देहरादून: कांग्रेस नेताओं के टि्वटर अकाउंट ब्लॉक और निलंबित होने से नाराज कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने स्वरूप एश्ले हॉल चौक पर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही सरकार का पुतला फूंका. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार कांग्रेस की बढ़ती लोकप्रियता से घबरा गई है. इसलिए ट्विटर पर दबाव बनाकर अकाउंट ब्लॉक व सस्पेंड करा रही है.
कांग्रेस आईटी सेल के संयोजक अमरजीत ने राहुल गांधी समेत पार्टी नेताओं के ट्विटर अकाउंट ब्लॉक किए जाने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खाते को ब्लॉक करने के साथ-साथ ट्विटर ने देश भर के कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं के 5,000 से अधिक टि्वटर अकाउंट बंद करने या फिर उनसे छेड़छाड़ का कार्य किया है. साथ ही पार्टी के आधिकारिक हैंडल को भी ब्लॉक कर दिया गया है.
अमरजीत ने आरोप लगाया कि इसमें केंद्र सरकार का हाथ है, क्योंकि केंद्र की सरकार कांग्रेस की बढ़ती लोकप्रियता से घबरा गई है. केंद्र सरकार के दबाव में आकर जिस तरह से ट्विटर हरकत कर रहा है, उससे पता चलता है कि भाजपा को राहुल गांधी और कांग्रेस का कितना खौफ हो चुका है.
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अमरजीत ने कहा कि बीते दिनों दिल्ली में दुष्कर्म पीड़िता बच्ची को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा आवाज उठाई गई. ऐसे में यदि शोषितों की आवाज उठाना अपराध है तो ये अपराध हम बार-बार करेंगे.
वहीं, कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष विशाल मौर्य ने कहा कांग्रेस के तमाम शीर्ष नेताओं के ट्विटर अकाउंट केंद्र सरकार के दबाव में ब्लॉक या निलंबित किए जा रहे हैं. कांग्रेस पार्टी इसका पुरजोर विरोध करती है. यह लोकतंत्र में विपक्षी स्वरों को चुप कराने का षड्यंत्र है. कांग्रेस पार्टी इस मामले में चुप नहीं बैठेगी और इस दमनकारी नीति के खिलाफ जनता के बीच जाकर केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोलेगी.
कांग्रेसियों का कहना है कि जिस तरह केंद्र सरकार ने ट्विटर पर दबाव बनाकर राहुल गांधी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, अमरजीत सिंह समेत अन्य नेताओं के ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक व सस्पेंड किया है, इसके विरोध में कांग्रेस यह बताने जा रही है कि केंद्र सरकार ट्विटर को दबाव में लेकर हमारे नेताओं की बात जनता तक नहीं पहुंचने देना चाहती है.