देहरादून: गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में किसानों के उग्र आंदोलन पर अब राजनीति शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस आंदोलन पर कहा कि ये किसानों का नहीं कांग्रेस का आंदोलन था. साथ ही इसमें पाकिस्तान का हाथ होने की बात भी कही. अब इस मामले में कांग्रेस ने सीएम त्रिवेंद्र पर पलटवार किया है. पार्टी का कहना है कि दिल्ली में हिंसा करने वाले न किसान थे, न कांग्रेस के लोग. इस साजिश में भाजपा के ही कुछ लोग शामिल थे, जिन्होंने किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को उग्र रूप देकर कुचलने की साजिश रची है.
कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी का कहना है कि बीते दो माह से किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए थे. लेकिन सरकार ने उनसे कई बार वार्ता करने के बाद उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं दिया. उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड में जो उपद्रव हुआ वो सबके सामने है. दिल्ली के लाल किला में हुए उपद्रव में दीप सिद्धू का नाम सामने आ रहा है, जो भाजपा का करीबी बताया जा रहा है.
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कांग्रेस महामंत्री का कहना है कि किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को हिंसात्मक बनाकर उनके आंदोलन को कुचलने की साजिश की गई है. भाजपा सरकार किसान आंदोलन को कांग्रेस या फिर खालिस्तान से जोड़ रही है. अब सीएम त्रिवेंद्र रावत हिंसक हुए आंदोलन के तार पाकिस्तान से जोड़ रहे हैं. जबकि पूरे देश को यह बताने की जरूरत नहीं है कि उपद्रव मचाने वाले भाजपा के ही लोग हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा कांग्रेस का नाम लेकर अपना पल्ला झाड़ रही है, जबकि कांग्रेस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों को अपना समर्थन दिया है.
बता दें कि आज भारतीय किसान मजदूर संघ ने किसान आंदोलन खत्म करने का फैसला ले लिया है. संघ के नेता वीएम सिंह ने कहा कि आंदोलन गलत दिशा में चला गया है. इसलिए वे नहीं चाहते कि किसानों की मौत पर आंदोलन को आगे बढ़ाया जाए. साथ ही उनके बयान के बाद किसान संगठनों में टकराव की भी बात सामने आई. उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत ट्रैक्टर परेड को दूसरे रूट पर चलाने के लिए आमादा थे. जिसका नतीजा आज सबके सामने है.