देहरादूनः शहीद राज्य आंदोलनकारी राजेश रावत के खिलाफ अमर्यादित बयानबाजी मामले में प्रदेश कांग्रेस ने बड़ी कार्रवाई की है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने तत्काल प्रभाव से पार्षद और महानगर कांग्रेस पदाधिकारी मीना बिष्ट को पार्टी से निलंबित कर दिया है. उधर, शहीद की मां ने एसएसपी को शिकायत पत्र सौंपकर मीना बिष्ट के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन मथुरा दत्त जोशी ने बताया कि नगर निगम सदन की कार्रवाई के दौरान राज्य निर्माण के शहीद आंदोलनकारी राजेश रावत के खिलाफ की गई अमर्यादित टिप्पणी का पार्टी नेतृत्व ने संज्ञान लिया है. मामले में मीना बिष्ट को तत्काल प्रभाव से पार्टी की सदस्यता से निलंबित (Congress expelled Meena Bisht) कर दिया है. उन्होंने बताया कि आंदोलनकारी और आम जनता इससे आहत हुई है.
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उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य का सपना आंदोलन के शहीदों की शहादत के कारण साकार हो पाया था. उत्तराखंड राज्य शहीद आंदोलनकारियों की धरोहर है. ऐसे में पार्षद मीना बिष्ट का अमर्यादित व्यवहार गरिमा के अनुकूल नहीं है. इस संबंध में मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने पार्टी के नगर निगम पार्षदों की बैठक बुलाई. वहीं, मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत ने बुधवार को शहीद राजेश रावत के मूर्ति पर पुष्प चढ़ाकर क्षमा मांगने की बात कही है.
शहीद राजेश रावत को पत्थरबाज बयान मामले में एसएसपी को शिकायतः कांग्रेस पार्षद मीना बिष्ट की ओर से नगर निगम की बोर्ड बैठक में शहीद राजेश रावत को पत्थरबाज कहने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, कांग्रेस पार्षद के इस बयान से बेहद खफा हैं. इसी कड़ी में देहरादून शहीद स्मारक में राज्य आंदोलनकारियों ने बैठक की. राज्य आंदोलनकारियों की कांग्रेस पार्षद से मांग है कि वो शहीद राजेश रावत के परिवार से माफी मांगे और शहीद स्मारक पर जाकर पश्चाताप करें.
वहीं, आज शहीद राजेश रावत की माता समेत काफी संख्या में कॉलोनीवासी एसएसपी से मुलाकात करने पहुंचे. जहां उन्होंने एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी से मिलकर पार्षद मीना बिष्ट के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर शिकायत पत्र दिया. शहीद राजेश रावत की माता सरोज का कहना है कि पार्षद मीना बिष्ट ने उनके शहीद बेटे को पत्थरबाज और आतंकवादी बताया है. उनके बेटे जैसे आंदोलनकारियों ने शहीद होकर राज्य बनाया है. राज्य बनने के बाद ही मीना बिष्ट को पार्षद बनने का मौका मिला है, लेकिन आज वो पार्षद एक शहीद को आतंकवादी बता रही है. शहीद के लिए इस तरह के शब्द बोलना गलत है.
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क्या था मामलाः गौर हो कि 25 अप्रैल यानी सोमवार को देहरादून नगर निगम की बोर्ड बैठक में चंदर रोड का नाम शहीद राजेश रावत के नाम पर रखे जाने का प्रस्ताव आया था. जिसमें उसी वार्ड की भी पार्षद मीना बिष्ट ने आपत्ति जताई थी. उन्होंने पहले कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला नहीं है, लेकिन मामला तब बिगड़ा जब उन्होंने शहीद राजेश रावत को पत्थरबाज कह दिया. इस दौरान नगर निगम की बोर्ड बैठक में जमकर हंगामा भी हुआ था. हालांकि, पार्षद की आपत्ति के साथ बोर्ड ने प्रस्ताव पास कर दिया था.