देहरादून: कोविड-19 से लड़ने के लिए उत्तराखंड में भाजपा के जनप्रतिनिधियों द्वारा राहत कोष में अपने वेतन का कुछ हिस्सा दिया जा रहा है, लेकिन सत्ता पक्ष की ओर से विपक्ष पर आरोप लगाया जा रहा है कि वह कोविड-19 में अपना सहयोग नहीं देना चाहते हैं.
देशभर में कोरोना वायरस ने हाहाकार मचा रखा है. ऐसे में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए समाज का हर एक वर्ग आगे आ रहा है, तो वहीं सरकार की ओर से भी ऐलान किया गया है कि हर एक विधायक अपने वेतन का 30 फीसदी कोविड-19 से लड़ने के लिए सीएम राहत कोष में जमा कराएगा. तो वहीं सरकार में दायित्वधारी मंत्री अपने 5 दिन के वेतन को मुख्यमंत्री राहत कोष में देने जा रहे हैं. ऐसे में सरकार द्वारा सवाल विपक्षी विधायकों पर उठाया जा रहा है.
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शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक द्वारा स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि अगर कांग्रेस के 11 विधायकों द्वारा कोविड-19 में सहयोग नहीं दिया जा रहा है, तो यह माना जा सकता है कि विपक्ष द्वारा कोविड-19 में सहयोग नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 70 विधायकों में से अगर कांग्रेस के 11 विधायक कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अपने वेतन का कुछ हिस्सा नहीं देते हैं तो उससे कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है, लेकिन यह माना जा सकता है कि कांग्रेस कोविड-19 से लड़ने के लिए राज्य में अपना कोई सहयोग देने के लिए तैयार नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 11 विधायक अगर कोविड-19 से लड़ने के लिए योगदान नहीं देना चाहते तो ऐसे में नेता प्रतिपक्ष सीएम के यहां लिख कर दे दें.