देहरादून: पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष में 20 जवान शहीद हो गए हैं. उत्तराखंड कांग्रेस ने सरकार पर कई सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस का कहना है कि सैनिकों की शहादत के बाद भी प्रधानमंत्री द्वारा कोई कठोर कदम नहीं उठाना गैर जिम्मेदाराना आचरण को प्रदर्शित करता है. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि बीते ढाई महीनों से भारत-चीन सीमा पर तनाव चल रहा है.
रक्षा मंत्रालय ने भी अधिकारिक रूप से कहा था कि चीन ढाई किलोमीटर पीछे हट गया है, लेकिन गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत के 20 बहादुर सैनिक शहीद हो गए हैं. वीर बहादुर सैनिक शहीद हो गए हैं और अब तक प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाना उचित नहीं समझा है.
देर रात से घटना में शहीद सैनिकों की संख्या को लेकर भ्रामक खबरे चलती रहीं. मंगलवार देश शाम मोदी सरकार ने देश को बताया कि 20 सैनिक देश के लिए शहीद हो गए हैं. इससे देश में यह संदेश गया कि सरकार सीमा के हालातों के बारे में सरकार सच्चाई छिपा रही है.
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कांग्रेस का कहना है कि प्रधानमंत्री को इस मामले में तत्काल राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलानी चाहिए. धस्माना ने कहा कि देशहित में कांग्रेस पार्टी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. ऐसे में हम केंद्र सरकार से भारत की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने की अपेक्षा करते हैं.