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उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ठुकराया राहुल गांधी का बुलावा, क्या BJP में शामिल हाेंगे किशोर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड दौरे से ठीक पहले एक नाटकीय घटनाक्रम सामने आया है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के दिल्ली आने के बुलावे को ठुकरा दिया है. किशोर उपाध्याय (Congress leader Kishor Upadhyay) ने राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) के दिल्ली में मुलाकात के निमंत्रण को भी ठुकरा दिया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि किशोर उपाध्याय बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.

Rahul Gandhi and Kishore Upadhyay
राहुल गांधी और किशोर उपाध्याय
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Published : Dec 4, 2021, 10:58 AM IST

Updated : Dec 4, 2021, 11:27 AM IST

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के देहरादून दौरे से पहले एक बार फिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किशोर उपाध्याय के भाजपा में जाने की चर्चाएं तेज हो गई हैं. इस बीच खबर है कि किशोर उपाध्याय (Congress leader Kishor Upadhyay) ने राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) के दिल्ली में मुलाकात के निमंत्रण को भी ठुकरा दिया है. राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि किशोर उपाध्याय को जो भी ज्यादा तवज्जो देगा किशोर उसी पाले में जाएंगे.

पिछले कई दिनों से किशोर उपाध्याय के भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हैं. उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और दूसरी कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में रहने वाले किशोर उपाध्याय इन दिनों कांग्रेस से नाराज हैं. हरीश रावत और पार्टी हाईकमान पर वह 2017 के दौरान खुद के टिकट को लेकर कई तरह के आरोप लगाते रहे हैं. लेकिन अब चर्चा है कि भाजपा हाईकमान से किशोर उपाध्याय की बातचीत चल रही है और वह जल्द ही भाजपा में शामिल भी हो सकते हैं.

पढ़ें- InFinity Forum में पीएम मोदी बोले-डिजिटल बैंक आज एक वास्तविकता, जीवन हो रहा बेहतर

हालांकि एक चर्चा यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौजूदा दौरे के दौरान ही वे भाजपा में शामिल हो रहे हैं. बड़ी खबर यह है कि राहुल गांधी ने किशोर उपाध्याय को इन चर्चाओं को लेकर दिल्ली बुलाया था उनके साथ नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को भी बुलावा भेजा गया था. लेकिन किशोर उपाध्याय ने राहुल गांधी के दिल्ली मुलाकात के निमंत्रण को ठुकरा दिया. किशोर उपाध्याय ने ईटीवी भारत से बात करते हुए इस बात की पुष्टि की है.

हालांकि इस मामले पर जब ईटीवी भारत ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव से बात की तो उन्होंने ऐसा कुछ भी होने से इंकार कर दिया. किशोर उपाध्याय को लेकर यह चर्चा कोई सामान्य बात नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि किशोर उपाध्याय का भाजपा ही नहीं बल्कि बाकी दलों से भी संपर्क होने की खबरें हैं. चर्चा है कि जो भी किशोर उपाध्याय को ज्यादा तवज्जो देगा किशोर उपाध्याय उसी पार्टी में शामिल हो जाएंगे. कांग्रेसी नेताओं के बीच इस चर्चा को भी बल मिल रहा है कि किशोर उपाध्याय कांग्रेस में राष्ट्रीय महासचिव बनना चाहते हैं और इसलिए वह पार्टी पर दबाव बनाकर अपने कद को बढ़ाना चाहते हैं.

पढ़ें- देहरादून दौरे से पहले PM मोदी ने किया द्वीट, कहा- 'उत्तराखंड की विकास यात्रा में जुड़ेगा स्वर्णिम अध्याय'

बहरहाल, जो भी हो लेकिन यह बात तय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देहरादून पहुंचने के साथ ही किशोर उपाध्याय के दल-बदल को लेकर भी चर्चाएं तेजी से बढ़ रही हैं. उधर ईटीवी भारत के सवाल पर किशोर उपाध्याय ने भाजपा में जाने की चर्चाओं का खंडन भी नहीं किया है जो उनकी नाराजगी और दलबदल की कोशिशों को और भी प्रबल कर रहा है.

किशोर का सफरनामा: कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय उत्तराखंड राज्य विधानसभा चुनाव, 2007 में टिहरी विधानसभा सीट से चुने गए थे. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव, 2012 में, वे एक स्वतंत्र उम्मीदवार दिनेश धनै से हार गए. किशोर उपाध्याय 2014 से 2017 तक कांग्रेस पार्टी की उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी या उत्तराखंड पीसीसी के अध्यक्ष रहे. किशोर उपाध्याय ने यशपाल आर्य से पदभार संभाला था. उनके कार्यकाल के दौरान, पार्टी में एक विद्रोह भी हुआ. इस दौरान 9 विधायक बीजेपी में चले गए थे और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग गया था.

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के देहरादून दौरे से पहले एक बार फिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किशोर उपाध्याय के भाजपा में जाने की चर्चाएं तेज हो गई हैं. इस बीच खबर है कि किशोर उपाध्याय (Congress leader Kishor Upadhyay) ने राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) के दिल्ली में मुलाकात के निमंत्रण को भी ठुकरा दिया है. राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि किशोर उपाध्याय को जो भी ज्यादा तवज्जो देगा किशोर उसी पाले में जाएंगे.

पिछले कई दिनों से किशोर उपाध्याय के भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हैं. उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और दूसरी कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में रहने वाले किशोर उपाध्याय इन दिनों कांग्रेस से नाराज हैं. हरीश रावत और पार्टी हाईकमान पर वह 2017 के दौरान खुद के टिकट को लेकर कई तरह के आरोप लगाते रहे हैं. लेकिन अब चर्चा है कि भाजपा हाईकमान से किशोर उपाध्याय की बातचीत चल रही है और वह जल्द ही भाजपा में शामिल भी हो सकते हैं.

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हालांकि एक चर्चा यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौजूदा दौरे के दौरान ही वे भाजपा में शामिल हो रहे हैं. बड़ी खबर यह है कि राहुल गांधी ने किशोर उपाध्याय को इन चर्चाओं को लेकर दिल्ली बुलाया था उनके साथ नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को भी बुलावा भेजा गया था. लेकिन किशोर उपाध्याय ने राहुल गांधी के दिल्ली मुलाकात के निमंत्रण को ठुकरा दिया. किशोर उपाध्याय ने ईटीवी भारत से बात करते हुए इस बात की पुष्टि की है.

हालांकि इस मामले पर जब ईटीवी भारत ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव से बात की तो उन्होंने ऐसा कुछ भी होने से इंकार कर दिया. किशोर उपाध्याय को लेकर यह चर्चा कोई सामान्य बात नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि किशोर उपाध्याय का भाजपा ही नहीं बल्कि बाकी दलों से भी संपर्क होने की खबरें हैं. चर्चा है कि जो भी किशोर उपाध्याय को ज्यादा तवज्जो देगा किशोर उपाध्याय उसी पार्टी में शामिल हो जाएंगे. कांग्रेसी नेताओं के बीच इस चर्चा को भी बल मिल रहा है कि किशोर उपाध्याय कांग्रेस में राष्ट्रीय महासचिव बनना चाहते हैं और इसलिए वह पार्टी पर दबाव बनाकर अपने कद को बढ़ाना चाहते हैं.

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बहरहाल, जो भी हो लेकिन यह बात तय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देहरादून पहुंचने के साथ ही किशोर उपाध्याय के दल-बदल को लेकर भी चर्चाएं तेजी से बढ़ रही हैं. उधर ईटीवी भारत के सवाल पर किशोर उपाध्याय ने भाजपा में जाने की चर्चाओं का खंडन भी नहीं किया है जो उनकी नाराजगी और दलबदल की कोशिशों को और भी प्रबल कर रहा है.

किशोर का सफरनामा: कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय उत्तराखंड राज्य विधानसभा चुनाव, 2007 में टिहरी विधानसभा सीट से चुने गए थे. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव, 2012 में, वे एक स्वतंत्र उम्मीदवार दिनेश धनै से हार गए. किशोर उपाध्याय 2014 से 2017 तक कांग्रेस पार्टी की उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी या उत्तराखंड पीसीसी के अध्यक्ष रहे. किशोर उपाध्याय ने यशपाल आर्य से पदभार संभाला था. उनके कार्यकाल के दौरान, पार्टी में एक विद्रोह भी हुआ. इस दौरान 9 विधायक बीजेपी में चले गए थे और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग गया था.

Last Updated : Dec 4, 2021, 11:27 AM IST
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