देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 (Uttarakhand Assembly Election 2022) में कांग्रेस यूपी की तरह महिलाओं को 40 फीसदी सीटें तो नहीं दे पाई, लेकिन घोषणा पत्र में महिलाओं को तवज्जो जरूर दी है. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र (Congress manifesto for Uttarakhand) 'उत्तराखंडी स्वाभिमान प्रतिज्ञा पत्र' में प्रदेश की आधी आबादी यानी महिलाओं को लुभाने की पूरी कोशिश की और सरकारी विभागों में महिलाओं को 40 प्रतिशत तक नौकरी देने का वादा किया है.
महिलाओं को रिझाने की पूरी कोशिश: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी बुधवार 2 फरवरी को देहरादून में थीं. यहां उन्होंने कांग्रेस की वर्जुअली रैली को संबोधित किया. इसी के साथ उन्होंने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए कांग्रेस का घोषणा पत्र भी जारी किया. कांग्रेस के घोषणा पत्र पर यदि नजर डालें तो पार्टी का पूरा फोकस महिलाओं पर है. कांग्रेस ने महिलाओं को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. हालांकि ये अलग बात है कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस महिला प्रत्याशियों को ज्यादा तवज्जो नहीं दे पाई. कांग्रेस ने उत्तराखंड में 70 से 5 सीटों पर ही महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया है.
सरकारी नौकरी में महिलाओं को प्राथमिकता: कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 40 प्रतिशत प्राथमिकता देने का वादा किया है. इसके साथ ही उत्तराखंड पुलिस विभाग में भी 40 प्रतिशत महिलाओं की भर्ती की जाएगी. सरकारी बसों में महिलाएं मुफ्त यात्रा कर सकेंगी. आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में डेढ़ गुना वृद्धि की जाएगी. वहीं, उत्तराखंड में घरेलू गैस सिलेंडर के दाम 500 से ज्यादा नहीं होंगे.
प्रियंका ने दोहराया 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' नारा: वहीं, प्रियंका अपने संबोधन के दौरान भी महिलाओं को आगे बढ़ाने के पक्ष में बोलती दिखीं. अपने 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' के नारे को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि जब भी वो अपनी माताओं-बहनों से मिलती हैं वो उनकी परेशानी देख वो दुखी हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि, पहाड़ की महिलाओं को जीवन और भी कठिन है क्योंकि न यहां स्वास्थ्य सुविधाएं अच्छी हैं न रोजमर्रा का जीवन. स्वास्थ्य सेवाएं न मिलने से सबसे ज्यादा गर्भवती महिलाओं को कष्ट झेलना पड़ता है. उनको बहुत दर्द झेलना पड़ता है.
प्रियंका ने ये भी बताया कि, उत्तराखंड में हर 5 घंटे एक महिला के साथ अत्याचार होता है. जो पहाड़ी राज्य हैं वहां महिलाओं को सबसे अधिक मुश्किल होती है. उन्होंने सवाल किया कि, इस वर्तमान बीजेपी सरकार ने महिलाओं के लिए क्या किया? सबसे ज्यादा बेरोजगारी महिलाओं में ही है. यहां तमाम महिलाएं बेरोजगार हैं, आशाएं-आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय भी सालों से नहीं बढ़ाया गया है.
प्रियंका ने प्रदेश की महिलाओं से आगे आकर बढ़-चढ़कर मतदान में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की बात कही. उन्होंने महिलाओं से अपना हक मांगने को कहा. उन्होंने कहा कि, अपने हक के आधार पर अपना वोट दें, तभी आगे बढ़ सकेंगे और तभी प्रदेश और देश आगे बढ़ेगा. खासतौर पर महिलाओं को वो ये कहना चाहती हैं कि आप लड़की हो, लड़ सकती हो अपने हक के लिए. आपका हक आपका सबसे बड़ा हथियार है, ध्यान से उसका इस्तेमाल कीजिए.