देहरादून: वन महकमे में मंत्री हरक सिंह रावत और अधिकारियों के बीच चल रही तनातनी के बाद को कांग्रेस ने भुनाना शुरू कर दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि जब से इस सरकार का गठन हुआ है, तब से पार्टी में अंदरखाने कलह जारी है. तो वहीं नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा है बिना अनुमति लिए विदेश दौरे पर जाने वाले अधिकारियों के मामले वन मंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहना है कि सूबे के जंगल धधक रहे हैं, ऐसे समय में मुख्यमंत्री द्वारा विभाग के आलाधिकारियों को वन मंत्री की इजाजत के बिना विदेश भेजा जा रहा है, जो कि गंभीर विषय है. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहना है कि अधिकारी ही सरकार को संचालित करने का काम कर रहे हैं, कहीं प्रतीत नहीं होता है कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज भी है.
प्रीतम ने त्रिवेंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी सरकार को तो न्यायपालिका चला रही है और जो कसर बच जाती है, उसमें प्रदेश के अधिकारी हावी हो जाते हैं. ऐसी परिस्थितियों में कभी विधायकों का दर्द छलकने लगता है तो सभी मंत्रियों का, लेकिन सीएम को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है.
वहीं, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का कहना है कि हरक सिंह रावत सरकार में सबसे काबिल मंत्री है, लेकिन जिस तरह मंत्री के बिना अनुमति के अधिकारियों को विदेश जाने के लिए एनओसी दी गई है. इससे सरकार और मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. इंदिरा हरदेश ने इस पूरे मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.
दरअसल, वन विभाग के आलाधिकारी वन मंत्री हरक सिंह रावत की इजाजत के बिना विदेश यात्रा पर चले गए हैं, इस पर हरक सिंह रावत ने वन अधिकारियों पर विकास कार्यों में रोड़ा अटकाने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि लालढांग-चिल्लरखाल मार्ग पर अगर रोक लगी तो वो धरने पर बैठ जाएंगे. जिस पर कांग्रेस ने हरक सिंह रावत की नाराजगी को भुनाते हुए त्रिवेंद्र सरकार पर करारा प्रहार किया है.