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विजयवर्गीय के दौरे से कांग्रेस हुई अलर्ट, 'खेल' के डर से वरिष्ठ नेता उत्तराखंड में डालेंगे डेरा

10 मार्च को उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे आएंगे. नतीजों के बाद बीजेपी बहुमत के साथ कोई खेल न कर दे, इसी आशंका को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान अपने वरिष्ठ नेताओं का दल उत्तराखंड भेज रहा है. सोमवार (7 मार्च) को बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं मतगणना को लेकर एक बैठक भी की है, जिसमें बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी शामिल हुए. इसके बाद कांग्रेस और अलर्ट हो गई है.

Bhupesh Baghel
भूपेश बघेल
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Published : Mar 7, 2022, 7:06 PM IST

Updated : Mar 7, 2022, 8:02 PM IST

देहरादून: दो दिन बाद उत्तराखंड के राजनीतिक भविष्य का फैसला होगा. 10 मार्च को उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे आएंगे. मतगणना को लेकर बीजेपी और कांग्रेस अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी है. इस बीच कांग्रेस को डर भी सता रहा है कि बीजेपी मतगणना के दौरान और बाद में बहुमत नहीं मिलने पर बड़ा 'खेल' भी कर सकती है. इसलिए कांग्रेस हाईकमान ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक दल को उत्तराखंड भेजने पर सहमति जताई है.

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोहन प्रकाश और उत्तराखंड के एआईसीसी प्रभारी देवेंद्र यादव बुधवार को देहरादून पहुंच रहे हैं. ये सभी नेता उत्तराखंड में मतगणना से पहले और बाद में राजनीतिक स्थिति का जायजा लेंगे.
पढ़ें- विजयवर्गीय की एंट्री पर बोले हरीश रावत- 'लोकतंत्र के पहरुओ सावधान, कांग्रेस तो सावधान है ही है'

दरअसल, उत्तराखंड में कांग्रेस दावा कर रही है कि इस बार वो 45 से ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बना रहे हैं, लेकिन उन्हें डर भी सता रहा है कि मतगणना के बाद बीजेपी 2016 की तरह उत्तराखंड के लोकतंत्र के साथ खेल भी कर सकती है. यानी बहुमत न होते हुई भी बीजेपी उत्तराखंड में सरकार बनाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त भी कर सकती है. इससे पहले भी कांग्रेस ईवीएम और पोस्टल बैलेट से भी छेड़छाड़ की आशंका जता चुकी है.

वहीं, सोमवार को हुई बीजेपी की बैठक पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि बीजेपी की इस बैठक का सीधा-सीधा मतलब ये ही है कि उन्हें जीतने का कोई भरोसा नहीं रह गया है इसलिए बीजेपी ने अपनी जोड़तोड़ की राजनीति आज ही शुरू कर दी है. कैलाश विजयवर्गीय जिस मकसद से उत्तराखंड की पावन धरती पर कदम रखा है, उसे कांग्रेस फलीभूत नहीं होने देगी.

पढ़ें- हरीश रावत के 'डर' पर बोले विजयवर्गीय, कांग्रेस का मनोबल टूटा, दो तिहाई बहुमत से आ रही BJP'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी कैलाश विजयवर्गीय के उत्तराखंड आने पर बिना नाम लिए कहा कि बंगाल में भी इन्होंने इसी तरीके की खरीद-फरोख्त की और पिटे भी. बिहार में भी इसी तरीके की खरीद-फरोख्त कोशिश की और पिटे भी. इस काम में इनका हौसला इतना बढ़ा है कि 2016 में उत्तराखंड में की गई खरीद-फरोख्त के बाद अब फिर से ये पुराने शातिर खिलाड़ी उत्तराखंड पहुंच चुके हैं. ''मैं कहना चाहता हूं कि उत्तराखंड के लोकतंत्र पहरुओ सावधान, कांग्रेस तो सावधान है ही है''.

उत्तराखंड में पार्टी के बड़े नेताओं की इस तरह की आशंकाओं के देखते हुए कांग्रेस हाईकमान अब अपने वरिष्ठ नेताओं का एक दल उत्तराखंड भेज रहा है, जो यहां पर पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और नेताओं के बैठक करेंगे और मतगणना व उसके बाद की रणनीति पर विचार करेगा.
पढ़ें- Election 2022: BJP ने वरिष्ठ नेताओं को सौंपा काम, 5 विधायकों की संभालेंगे जिम्मेदारी

देहरादून: दो दिन बाद उत्तराखंड के राजनीतिक भविष्य का फैसला होगा. 10 मार्च को उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे आएंगे. मतगणना को लेकर बीजेपी और कांग्रेस अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी है. इस बीच कांग्रेस को डर भी सता रहा है कि बीजेपी मतगणना के दौरान और बाद में बहुमत नहीं मिलने पर बड़ा 'खेल' भी कर सकती है. इसलिए कांग्रेस हाईकमान ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक दल को उत्तराखंड भेजने पर सहमति जताई है.

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोहन प्रकाश और उत्तराखंड के एआईसीसी प्रभारी देवेंद्र यादव बुधवार को देहरादून पहुंच रहे हैं. ये सभी नेता उत्तराखंड में मतगणना से पहले और बाद में राजनीतिक स्थिति का जायजा लेंगे.
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दरअसल, उत्तराखंड में कांग्रेस दावा कर रही है कि इस बार वो 45 से ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बना रहे हैं, लेकिन उन्हें डर भी सता रहा है कि मतगणना के बाद बीजेपी 2016 की तरह उत्तराखंड के लोकतंत्र के साथ खेल भी कर सकती है. यानी बहुमत न होते हुई भी बीजेपी उत्तराखंड में सरकार बनाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त भी कर सकती है. इससे पहले भी कांग्रेस ईवीएम और पोस्टल बैलेट से भी छेड़छाड़ की आशंका जता चुकी है.

वहीं, सोमवार को हुई बीजेपी की बैठक पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि बीजेपी की इस बैठक का सीधा-सीधा मतलब ये ही है कि उन्हें जीतने का कोई भरोसा नहीं रह गया है इसलिए बीजेपी ने अपनी जोड़तोड़ की राजनीति आज ही शुरू कर दी है. कैलाश विजयवर्गीय जिस मकसद से उत्तराखंड की पावन धरती पर कदम रखा है, उसे कांग्रेस फलीभूत नहीं होने देगी.

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी कैलाश विजयवर्गीय के उत्तराखंड आने पर बिना नाम लिए कहा कि बंगाल में भी इन्होंने इसी तरीके की खरीद-फरोख्त की और पिटे भी. बिहार में भी इसी तरीके की खरीद-फरोख्त कोशिश की और पिटे भी. इस काम में इनका हौसला इतना बढ़ा है कि 2016 में उत्तराखंड में की गई खरीद-फरोख्त के बाद अब फिर से ये पुराने शातिर खिलाड़ी उत्तराखंड पहुंच चुके हैं. ''मैं कहना चाहता हूं कि उत्तराखंड के लोकतंत्र पहरुओ सावधान, कांग्रेस तो सावधान है ही है''.

उत्तराखंड में पार्टी के बड़े नेताओं की इस तरह की आशंकाओं के देखते हुए कांग्रेस हाईकमान अब अपने वरिष्ठ नेताओं का एक दल उत्तराखंड भेज रहा है, जो यहां पर पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और नेताओं के बैठक करेंगे और मतगणना व उसके बाद की रणनीति पर विचार करेगा.
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Last Updated : Mar 7, 2022, 8:02 PM IST
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