देहरादून: चमोली स्थित नमामि गंगे परियोजना के एसटीपी प्लांट में हादसे में 16 लोगों को जान गंवानी पड़ी. इस दुखद हादसे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नमामि गंगे परियोजना पर सवाल उठाते हुए सोशल ऑडिट कराए जाने की मांग उठाई है.उन्होंने ऑल वेदर रोड और नमामि गंगे परियोजना को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने परियोजना पर सवाल खड़े करते हुए सोशल ऑडिट की जरूरत बताई है. हरीश रावत ने कहा कि गंगा के नाम पर आखिर भ्रष्टाचार की गंगा, अनियमितताओं और असावधानियों की गंगा क्यों बनने दी जाए? उन्होंने ऑल वेदर रोड और नमामि गंगे परियोजना को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नमामि गंगे परियोजना के सोशल ऑडिट के लिए इनफ्लुएंशियल लोगों की एक टीम तैयार की जानी चाहिए. क्योंकि यह माल खाओ परियोजना बन कर रह गई है.
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उन्होंने कहा कि जिस प्रकार बदरीनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों पर देश का पैसा खर्च किया जा रहा है, लेकिन माल कहीं और जा रहा है. उसी तरह यात्रा मार्गों पर पूर्व में न्यूनतम कटिंग और मैक्सिमम, फीलिंग, चौड़ाई के लिए योजना बनाई जा रही थी, लेकिन केंद्र सरकार ने चारधाम परियोजना का नाम बदलते हुए इसे ऑल वेदर रोड परियोजना कर दिया. यात्रा मार्गों को मैक्सिमम कटिंग आधारित परियोजना में कन्वर्ट कर दिया. हरीश रावत ने कहा कि कहा कि प्रदेश में चल रही परियोजनाओं के नाम पर धन कहीं और जा रहा है.
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उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के कुछ सलेक्टेड कॉन्टैक्ट इस तरह के कामों को करके प्रदेश में लूट खसोट कर रहे हैं. नमामि गंगे परियोजना भी प्रदेश में किसी ऐसे ही ग्रुप के हाथों सौंपी गई है.