देहरादूनः उत्तराखंड उद्यान विभाग में घोटाले का मामला सुर्खियों में है. अब पौधों की खरीद और आयोजन पर फिजूलखर्ची मामले की जांच की आंच में कई अधिकारी एवं सफेद पोश भी आते नजर आ रहे हैं. जिससे मामला काफी गरमाया हुआ है. मामले की गंभीरता को लेकर विपक्ष अब विभागीय मंत्री गणेश जोशी का इस्तीफा मांग रहा है.
दरअसल, उत्तराखंड उद्यान विभाग में हुए करोड़ों के घोटाले को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है. पिछले दिनों उद्यान विभाग में हुए घोटाले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के निर्देश दिए. जिससे विभाग में खलबली मच गई. माना जा रहा है कि उद्यान निदेशक रहे हरमिंदर सिंह बवेजा के साथ अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है.
क्या बोले विभागीय मंत्री गणेश जोशी? इस पूरे प्रकरण पर विभागीय मंत्री गणेश जोशी का कहना है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है, लेकिन सवाल कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर भी उठ रहे हैं कि आखिर उनकी विभागीय जांच का क्या हुआ?
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उधर, हमलावर विपक्ष ने विभागीय मंत्री गणेश जोशी का इस्तीफा मांगा है. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि मामले में तब सीबीआई जांच हो रही है, जब हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि विभागीय मंत्री आज तक क्या कर रहे थे? उनकी नाक के नीचे सैकड़ों करोड़ का घोटाला हो गया और वो मुख्यमंत्री बने रहे.
मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि मंत्री ने लापरवाही के लिए विभागीय जांच भी की, लेकिन उसका आज तक कोई पता ही नहीं चला कि आखिर उस जांच में क्या हुआ? मामले में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए और वो इस्तीफा नहीं देते हैं तो मुख्यमंत्री को उनसे इस्तीफा ले लेना चाहिए. कुल मिलाकर विभागीय जांच में क्या हुआ? वो अभी तक सार्वजनिक नहीं हुआ.
हालांकि, मुख्यमंत्री ने उद्यान निदेशक बवेजा को कुछ समय पहले निलंबित कर दिया था, लेकिन सवाल इस बात को लेकर उठ रहे हैं कि आखिर विभागीय मंत्री क्यों आंख मूंदे रहे और जो विभागीय जांच कराई थी, उसका खुलासा आज तक क्यों नहीं हो सका.
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अब जब हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के निर्देश दिए हैं तो परत दर परत खुलती नजर आ रही है. मामले में बीजेपी के विधायक के भाई को फायदा पहुंचाने का खुलासा हुआ है. देखना दिलचस्प ये होगा कि आने वाले दिनों में क्या सीबीआई जांच होती है और कितने लोगों पर जांच की आंच आती है?