देहरादून: कांग्रेस पार्टी के तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari Murder Case) को लेकर गांधी पार्क के गेट पर धरना दिया. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में दिए जा रहे धरने में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य शामिल रहे. कांग्रेस के आह्वान पर यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी भी अंकिता हत्याकांड को लेकर दिए जा रहे धरने में शामिल हुए.
कांग्रेसी अंकिता हत्याकांड में वीआईपी का नाम उजागर करने की मांग (VIP name in Ankita murder case) कर रहे हैं. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी नेताओं के रिजॉर्ट अनैतिक कामों के अड्डे बन चुके हैं. सरकार उस रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) में आने वाले लोगों का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक करे ताकि पता चल सके कि आखिरकार वहां कौन-कौन लोग आया करते थे? इसके साथ ही वनंत्रा रिजॉर्ट में सबूतों को मिटाने और इसकी जांच में हीला हवाली किए जाने का भी कांग्रेसी आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस ने पीड़ित परिवार से भी आग्रह किया है कि वो सीबीआई की जांच के लिए पत्र लिखें.
इस मामले में केवल प्रदेश कांग्रेस ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय लेवल पर भी कांग्रेस जोरदार हमले कर रही है. कांग्रेस ने इस मामले को जोरशोर से उठाते हुए अपनी भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल किया है. भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के 'बेटी बचाओ' नारे पर हमला बोला और अंकिता के लिए न्याय की मांग की. इससे पहले कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं ने अंकिता के घर पहुंचकर परिवार को सांत्वना दी थी और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने धरने पर बैठने का ऐलान किया था.
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वहीं, धरने के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा (Congress state president Karan Mahara) ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अंकिता हत्याकांड से जुड़े साक्ष्यों को छिपा रही है. माहरा ने कहा कि अंकिता के पिता और पुलिस के बड़े अधिकारी के बीच हुई बातचीत को भी सार्वजनिक किया गया, जिससे पीड़ित परिवार को बदनाम किए जाने का प्रयास किया जा रहा है. इससे प्रतीत होता है कि दाल में कुछ काला है. उन्होंने रिजॉर्ट की बिल्डिंग ध्वस्त करने पर भी सवाल उठाए और कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं उन्होंने बड़ी कार्रवाई करवाई और जिलाधिकारी कहते हैं कि इसको लेकर कोई आदेश जारी नहीं हुए थे और अब ये कहा जा रहा है कि रिजॉर्ट ध्वस्त कराया गया है. ऐसा लगता है जैसे सरकार किसी हाई प्रोफाइल व्यक्ति को बचाना चाहती है.
उन्होंने कहा कि रिजॉर्ट के असली मालिक को गिरफ्तार नहीं किया गया और तो और रिजॉर्ट में अंकिता के कमरे के साथ छेड़खानी करते हुए सबूतों को मिटाने की कोशिश की गई है. माहरा ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार है और केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है, इसलिए उन्हें सीबीआई पर पूरा भरोसा नहीं है. जांच भले ही सीबीआई से हो लेकिन इस मामले की जांच हाईकोर्ट के सीटिंग जज की देखरेख में ही होनी चाहिए. वहीं पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री की तरफ से 25 लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने की घोषणा को कांग्रेस ने नाकाफी बताया है. कांग्रेस की मांग है कि पीड़ित परिवार को कम से कम एक करोड़ रुपए मुआवजा दिया जाना चाहिए.