. सरकार ने डेंगू की रोकथाम को लेकर कोई तैयारी नहीं की थी, जिसका नतीजा यह हुआ कि राजधानी देहरादून में घर-घर में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बार-बार चेताने के बावजूद भी सरकार ने सड़कों के गड्ढों को नहीं भरा, जिनमें बरसात का पानी भर गया और वहां डेंगू का लार्वा पनपा है, जो शहर के लोगों के लिए घातक साबित हुआ. नवीन जोशी ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव और खुद मुख्यमंत्री कहते रहे कि डेंगू नियंत्रण में है, लेकिन सच्चाई सबके सामने है.
नवीन जोशी ने बताया कि डेंगू के इलाज में उनके 14 लाख रुपए खर्च हुए हैं. यदि पूरी राज्य की बात की जाए तो डेंगू के इलाज में लोगों ने अपने कई करोड़ रुपए खर्च किए हैं. इसीलिए उन्होंने डेंगू प्रभावित मरीजों की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है.
पढ़ें- सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज और बेस हॉस्पिटल का स्वास्थ्य सचिव ने किया निरीक्षण, अधिकारियों को दिए ये निर्देश
नवीन जोशी का कहना है कि सरकार की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ा है. ऐसे में मरीजों के इलाज का खर्च सरकार को देना होगा. वह बहुत जल्दी देहरादून के महापौर, मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री व स्वास्थ्य सचिव को नोटिस देने जा रहे हैं, क्योंकि उनके कारण ही मुझे डेंगू हुआ है. उनके जैसे सैकड़ों ऐसे लोग हैं, जो डेंगू से प्रभावित हुए होंगे और कई लोगों ने अपनी जान गंवाई होंगी. ऐसे पीड़ित लोगों की उन्होंने लड़ाई लड़ने का फैसला लिया है.