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धामी ने दिया कांग्रेस सचिव पद से इस्तीफा, इंदिरा हृदयेश को बताया भाजपा सरकार की 'B' टीम - देहरादून न्यूज

कांग्रेस पार्टी में लंबे से नाराज चल रहे धारचूला से कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने पार्टी सचिव पद से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस मुख्यालय पहुंचकर उन्होंने इस्तीफा दिया और इंदिरा हृदयेश के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली.

हरीश धामी
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Published : Jan 27, 2020, 5:27 PM IST

Updated : Jan 27, 2020, 6:13 PM IST

देहरादूनः धारचूला से कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने प्रदेश सचिव पद से इस्तीफा दे दिया है. पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत हरीश धामी सोमवार को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय पहुंचे और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की गैरमौजूदगी में उन्होंने प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया. इस दौरान धामी ने नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश पर अपनी जमकर भड़ास निकाली.

धामी ने दिया कांग्रेस सचिव पद से इस्तीफा
हरीश धामी का कहना है कि वे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह से नाराज नहीं हैं, बल्कि उनका गुस्सा सिर्फ नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश पर है. उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह पद उनकी गरिमा के विपरीत है. हालांकि उन्हें कभी पद की लालसा नहीं रही है. उन्हें नीचा और जलील दिखाने के लिए ऐसा किया गया.

पढ़ेंः कांग्रेस में उठे बवाल पर अजय भट्ट की चुटकी, कहा- विवाद तो उनकी पार्टी की संस्कृति

हरीश धामी ने कहा कि यही कारण है कि उन्होंने प्रदेश सचिव पद से इस्तीफा दे दिया है. हरीश धामी ने कहा कि जब नेता प्रतिपक्ष का चुनाव हो रहा था तो उन्होंने ही सबसे पहले इस बात का विरोध किया था कि आठ विधायक एक तरफ होने के बावजूद न चाहते हुए भी इंदिरा हृदयेश को नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया. उस दौरान सभी विधायकों ने आलाकमान के आदेशों का पालन किया था, लेकिन विधानसभा की कमेटी में उनसे जूनियर को नेता प्रतिपक्ष की ओर से अध्यक्ष पद के नाम सुझाया जाता है और उन्हें ऐसी कमेटी में बैठा दिया जाता है जिसमे कोई काम ही नहीं.

हरीश धामी यहीं नहीं रुकते, उन्होंने आगे कहा कि नेता प्रतिपक्ष और मंत्री विधायकों के बदौलत ही बनाए जाते हैं. नेता प्रतिपक्ष के रहमों-करम पर वे नहीं बल्कि विधायकों के रहमों करम पर नेता प्रतिपक्ष हैं.

पढ़ें: गजब! चमोली में दो तहसीलदार के भरोसे 12 तहसील

हरीश धामी ने कहा कि सभी विधायक एक साथ हैं. ऐसे में दो या तीन तारीख को सभी विधायक मीटिंग करके हाईकमान को जाकर उन्हें अपनी पीड़ा बताएंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश कांग्रेस को कमजोर बनाने में लगी हुई हैं और सरकार की बी टीम बनकर काम कर रही हैं.

देहरादूनः धारचूला से कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने प्रदेश सचिव पद से इस्तीफा दे दिया है. पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत हरीश धामी सोमवार को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय पहुंचे और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की गैरमौजूदगी में उन्होंने प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया. इस दौरान धामी ने नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश पर अपनी जमकर भड़ास निकाली.

धामी ने दिया कांग्रेस सचिव पद से इस्तीफा
हरीश धामी का कहना है कि वे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह से नाराज नहीं हैं, बल्कि उनका गुस्सा सिर्फ नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश पर है. उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह पद उनकी गरिमा के विपरीत है. हालांकि उन्हें कभी पद की लालसा नहीं रही है. उन्हें नीचा और जलील दिखाने के लिए ऐसा किया गया.

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हरीश धामी ने कहा कि यही कारण है कि उन्होंने प्रदेश सचिव पद से इस्तीफा दे दिया है. हरीश धामी ने कहा कि जब नेता प्रतिपक्ष का चुनाव हो रहा था तो उन्होंने ही सबसे पहले इस बात का विरोध किया था कि आठ विधायक एक तरफ होने के बावजूद न चाहते हुए भी इंदिरा हृदयेश को नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया. उस दौरान सभी विधायकों ने आलाकमान के आदेशों का पालन किया था, लेकिन विधानसभा की कमेटी में उनसे जूनियर को नेता प्रतिपक्ष की ओर से अध्यक्ष पद के नाम सुझाया जाता है और उन्हें ऐसी कमेटी में बैठा दिया जाता है जिसमे कोई काम ही नहीं.

हरीश धामी यहीं नहीं रुकते, उन्होंने आगे कहा कि नेता प्रतिपक्ष और मंत्री विधायकों के बदौलत ही बनाए जाते हैं. नेता प्रतिपक्ष के रहमों-करम पर वे नहीं बल्कि विधायकों के रहमों करम पर नेता प्रतिपक्ष हैं.

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हरीश धामी ने कहा कि सभी विधायक एक साथ हैं. ऐसे में दो या तीन तारीख को सभी विधायक मीटिंग करके हाईकमान को जाकर उन्हें अपनी पीड़ा बताएंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश कांग्रेस को कमजोर बनाने में लगी हुई हैं और सरकार की बी टीम बनकर काम कर रही हैं.

Intro: धारचूला से कांग्रेसी विधायक हरीश धामी ने प्रदेश सचिव पद से अपना इस्तीफा दे दिया है, हरीश धामी आज कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय पहुंचे और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की गैरमौजूदगी में उन्होंने प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना से मुलाकात करते हुए उन्हें सचिव पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया, दरअसल प्रीतम सिंह चकराता भ्रमण पर गए हुए हैं, ऐसे में हरीश धामी ने कांग्रेस मुख्यालय में सचिव पद से इस्तीफा सौंपते हुए नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश पर अपनी जमकर भड़ास निकाली।


Body: हरीश धामी का कहना है कि वह कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह से नाराज नहीं है बल्कि उनका गुस्सा सिर्फ नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश पर है। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह पद उनकी गरिमा के विपरीत है, हालांकि उन्हें कभी पद की लालसा नहीं रही है। उन्हें नीचा और जलील दिखाने के लिए ऐसा किया गया। यही कारण है कि उन्होंने प्रदेश सचिव पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। हरीश धामी ने कहा कि जब नेता प्रतिपक्ष का चुनाव हो रहा था तो उन्होंने ही सबसे पहले इस बात का विरोध किया था कि आठ विधायक एक तरफ होने के बावजूद ना चाहते हुए भी इंद्रा हृदयेश को नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया। उस दौरान सभी विधायकों ने आलाकमान के आदेशों का पालन किया था। लेकिन विधानसभा की कमेटी में उनसे जूनियर को नेता प्रतिपक्ष की ओर से अध्यक्ष पद के नाम सजाया जाता है, और उन्हें ऐसी कमेटी में बैठा दिया जाता है जिसमे कोई काम ही नहीं है। हरीश धामी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष, और मंत्री विधायकों के बदौलत ही बनाए जाते हैं। ऐसा में नेता प्रतिपक्ष के रहमों करम पर वह नहीं बल्कि विधायकों के रहमों करम पर नेता प्रतिपक्ष है।
बाईट- हरीश धामी विधायक धारचूला


Conclusion: हरीश धामी ने कहा कि सभी विधायक एक साथ हैं ऐसे में 2 या 3 तारीख को सभी विधायक मीटिंग करके हाईकमान पर जाकर उन्हें अपनी पीड़ा बताएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदेश कांग्रेस को कमजोर बनाने में लगी हुई है और सरकार की बी टीम बन कर काम कर रही है।
Last Updated : Jan 27, 2020, 6:13 PM IST
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