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घसियारी कल्याण योजना को लेकर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, धामी सरकार को घेरा - Home Minister Amit Shah

उत्तराखंड मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना लॉन्च होने से पहले ही कांग्रेस ने इसका विरोध शुरू कर दिया हैं. कांग्रेस का कहना है कि आज जब महिलाएं हर क्षेत्र में प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं. ऐसे में बीजेपी सरकार पहाड़ की बहन-बेटियों को घसियारी की पहचान देने जा रही है. कांग्रेस इसको कतई बर्दाश्त नहीं करेगी.

Objection to CM Ghasyari Kalyan Yojana
Objection to CM Ghasyari Kalyan Yojana
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Published : Oct 28, 2021, 6:12 PM IST

Updated : Oct 28, 2021, 6:45 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सभी पार्टियां चुनावों की तैयारियों में जुटी हैं. इस बीच गृहमंत्री अमित शाह 30 अक्टूबर को देहरादून पहुंचेंगे और मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना का शुभारंभ करेंगे, लेकिन योजना के नाम को लेकर घमासान शुरू हो गया है. कांग्रेस पार्टी ने राज्य सरकार की मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना पर आपत्ति जताई है. कांग्रेस का कहना है कि भाजपा हमारे पहाड़ों की बेटियों और बहनों के हाथ में कलम की ताकत छीन कर वापस उनके हाथ में दराती पकड़ाने जा रही है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि भाजपा पहाड़ों में मुफ्त की घास को भी तिजारत (व्यापार) बना रही है. उन्होंने कहा कि अपने मवेशियों को मुफ्त में घास देने का अधिकार अंग्रेजों के समय से चला आ रहा है. लेकिन भाजपा अब उस हकहुकूक को भी छीनने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल में अब मनुष्य ही नहीं बल्कि मवेशी भी कष्ट में आने वाले हैं. क्योंकि प्रदेश की भाजपा सरकार इस योजना के माध्यम से हमारे पहाड़ों की बेटियों और बहनों के हाथों से कलम की ताकत को छीन कर वापस उनके हाथ में दराती पकड़ाना चाह रही है.

घसियारी कल्याण योजना को लेकर कांग्रेस ने जताई आपत्ति.

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी घसियारी योजना के नाम पर आपत्ति जताते हुएठ बीजेपी और आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा है. हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड के पुरुष को देश और दुनिया में उसके शौर्य पराक्रम और राष्ट्र भक्ति के लिए जाना जाता है. लेकिन आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली में उत्तराखंड के पुरुषों की पहचान चौकीदार ढाबे के नौकर, ड्राइवर के रूप में है.

हरीश रावत ने कहा कि हमारे प्रदेश की माताओं और बहनों की तुलना तीलू रौतेली, जिया रानी, गौरा देवी से की जाती है. वहीं, आज के युग की बात करें तो कई महिलाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनाते हुए हमारे उत्तराखंड को पहचान दी लेकिन भाजपा हमारी पहचान घसियारी की बनाना चाहती है. यह पहचान हमें बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है.

पढ़ें- बारिश ऐप की अपार 'सफलता' के बाद धन सिंह रावत की नई पेशकश, अब खुलवाएंगे 'घास की दुकान', लोगों ने लिए मजे

कांग्रेस ने इस योजना के नाम पर घोर आपत्ति जताते हुए कहा कि जब आज जब महिलाएं चार्टेड प्लेन उड़ा रही हैं, एवरेस्ट क्लाइंब कर रही हैं और खेल जगत में अपना ऊंचा नाम कर रही हैं. तब भाजपा हमारे पहाड़ की बेटियों और बहनों को घसियारी की पहचान दे रही है.

देहरादून: उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सभी पार्टियां चुनावों की तैयारियों में जुटी हैं. इस बीच गृहमंत्री अमित शाह 30 अक्टूबर को देहरादून पहुंचेंगे और मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना का शुभारंभ करेंगे, लेकिन योजना के नाम को लेकर घमासान शुरू हो गया है. कांग्रेस पार्टी ने राज्य सरकार की मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना पर आपत्ति जताई है. कांग्रेस का कहना है कि भाजपा हमारे पहाड़ों की बेटियों और बहनों के हाथ में कलम की ताकत छीन कर वापस उनके हाथ में दराती पकड़ाने जा रही है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि भाजपा पहाड़ों में मुफ्त की घास को भी तिजारत (व्यापार) बना रही है. उन्होंने कहा कि अपने मवेशियों को मुफ्त में घास देने का अधिकार अंग्रेजों के समय से चला आ रहा है. लेकिन भाजपा अब उस हकहुकूक को भी छीनने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल में अब मनुष्य ही नहीं बल्कि मवेशी भी कष्ट में आने वाले हैं. क्योंकि प्रदेश की भाजपा सरकार इस योजना के माध्यम से हमारे पहाड़ों की बेटियों और बहनों के हाथों से कलम की ताकत को छीन कर वापस उनके हाथ में दराती पकड़ाना चाह रही है.

घसियारी कल्याण योजना को लेकर कांग्रेस ने जताई आपत्ति.

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी घसियारी योजना के नाम पर आपत्ति जताते हुएठ बीजेपी और आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा है. हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड के पुरुष को देश और दुनिया में उसके शौर्य पराक्रम और राष्ट्र भक्ति के लिए जाना जाता है. लेकिन आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली में उत्तराखंड के पुरुषों की पहचान चौकीदार ढाबे के नौकर, ड्राइवर के रूप में है.

हरीश रावत ने कहा कि हमारे प्रदेश की माताओं और बहनों की तुलना तीलू रौतेली, जिया रानी, गौरा देवी से की जाती है. वहीं, आज के युग की बात करें तो कई महिलाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनाते हुए हमारे उत्तराखंड को पहचान दी लेकिन भाजपा हमारी पहचान घसियारी की बनाना चाहती है. यह पहचान हमें बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है.

पढ़ें- बारिश ऐप की अपार 'सफलता' के बाद धन सिंह रावत की नई पेशकश, अब खुलवाएंगे 'घास की दुकान', लोगों ने लिए मजे

कांग्रेस ने इस योजना के नाम पर घोर आपत्ति जताते हुए कहा कि जब आज जब महिलाएं चार्टेड प्लेन उड़ा रही हैं, एवरेस्ट क्लाइंब कर रही हैं और खेल जगत में अपना ऊंचा नाम कर रही हैं. तब भाजपा हमारे पहाड़ की बेटियों और बहनों को घसियारी की पहचान दे रही है.

Last Updated : Oct 28, 2021, 6:45 PM IST
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