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डोईवाला में प्रस्तावित एरो इंटीग्रेटेड सिटी का कांग्रेस ने किया विरोध, हरीश रावत ने बीजेपी सरकार का साधा निशाना - देहरादून डोईवाला न्यूज

देहरादून जिले के डोईवाला में प्रस्तावित एरो इंटीग्रेटेड सिटी के विरोध में कांग्रेस भी सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रही है. इस मामले के लेकर उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कांग्रेस भवन में प्रेस वार्ता की और एरो इंटीग्रेटेड सिटी का विरोध करते हुए बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा.

Congress opposed Aero Integrated City
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Published : Jul 25, 2023, 8:09 PM IST

Updated : Jul 26, 2023, 1:33 PM IST

एरो इंटीग्रेटेड सिटी का कांग्रेस ने किया विरोध.

देहरादून: डोईवाला के पास प्रस्तावित एरो इंटीग्रेटेड सिटी का कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने विरोध किया है. हरीश रावत ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार चंद पूंजीपतियों को लाभ देने के लिए किसानों और किसानी को खत्म करने की साजिश रच रही है. इस मसले पर आज 25 जुलाई को उन्होंने उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय पर प्रेस वार्ता की.

हरीश रावत ने राज्य सरकार पर एरो इंटीग्रेटेड सिटी को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि हिमालयी राज्यों के मुताबिक टाउनशिप नहीं हो सकती और सरकार सिर्फ काल्पनिक बातें कर रही है. सरकार जिस टाउनशिप की बात कर रही है वो कॉन्सेप्ट हिमालयी राज्य, पर्यावरणीय भूगर्भीय और शहरीकरण के मानकों के दृष्टिकोण से दोष युक्त है.
पढ़ें- उत्तराखंड का ये जिला बनेगा झीलों का शहर, पर्यटन को लगेंगे पंख

हरीश रावत ने कहा कि डोईवाला क्षेत्र में किसान कांग्रेस के साथ मिलकर आंदोलनरत हैं और किसान आज भी वहां धरने पर बैठे हुए हैं. यही किसान महा गन्ना उत्पादित करते हैं और इस कांसेप्ट से गन्ना उत्पादन समाप्त हो जाएगा. इसी के साथ किसान और खेती भी खत्म हो जाएगी. इसके अलावा किसानों की आर्थिकी के लिए जरूरी देवाला का चीनी मिल भी बंद हो जाएगी, जिसमें गन्ना उत्पादित करने वाले सैकड़ों किसानों की निर्भरता है.

हरीश रावत ने कहा कि इस कांसेप्ट से गन्ना उत्पादन क्षेत्र खत्म हो जाएगा और चीनी मिल पर भी संकट गहराएगा. हरीश रावत ने इस प्रोजेक्ट का विरोध जताते हुए कहा कि इंटीग्रेटेड एरो सिटी से डोईवाला, ऋषिकेश, हरिद्वार और रायवाला आपस में जुड़ेंगे, जो मैनेजेबल नहीं होगा, और इससे बड़ी चिंताजनक स्थिति खड़ी हो जाएगी. क्योंकि इसका सारा भार देहरादून के दूसरी तरफ आ जाएगा.
पढ़ें- गरीबी रेखा से ऊपर आई देश की एक बड़ी आबादी, उत्तराखंड में भी 8 फीसदी घटा हेड काउंट रेशियो

उन्होंने इसे भूगर्भीय दृष्टिकोण से भी उचित नहीं बताया है और कहा कि इससे हजारों लोगों की रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा. हरीश रावत ने कांग्रेस नेताओं से आग्रह किया है कि उन्हें इस प्रोजेक्ट का विरोध करना चाहिए. हरीश रावत का कहना है कि कांग्रेस भले ही प्लान्ड ऑर्गेनाइजेशन की पक्षधर रही है, लेकिन इस ऑर्गेनाइजेशन का विरोध करना जरूरी है, जो सारे मानकों के खिलाफ है.

हरीश रावत का सरकार पर आरोप: रावत ने कहा कि जिस तरह से नमामि गंगे परियोजना और ऑल वेदर रोड में कुछ लोगों को लाभ दिया जा रहा है, उसी तरह बीजेपी अपने चंद पूंजीपतियों जो एक विशेष भूभाग के रहने वाले हैं, उनको लाभ पहुंचाने के लिए सरकार उत्तराखंड की बहुमूल्य धरती को उनके हाथों में सौंपने का षड्यंत्र रच रही है, जिसका कांग्रेस विरोध करेगी.
पढ़ें- उत्तराखंड में धामी सरकार ने किया सेतु का गठन, राज्य योजना आयोग हुआ समाप्त, ऐसा होगा ढांचा

प्रदेश अध्यक्ष ने भी किया विरोध: उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भी इंटीग्रेटेड एरो सिटी प्रोजेक्ट का विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट 3081 हेक्टेयर जमीन पर प्रस्तावित है, इसमें से 747 हेक्टेयर भूमि सरकार की है, जबकि 734 हेक्टेयर भूमि काश्तकारों की है. वहीं राज्य में मात्र 28% भूमि काश्तकारों के पास है, बाकी भूमि वन विभाग के पास है.

उन्होंने कहा कि सरकार एरो सिटी के नाम पर लोगों को भ्रमित कर रही है क्योंकि भूगर्भीय दृष्टिकोण से उत्तराखंड अति संवेदनशील माना जाता है और इस तरीके से गगनचुंबी इमारतों को यहां बनाना और पूंजीपतियों को लाभ देना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने सरकार से बीते डेढ़ साल में डोईवाला क्षेत्र में जमीनों की रजिस्ट्री की जांच की मांग उठाई और कहा कि किन लोगों ने बीते डेढ़ सालों में कितनी भूमि खरीदी है, इसकी जांच की जानी चाहिए.

एरो इंटीग्रेटेड सिटी का कांग्रेस ने किया विरोध.

देहरादून: डोईवाला के पास प्रस्तावित एरो इंटीग्रेटेड सिटी का कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने विरोध किया है. हरीश रावत ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार चंद पूंजीपतियों को लाभ देने के लिए किसानों और किसानी को खत्म करने की साजिश रच रही है. इस मसले पर आज 25 जुलाई को उन्होंने उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय पर प्रेस वार्ता की.

हरीश रावत ने राज्य सरकार पर एरो इंटीग्रेटेड सिटी को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि हिमालयी राज्यों के मुताबिक टाउनशिप नहीं हो सकती और सरकार सिर्फ काल्पनिक बातें कर रही है. सरकार जिस टाउनशिप की बात कर रही है वो कॉन्सेप्ट हिमालयी राज्य, पर्यावरणीय भूगर्भीय और शहरीकरण के मानकों के दृष्टिकोण से दोष युक्त है.
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हरीश रावत ने कहा कि डोईवाला क्षेत्र में किसान कांग्रेस के साथ मिलकर आंदोलनरत हैं और किसान आज भी वहां धरने पर बैठे हुए हैं. यही किसान महा गन्ना उत्पादित करते हैं और इस कांसेप्ट से गन्ना उत्पादन समाप्त हो जाएगा. इसी के साथ किसान और खेती भी खत्म हो जाएगी. इसके अलावा किसानों की आर्थिकी के लिए जरूरी देवाला का चीनी मिल भी बंद हो जाएगी, जिसमें गन्ना उत्पादित करने वाले सैकड़ों किसानों की निर्भरता है.

हरीश रावत ने कहा कि इस कांसेप्ट से गन्ना उत्पादन क्षेत्र खत्म हो जाएगा और चीनी मिल पर भी संकट गहराएगा. हरीश रावत ने इस प्रोजेक्ट का विरोध जताते हुए कहा कि इंटीग्रेटेड एरो सिटी से डोईवाला, ऋषिकेश, हरिद्वार और रायवाला आपस में जुड़ेंगे, जो मैनेजेबल नहीं होगा, और इससे बड़ी चिंताजनक स्थिति खड़ी हो जाएगी. क्योंकि इसका सारा भार देहरादून के दूसरी तरफ आ जाएगा.
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उन्होंने इसे भूगर्भीय दृष्टिकोण से भी उचित नहीं बताया है और कहा कि इससे हजारों लोगों की रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा. हरीश रावत ने कांग्रेस नेताओं से आग्रह किया है कि उन्हें इस प्रोजेक्ट का विरोध करना चाहिए. हरीश रावत का कहना है कि कांग्रेस भले ही प्लान्ड ऑर्गेनाइजेशन की पक्षधर रही है, लेकिन इस ऑर्गेनाइजेशन का विरोध करना जरूरी है, जो सारे मानकों के खिलाफ है.

हरीश रावत का सरकार पर आरोप: रावत ने कहा कि जिस तरह से नमामि गंगे परियोजना और ऑल वेदर रोड में कुछ लोगों को लाभ दिया जा रहा है, उसी तरह बीजेपी अपने चंद पूंजीपतियों जो एक विशेष भूभाग के रहने वाले हैं, उनको लाभ पहुंचाने के लिए सरकार उत्तराखंड की बहुमूल्य धरती को उनके हाथों में सौंपने का षड्यंत्र रच रही है, जिसका कांग्रेस विरोध करेगी.
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प्रदेश अध्यक्ष ने भी किया विरोध: उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भी इंटीग्रेटेड एरो सिटी प्रोजेक्ट का विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट 3081 हेक्टेयर जमीन पर प्रस्तावित है, इसमें से 747 हेक्टेयर भूमि सरकार की है, जबकि 734 हेक्टेयर भूमि काश्तकारों की है. वहीं राज्य में मात्र 28% भूमि काश्तकारों के पास है, बाकी भूमि वन विभाग के पास है.

उन्होंने कहा कि सरकार एरो सिटी के नाम पर लोगों को भ्रमित कर रही है क्योंकि भूगर्भीय दृष्टिकोण से उत्तराखंड अति संवेदनशील माना जाता है और इस तरीके से गगनचुंबी इमारतों को यहां बनाना और पूंजीपतियों को लाभ देना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने सरकार से बीते डेढ़ साल में डोईवाला क्षेत्र में जमीनों की रजिस्ट्री की जांच की मांग उठाई और कहा कि किन लोगों ने बीते डेढ़ सालों में कितनी भूमि खरीदी है, इसकी जांच की जानी चाहिए.

Last Updated : Jul 26, 2023, 1:33 PM IST
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