देहरादूनः उत्तराखंड में राजनीतिक दलों के बीच अब आपसी बहस की वजह मुद्दे बन गए हैं. कांग्रेस की रणनीति बदलने के बाद अब भाजपा उसी रणनीति पर कांग्रेस को घेरने की कोशिश कर रही है. लेकिन, कांग्रेस अब स्थानीय मुद्दों पर त्रिवेंद्र सरकार को घेरना चाहती है तो भाजपा प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर ही कांग्रेस को उलझाए रखना चाहती है.
हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ट्वीट करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दों पर ही कांग्रेस के चुनाव लड़ने की बात कही थी. जिसके बाद से प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक बहस शुरू हो गई. दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ट्वीट के बाद भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस मोदी से डर गई है और अब वह मोदी सरकार पर हमला करने के बजाय त्रिवेंद्र सरकार को घेरना चाहती है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने हरीश रावत की इस ट्वीट के आधार पर पूरी कांग्रेस पर ही हमला किया और कांग्रेस के मोदी नाम से डरने की बात तक कह डाली.
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उत्तराखंड में भाजपा नेता भी चाहते हैं कि कांग्रेस मोदी के नाम से ही आरोप लगाए. केंद्र सरकार के खिलाफ कांग्रेस पूरी तरह से लामबंद रहे, ताकि मोदी नाम का फायदा राज्य सरकार को आगामी चुनाव में भी मिल सके. लेकिन हरीश रावत ने अपना सधा हुआ बयान देकर भाजपा के माथे पर पसीना ला दिया है. हालांकि, कांग्रेस ने अब इस विवाद में भाजपा को जवाब देते हुए कहा है कि उत्तराखंड में कांग्रेस स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता देगी, क्योंकि प्रदेश की जनता के हितों को लेकर कांग्रेस बात करना चाहती है. हालांकि, उन्होंने मोदी सरकार पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि अब तक केंद्र की तरफ से भी उत्तराखंड को कोरोना काल में कोई राहत नहीं दी गई है.
उत्तराखंड में भाजपा, कांग्रेस के केंद्र के खिलाफ रहने वाले रवैया से संतोष में दिखाई देती है. प्रदेश भाजपा को यह पता है कि यदि कांग्रेस मोदी के नाम पर ही विरोध करती रही तो भाजपा को इसका फायदा मिलेगा. लेकिन अब शायद कांग्रेस भी इस बात को भांप चुकी है और उसने स्थानीय मुद्दों पर ही आगामी चुनाव को लड़ने का फैसला लिया है.